पाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0: अब हम 'धर्म' शब्द से परहेज नहीं करते: अतुल जैन
May 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

पाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0: अब हम ‘धर्म’ शब्द से परहेज नहीं करते: अतुल जैन

हम पूरी दुनिया के साथ कदम ताल करके आगे बढ़ रहे हैं, जिसकी प्रेरणा राष्ट्रधर्म से मिलती है। हमारे मंदिरों में धर्म का समागम होता है और राष्ट्रधर्म किस तरह से उसमें निहित होता है, उसे हम सब जानते हैं।

by Kuldeep singh
Dec 26, 2023, 09:17 am IST
in भारत, गोवा
Panchjanya Sagar Manthan Good Governance 2.0 Atul Jain

अतुल जैन, दीन दयाल शोध संस्थान के महासचिव

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पाञ्चजन्य के सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0 में उपस्थित दीन दयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट के महासचिव अतुल जैन ने राष्ट्रधर्म को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि इस दशक में (मोदी सरकार का कार्यकाल) सबसे अच्छी चीज ये हुई है कि अब हम धर्म शब्द से परहेज नहीं कर रहे हैं। धर्म हमारे एथिक्स है। ये भारत की दृष्टि से सर्वमान्य है। ये देश के लिए अनुकूल होने के साथ ही तकनीक के लिए अनुकूल है।

हम पूरी दुनिया के साथ कदम ताल करके आगे बढ़ रहे हैं, जिसकी प्रेरणा राष्ट्रधर्म से मिलती है। हमारे मंदिरों में धर्म का समागम होता है और राष्ट्रधर्म किस तरह से उसमें निहित होता है, उसे हम सब जानते हैं, लेकिन कभी हम लोगों ने कभी उस तरीके से समझने का प्रयास नहीं किया। अपनी स्पीच के दौरान अतुल जैन ने मंदिरों में सकारात्मक ऊर्जा को लेकर कहा कि दीन दयाल शोध संस्थान के जरिए एक सर्वे किया गया, जिसमें 65 चीजें पता चलीं।

इसे भी पढ़ें: पाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0: 450 साल तक पुर्तगालियों ने शासन किया, हमने अपनी संस्कृति को बचाया: प्रमोद सावंत

हम लोगों ने ये महसूस किया कि मंदिर में जाकर बैठे तो वहां एक समरसता का भाव पैदा होता है। शांति होती है। मंदिरों में हमें समृद्धि का अहसास होता है। मंदिरों से हमें पता चला कि आर्किटेक्ट का पता चला है, कि मंदिरों की संरचना बहुत ही आधुनिक है। इसमें बहुत ही प्राचीन स्थापत्य कला का पता चलता है। भारत की कलाओं को वापस लाने में मंदिरों का बड़ा योगदान रहा है।

इसके अलावा मंदिरों से फूड सिक्योरिटी, पोषण और बायो डायवर्सिटी का अच्छा मैनेजमेंट मिलता है। गोवा मुक्ति संग्राम के दौरान मंदिरों की बड़ी भूमिका रही। उस दौरान जो क्रांतिकारी थे वो भजन कीर्तन के माध्यम से मंदिरों में आश्रय लेते थे। आधुनिक समय में जब भी देश में कोई प्राकृतिक आपदाएं आती हैं तो मंदिरों के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। मंदिरों का राष्ट्रधर्म से बड़ा गहरा नाता रहा है।

अतुल जैन ने कहा कि अटल जी इस संगठन के प्रथम अध्यक्ष थे। अटल बिहारी ने 1947 में राष्ट्रधर्म नाम की पत्रिका को शुरू किया था। राष्ट्रधर्म चतुष्पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की संकल्पना है। दीन दयाल शोध संस्थान के कार्यकर्ता देशभर में जानकारियों को बांटा जाता है। 2002 में अटल जी ने गोवा के तट से अपनी म्यूजिंग्स ली थी, जिसमें राष्ट्रधर्म का जिक्र था। 9.5 वर्षों में हमने देखा है कि भारत राष्ट्र धर्म के कारण दुनियाभर में काफी आगे निकला है।

Topics: Ayurvedपाञ्चजन्य सागर मंथन सुशासन संवाद 2.0Dindayal Research Institute#panchjanyaAtul Jainगोवादीन दयाल रिसर्च इंस्टीट्यूटपाञ्चजन्यअतुल जैनआयुर्वेदGoaPanchjanya Sagar manthan Samvadपांञ्चजन्य सागर मंथन संवादPanchjanya Sagar Manthan Good Governance Samvad 2.0
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गोवा : धार्मिक लैराई जात्रा के दौरान भगदड़, 6 की मौत, 15 घायल, प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री सावंत से की बात

वक्फ संशोधन विधेयक : तुष्टीकरण की राजनीति पर संवैधानिक अंकुश

राज कुमार भाटिया को प्रदान किया गया प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

राज कुमार भाटिया को मिला पहला प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

Panchjanya Manthan CM Yogi Aaditynath Sanatan Dharma

औरंगजेब पर सीएम योगी की खरी-खरी: विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन बंद करें नहीं तो संभल जैसा सच सामने आएगा

अमृत अभिजात जी

महाकुंभ में CM योगी आदित्यनाथ की पहल: पुलिस प्रशिक्षण और जनता के व्यवहार से मिली सफलता- अमृत अभिजात

अवनीश कुमार अवस्थी

महाकुंभ 2025: भारतीय संस्कृति, भव्यता और विश्वस्तरीय आयोजन की नई मिसाल- अवनीश कुमार अवस्थी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

शिक्षा के साथ संस्कार से होगा मानव का समग्र विकास : सुरेश सोनी

अली खान महमूदाबाद

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को भेजा गया जेल

भारतीय ज्ञान परंपरा में मास और ऋतुचक्र : हमारी संस्कृति, हमारी पहचान

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं) ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को संभवत: उनका कद याद दिलाया

मैक्रों से अलग से बैठक की यूनुस की मंशा पर फिरा पानी, France के राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का वक्त

नई दिल्ली : SSB ने 27 उग्रवादी किए ढेर, 184 घुसपैठिए भी गिरफ्तार

क्या ट्रांस-टोडलर्स हो सकते हैं? कितना घातक है यह शब्द?

1-2 बार नहीं 100 बार पकड़ा गया पाकिस्तान : BSF ने 3 घुसपैठिए किए ढेर, घातक हथियार बरामद

भारतीय नौसेना के समुद्री बेड़े में शामिल किये जाएंगे ‘प्राचीन सिले हुए जहाज’

गढ़चिरौली : 36 लाख रुपये की इनामी 5 नक्सली महिलाएं गिरफ्तार, घातक हथियार बरामद

Dr. Jayant Narlikar का निधन, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुःख

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies