लोकमंथन भाग्यनगर 2024: राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

लोकमंथन भाग्यनगर 2024: राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव

भाग्यनगर (हैदराबाद) में "लोकमंथन भाग्यनगर-2024: राष्ट्र-प्रथम विचारकों और अभ्यासकर्ताओं का एक संगोष्ठी" कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समृद्धि पर गहन विचार-विमर्श का मंच प्रदान किया।

by Mahak Singh
Aug 20, 2024, 07:58 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भाग्यनगर (हैदराबाद) में “लोकमंथन भाग्यनगर-2024: राष्ट्र-प्रथम विचारकों और अभ्यासकर्ताओं का एक संगोष्ठी” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समृद्धि पर गहन विचार-विमर्श का मंच प्रदान किया। शनिवार शाम को नेकलेस रोड स्थित जलविहार में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों के विद्वान, सेवानिवृत्त सिविल सेवक, रक्षाकर्मी, चिकित्सक और नेता शामिल हुए, जिन्होंने भारत की प्रगति और अखंडता के केंद्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम की शुरुआत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन समारोह से हुई, जिसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की श्रृंखला शुरू हुई। कलाकारों ने ओग्गू डोलू, डप्पू डोलू, बाथुकम्मा, पोथराजू जैसे पारंपरिक नृत्य और गीतों की प्रस्तुति देकर माहौल को सजीव कर दिया। 10 अगस्त को आयोजित इस कार्यक्रम ने नवंबर 2024 में होने वाले भव्य “लोकमंथन” कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत की। इसी दौरान आयोजकों ने आगामी कार्यक्रम के लिए स्वागत समिति की घोषणा भी की, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से 108 प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल किए गए।

वक्ताओं के विचार और संदेश

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय ने की। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में भारत की सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद एक सामूहिक राष्ट्रीय पहचान के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे इस तरह के मंच नीतियों और आख्यानों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो भारत की सच्ची भावना को प्रतिबिंबित करते हैं।

मुख्य अतिथि, ऋषिपीठम के संस्थापक ब्रह्मश्री सामवेदम षणमुख शर्मा ने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चाहे हम जंगलों, गांवों, या शहरी क्षेत्रों में रहते हों, हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर हमें एकता के सूत्र में बांधती है। उन्होंने भारतीय परंपराओं में निहित प्राचीन ज्ञान की चर्चा की, जो आधुनिक समाज को उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का समाधान देने में सक्षम है।

प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार ने मुख्य भाषण में “लोकमंथन” के विषय और उसके कारणों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि कैसे समाज में कृत्रिम विभाजन उत्पन्न करने का एक प्रयास किया गया है, जो हमारी संस्कृति और दर्शन से अलग है। उन्होंने “क्लासिक” और “लोक” के बीच के विभाजन की आलोचना की और इसे भारत के आंतरिक मूल्यों का विरूपण बताया।

आगामी कार्यक्रम और संदेश

प्रज्ञा भारती के अध्यक्ष और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. टी. हनुमान चौधरी ने विभिन्न मंचों पर फैलाई जा रही विभाजनकारी कहानियों के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आगामी कार्यक्रम के स्वागत समिति की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें जी किशन रेड्डी, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति नरसिम्हा रेड्डी, और अन्य कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को शामिल किया गया है।

माता अमृतानंदमयी मठ की स्वामिनी सुविद्यामृता प्राणा, जो एक अन्य सम्मानित अतिथि थीं, ने एकता के आध्यात्मिक आयाम पर अपने विचार साझा किए और कार्यक्रम के समर्पित पोर्टल का शुभारंभ किया। वहीं, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित तेलंगाना के लोक कलाकार श्री दासरी कोंडप्पा ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में कला की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे सुदूर ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद, उनके संगीत के बोल भारतीय समाज के सामान्य ज्ञान और शास्त्रीय साहित्य की गहराई को प्रकट करते हैं।

लोकमंथन का उद्देश्य और महत्व

यह संगोष्ठी 21-24 नवंबर, 2024 को होने वाले बड़े आयोजन लोकमंथन की पूर्वपीठिका थी। लोकमंथन भारत का सबसे बड़ा संगोष्ठी है, जो देश की विविधतापूर्ण लेकिन एकीकृत संस्कृति का जश्न मनाता है। इस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न पृष्ठभूमि, विचार प्रक्रियाओं, परंपराओं, और प्रणालियों के लोगों के बीच कृत्रिम विभाजनों को समाप्त करना और एक सुसंगत और दूरदर्शी भारत के निर्माण में योगदान देना है।

कार्यक्रम का समापन और संदेश

जैसे-जैसे शाम ढलती गई, वक्ताओं और प्रतिभागियों ने विचारोत्तेजक चर्चाओं में भाग लिया, जिसमें एक सुसंगत और दूरदर्शी भारत को आकार देने में ऐसे मंचों के महत्व को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम का समापन एकता, सांस्कृतिक गौरव, और राष्ट्र-प्रथम दर्शन की पुनः पुष्टि के एक मजबूत संदेश के साथ हुआ, जिसका लोकमंथन प्रतीक है।

कार्यक्रम में आयोजकों ने 32 पन्नों की पुस्तिका “लोकमंथनम: संकल्पना” का विमोचन किया, जिसमें इस उत्सव के पीछे की थीम और अवधारणा को रेखांकित किया गया है। इसके अतिरिक्त, एक ब्रोशर भी पेश किया गया, जिसमें भोपाल 2016, रांची 2018, गुवाहाटी 2022 में आयोजित पिछले लोकमंथन कार्यक्रमों और नवंबर 2024 में होने वाले आगामी कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई।

भागीदारों का समर्थन

लोकमंथन भाग्यनगर 2024 कार्यक्रम को प्रज्ञा प्रवाह, प्रज्ञा भारती, इतिहास संकलन समिति, संस्कार भारती, भारतीय शिक्षण मंडल, विज्ञान भारती (विभा), और अखिल भारतीय साहित्य परिषद जैसे संगठनों का समर्थन प्राप्त है। यह कार्यक्रम एक ऐसे नए विमर्श के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीयों की एकता को मजबूत करता है और विविधता को राष्ट्र की पहचान के आधार के रूप में अपनाता है।

 

 

Topics: सांस्कृतिक विरासतHyderabadराष्ट्रीय एकतालोकमंथन भाग्यनगर 2024Lokmanthan Bhagyanagar 2024सांस्कृतिक समृद्धिHyderabad News
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

न काजी, न निकाहनामा: हो गया खुतबा निकाह?

श्रीधर

तेलंगाना के इंजीनियर श्रीधर पर ACB का शिकंजा, करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा

राष्ट्रपति भवन में कलाकारों का अभिवादन स्वीकार करतीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू

लोककला के रंगों से सजा राष्ट्रपति भवन

Suella Baverman on burqa

बुर्का प्रतिबंध: सुएला ब्रेवरमैन की ब्रिटेन में सांस्कृतिक युद्ध की चेतावनी

प्रतीकात्मक चित्र

हैदराबाद: गुलजार हाउस की एक इमारत में लगी भीषण आग, 17 की मौत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies