बरेली। सम्मान, सुरक्षा और सनातन संस्कारों से प्यार के चलते रुहेलखंड में एक और मुस्लिम युवती ने हिन्दू धर्म में घर वापसी कर ली है। मुरादाबाद की नरगिस किसी के दबाव आगे नहीं झुकी और स्वेच्छा से सनातन राह अपना ली है। अगस्त्य मुनि आश्रम में उसका शुद्धिकरण हुआ। इसके बाद वह मंत्रोच्चार के बीच अपने दोस्त मुनेश के साथ विवाह के पवित्र बंधन में बंध गई। कट्टरपंथियों से उसने अपनी सुरक्षा को खतरा बताया है।
यूपी में बरेली और इसके आसपास के जिलों में तीन तलाक, हलाला जैसी बुराइयों के चलते मुस्लिम युवतियां लगातार इस्लाम से नाता तोड़ रही हैं और घर वापसी कर हिन्दू धर्म अपनाती नजर आ रही हैं। अकेले बरेली में ही ऐसा करने वाली युवतियों की संख्या काफी ज्यादा है। मुरादाबाद की रहने वाली नरगिस (परिवर्तित नाम) भी उन्हीं युवतियों में से एक है, जिसने बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में घर वापसी की है।
नरगिस किसी तरह बरेली के गांव सिरोही में रहने वाले मुनेश के संपर्क में आई थी और मुलाकात दोस्ती में बदल गई। मुस्लिम परिवार में पली बढ़ी युवती को इस्लामिक माहौल में कई तरह की परेशानियां नजर आती थीं, जबकि उसको सनातन संस्कार अच्छे लगते थे। इसी के चलते उसने हिन्दू धर्म में वापसी का फैसला कर लिया। उसने मर्जी से अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचकर घर वापसी की इच्छा जताई। उसने अपने बालिग होने के प्रमाण पेश किए। जिनको देखने के बाद आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार ने उसका शुद्धिकरण कराकर उसने हिन्दू धर्म ग्रहण कराया। इसके बाद वैदिक रीति रिवाज से मुनेश के साथ उसका विवाह संपन्न हुआ।
मुनेश की जीवन साथी बनी युवती ने कट्टरपंथियों से खुद को खतरा बताया है। इसी डर की वजह से उसने अपना असली नाम भी मीडिया के सामने उजागर नहीं किया है। बता दें कि बरेली में अगस्त्य मुनि आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार अभी तक बड़ी संख्या में युवतियों की घर वापसी करा चुके हैं। आचार्य शंखधार का कहना है कि बगैर किसी दबाव और लालच के मुस्लिम युवतियां स्वेच्छा से हिन्दू धर्म में घर वापसी कर रही हैं तो इसके पीछे सनातन संस्कारों की खूबसूरती है जो कहीं और नजर नहीं आते। महिला सम्मान एवं सुरक्षा सनातन संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है। ऐसा कहीं और नहीं है।
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