सुप्रीम कोर्ट ने EVM वोटो की VVPAT पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला रखा सुरक्षित
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सुप्रीम कोर्ट ने EVM वोटो की VVPAT पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला रखा सुरक्षित

दरअसल, अभी किसी भी विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र की किसी 5 ईवीएम मशीनों की रैंडम जांच की जाती है।

by Kuldeep Singh
Apr 18, 2024, 04:51 pm IST
in भारत
Supreme court EVM VVPAT Madrass High court

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो साभार: बार एंड बेंच)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

लोकसभा चुनाव-2024 के लिए पहले चरण का मतदान कल होने जा रहा है, लेकिन उससे पहले विपक्ष ईवीएम का रोना रोने में लगा हुआ है। इसी को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट गया और वहां मांग की कि सुप्रीम कोर्ट ईवीएम के साथ ही 100 फीसदी वीवीपैट स्लिप के मिलान के लिए चुनाव आयोग को आदेश जारी करे। इस पर सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Supreme Court reserves order on petitions seeking 100 per cent verification of EVM votes with their VVPAT slips.

Currently, VVPAT slips of five randomly selected EVMs in every Assembly segment are verified. pic.twitter.com/NSxzuZwQw4

— ANI (@ANI) April 18, 2024

दरअसल, अभी किसी भी विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र की किसी 5 ईवीएम मशीनों की रैंडम जांच की जाती है।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ADR समेत अन्य वकीलों और चुनाव आयोग की 5 घंटे दलीलें सुनी। वकील प्रशांत भूषण, संजय हेगड़े और गोपाल शंकरनारायण ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी की। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए। वहीं चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह और केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से वीवीपैट को लेकर सवाल किया कि क्या मतदाताओं को वीवीपैट की पर्ची नहीं दी जा सकती है? इस पर चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर ऐसा किया गया तो इससे वोटर्स की गोपनीयता भंग होगी और बूथ के बाहर इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। दूसरे लोग इसका किस तरह से इस्तेमाल करेंगे हम नहीं कह सकते हैं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग ईवीएम और वीवीपैट की पूरी प्रक्रिया को भी अच्छे से समझा।

वहीं याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील संतोष पॉल ने ईवीएम के सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि विकसित देशों ने इस सिस्टम को इस्तेमाल करना छोड़ दिया है? उनके इस सवाल पर जस्टिस दत्ता ने कहा कि ऐसा सोचने की कोई जरूरत नहीं है कि दूसरे देश भारत से अधिक एडवांस हैं।

प्रशांत भूषण को भी दी नसीहत

इस बीच सुनवाई के दौरान भूषण ने वीवीपैट को यह मतदाताओं के विश्वास का सवाल करार देते हुए पूछा कि ऐसा करने में क्या दिक्कत है? वोटर को पर्ची कटकर बॉक्स में गिरती हुई दिखनी चाहिए। मतदाता को पर्ची कटती और बॉक्स में गिरती हुई दिखनी चाहिए। पूर्व सीईसी कुरेशी ने बताया कि वीवीपैट पर्चियों की गिनती बहुत ज्यादा नहीं है, मतपत्रों की गिनती में 2 दिन से भी कम समय लगा।

प्रशांत भूषण ने ये भी कहा कि कुछ प्रोग्राम पहले से फीड किए जाते हैं, जिनमें वोटिंग के बाद पर्ची लटकती दिख रही है, कटकर गिरी हुई नहीं दिख रही है, इसलिए जनता में बेचैनी है। उनके इन सवालों के जबाव में जस्टिस संजीव खन्ना ने वकील भूषण को खुद को कानूनी तर्कों तक ही सीमित रहने की नसीहत दी। जज ने कहा कि हम पहले ही कह रहे हैं कि बेहतर कम्युनिकेशन होना चाहिए था।

मद्रास हाई कोर्ट ने वीवीपैट के याचिकाकर्ता को दिया झटका

इस बीच गुरुवार को मद्रास हाई कोर्ट ने उस पीआईएल को खारिज कर दिया, जिसमें ये मांग की गई थी कि कोर्ट चुनाव आयोग को ये आदेश दे कि वह ईवीएम से डाले की प्रत्येक वोट का वीवीपैट से मिलान करे। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति जे सत्य नारायण प्रसाद की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही इसी तरह की राहत की मांग वाले मामले पर सुनवाई कर रहा है।

न्यायालय ने कहा कि इसलिए, एफ कैमिलस सेल्वा द्वारा दायर वर्तमान जनहित याचिका को खारिज करना उचित होगा।

Topics: EVMVVPATSupreme Courtसुप्रीम कोर्टMadras High Courtलोकसभा चुनावमद्रास हाई कोर्टLok Sabha Electionsईवीएमवीवीपैट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘हिंदुओं पर अश्लील टिप्पणी’ : हाई कोर्ट ने लगाई पूर्व मंत्री पोनमुडी की क्लास, कहा- कोई राजा है क्या

Supreme court OBC reservation

सुप्रीम कोर्ट की नौकरियों में ओबीसी आरक्षण: क्या यह सामाजिक न्याय की नई शुरुआत है?

UMEED portal waqf

केंद्र सरकार ने लागू किए UMEED नियम: वक्फ संपत्तियों का डिजिटल प्रबंधन शुरू

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies