गोलियों की बौछार में किसी तरह जिंदा बचे
May 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

गोलियों की बौछार में किसी तरह जिंदा बचे

पिताजी की चारबाग में गुड़ की मंडी थी। मेरी प्राथमिक शिक्षा टोपी के मदरसे में हुई। उन दिनों मेरी उम्र यही कोई सात साल की थी। मुझे याद है कि पाकिस्तान में धीरे-धीरे हालात  खराब होने लगे थे। आए दिन मुसलमानों ने लूटपाट एवं मारकाट करनी शुरू कर दी थी

by पाञ्चजन्य वेब डेस्क
Nov 11, 2022, 12:45 pm IST
in भारत, विश्लेषण, मत अभिमत
कुंदन लाल राजपाल

कुंदन लाल राजपाल

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

न भूलने वाला पल
विभाजन की पीड़ा को याद करता हूं तो सोचने भर से ही रूह कांपने लगती है। बहुत दुख होता है उस समय की स्थितियों को याद करके।

कुंदन लाल राजपाल

मरदान, पाकिस्तान

 

हमारा घर मरदान जिले के टोपी कस्बे में था। पिताजी की चारबाग में गुड़ की मंडी थी। मेरी प्राथमिक शिक्षा टोपी के मदरसे में हुई। उन दिनों मेरी उम्र यही कोई सात साल की थी। मुझे याद है कि पाकिस्तान में धीरे-धीरे हालात  खराब होने लगे थे। आए दिन मुसलमानों ने लूटपाट एवं मारकाट करनी शुरू कर दी थी। अचानक एक दिन हमारे मोहल्ले में भी अराजक तत्व आ धमके। आसपास के इलाकों में तो मारकाट चल ही रही थी। इससे सब डरे हुए थे। ऐसा देख हम लोग सब कुछ छोड़ कर अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे।

हरेक व्यक्ति को अपने परिवार और जान की फिक्र थी। वहां अब कोई भी हिन्दू परिवार सुरक्षित नजर नहीं आ रहा था। एक तरीके से कहें तो जो लोग अपने थे, वे कब दुश्मन जैसा बर्ताव करने लगे, पता नहीं चला। किसी तरह मैं परिवार के लोगों के साथ बड़ी कठिन स्थितियों में जम्मू आए। फिर यहां से हरिद्वार आ पहुंचे।

इस दौरान पाकिस्तान से आए हिन्दू दर-दर की ठोकरे खा रहे थे। हालत बड़ी खराब थी। आज भी जब विभाजन की पीड़ा को याद करता हूं तो सोचने भर से ही रूह कांपने लगती है। बहुत दुख होता है उस समय की स्थितियों को सोचकर। खैर, किसी तरीके  से हम सभी परिवार के साथ हरिद्वार तो आ गए लेकिन यहां की स्थितियां ठीक नहीं थीं। जो भी लोग पाकिस्तान से आ रहे थे वह वहां का हाल बता रहे थे।

चारबाग में अच्छी खासी मंडी थी। पिताजी बताते थे कि हमारी मंडी में काफी दूर दूर से गुड़ लेने लोग आते थे। बहुत अच्छा व्यवसाय था। लेकिन सब कुछ बर्बाद कर दिया मजहबी उन्मादियों ने। आज अपना घर, खेत, मंडी, व्यवसाय और अपने लोगों को याद करता हूं तो पीड़ा होती है।

रातदिन गोलियां चल रही थीं। बड़ी मुश्किल से, गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच अपनी जान हथेली पर लेकर सब कुछ छोड़कर भाग रहे थे। सेना मदद में जुटी थी। उनकी मदद से ही लोग सकुशल वापस आ पा रहे थे। हमारी जो संपत्ति वहां पर रह गयी थी, उसके बारे में पिताजी ने जानने की बहुत कोशिश की परंतु कुछ भी पता नहीं चल सका।

जब बाकी रिश्तेदार किसी तरह हरिद्वार पहुंचे तो उन्होंने बताया कि रास्ते में हर जगह मुसलमानों ने अराजकता मचा रखी थी। इसे देखकर महसूस हो रहा था कि पता नहीं जिंदा भी रह पायेंगे या नहीं! ट्रेनों को जगह जगह रोककर हिन्दुओं को मारा-काटा जा रहा था। काफी लोगों को मुसलमानों ने मौत के घाट उतार दिया था।

वहां पर हम लोगों की बहुत जमीन और बहुत बड़ा मकान था। चारबाग में अच्छी खासी मंडी थी। पिताजी बताते थे कि हमारी मंडी में काफी दूर दूर से गुड़ लेने लोग आते थे। बहुत अच्छा व्यवसाय था। लेकिन सब कुछ बर्बाद कर दिया मजहबी उन्मादियों ने। आज अपना घर, खेत, मंडी, व्यवसाय और अपने लोगों को याद करता हूं तो पीड़ा होती है। लेकिन अब भी मन करता है कि उस जगह को एक बार देखूं जरूर, जहां मेरा बचपन बीता।

Topics: प्राथमिक शिक्षा टोपी के मदरसे में हुईपाकिस्तान में धीरे-धीरे हालात  खराब होने लगेचारबाग में गुड़ की मंडीविभाजन की विभीषिकाहिन्दू परिवार सुरक्षित नजर नहींट्रेनों को जगह जगह रोककर हिन्दुओं को मारा-काटा
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आज भी देश झेल रहा है विभाजन की विभीषिका का दंश, पंजाब और बंगाल को भुगतना पड़ा बहुत बड़ा खामियाजा

बंटवारे के दौरान मुसलमान हावी हो गए थे

चारों तरफ आग, धुआं और कटी लाशें थीं

एक राहत शिविर

आहत हिंदुओं का सहारा बने स्वयंसेवक

आजादी, आह और सबक

कार्यक्रम की तस्वीर

हल्द्वानी : अविभाजित भारत में जन्में बुजुर्गों को किया गया सम्मानित

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

प्रो. आलोक राय, कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय

पत्रकारिता में जवाबदेही का होना बहुत आवश्‍यक : प्रो. आलोक राय

राष्ट्र प्रेम सर्वोपरि, हर परिस्थिति में राष्ट्र के साथ खड़े रहें : डॉ. सुलेखा डंगवाल

अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर गिरोह का भंडाफोड़, पांच साल में मंगाई 200 किलो की हेरोइन, पाकिस्तान कनेक्शन आया सामने

प्रतीकात्मक चित्र

हरियाणा: झज्जर में दाे दिन में 174 बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े

सोशल मीडिया पर शेयर की गई फोटो

‘गिरफ्तार प्रोफेसर का जिन्ना कनेक्शन’, यूजर्स बोले-विभाजन के बाद भी जिहादी खतरे से मुक्त नहीं हो पाया भारत

पाकिस्तान में मारा गया लश्कर आतंकी सैफुल्लाह खालिद

पाकिस्तान में मारा गया लश्कर का मुख्य आतंकी सैफुल्लाह, रामपुर CRPF कैंप पर करवाया था हमला, RSS मुख्यालय था निशाने पर

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा

ISI के निमंत्रण पर गौरव गोगोई पाकिस्तान गए थे, CM हिमंत बिस्व सरमा का कांग्रेस सांसद को लेकर बड़ा दावा

प्रतीकात्मक चित्र

हैदराबाद में बम धमाके की थी ISIS की साजिश, स्लीपर सेल किया एक्टिव, सिराज और समीर गिरफ्तार

ज्योति मल्होत्रा

ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान में कहीं भी जाने की थी छूट, जानिये कब आई सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर 

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही को भारतीय खातों से हुई पेमेंट, ISI ने दी ट्रेनिंग

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies