गोलियों की बौछार में किसी तरह जिंदा बचे
Wednesday, March 22, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

गोलियों की बौछार में किसी तरह जिंदा बचे

पिताजी की चारबाग में गुड़ की मंडी थी। मेरी प्राथमिक शिक्षा टोपी के मदरसे में हुई। उन दिनों मेरी उम्र यही कोई सात साल की थी। मुझे याद है कि पाकिस्तान में धीरे-धीरे हालात  खराब होने लगे थे। आए दिन मुसलमानों ने लूटपाट एवं मारकाट करनी शुरू कर दी थी

पाञ्चजन्य वेब डेस्क by पाञ्चजन्य वेब डेस्क
Nov 11, 2022, 12:45 pm IST
in भारत, विश्लेषण, मत अभिमत
कुंदन लाल राजपाल

कुंदन लाल राजपाल

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail
https://panchjanya.com/wp-content/uploads/speaker/post-256697.mp3?cb=1668150996.mp3

न भूलने वाला पल
विभाजन की पीड़ा को याद करता हूं तो सोचने भर से ही रूह कांपने लगती है। बहुत दुख होता है उस समय की स्थितियों को याद करके।

कुंदन लाल राजपाल

मरदान, पाकिस्तान

 

हमारा घर मरदान जिले के टोपी कस्बे में था। पिताजी की चारबाग में गुड़ की मंडी थी। मेरी प्राथमिक शिक्षा टोपी के मदरसे में हुई। उन दिनों मेरी उम्र यही कोई सात साल की थी। मुझे याद है कि पाकिस्तान में धीरे-धीरे हालात  खराब होने लगे थे। आए दिन मुसलमानों ने लूटपाट एवं मारकाट करनी शुरू कर दी थी। अचानक एक दिन हमारे मोहल्ले में भी अराजक तत्व आ धमके। आसपास के इलाकों में तो मारकाट चल ही रही थी। इससे सब डरे हुए थे। ऐसा देख हम लोग सब कुछ छोड़ कर अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे।

हरेक व्यक्ति को अपने परिवार और जान की फिक्र थी। वहां अब कोई भी हिन्दू परिवार सुरक्षित नजर नहीं आ रहा था। एक तरीके से कहें तो जो लोग अपने थे, वे कब दुश्मन जैसा बर्ताव करने लगे, पता नहीं चला। किसी तरह मैं परिवार के लोगों के साथ बड़ी कठिन स्थितियों में जम्मू आए। फिर यहां से हरिद्वार आ पहुंचे।

इस दौरान पाकिस्तान से आए हिन्दू दर-दर की ठोकरे खा रहे थे। हालत बड़ी खराब थी। आज भी जब विभाजन की पीड़ा को याद करता हूं तो सोचने भर से ही रूह कांपने लगती है। बहुत दुख होता है उस समय की स्थितियों को सोचकर। खैर, किसी तरीके  से हम सभी परिवार के साथ हरिद्वार तो आ गए लेकिन यहां की स्थितियां ठीक नहीं थीं। जो भी लोग पाकिस्तान से आ रहे थे वह वहां का हाल बता रहे थे।

चारबाग में अच्छी खासी मंडी थी। पिताजी बताते थे कि हमारी मंडी में काफी दूर दूर से गुड़ लेने लोग आते थे। बहुत अच्छा व्यवसाय था। लेकिन सब कुछ बर्बाद कर दिया मजहबी उन्मादियों ने। आज अपना घर, खेत, मंडी, व्यवसाय और अपने लोगों को याद करता हूं तो पीड़ा होती है।

रातदिन गोलियां चल रही थीं। बड़ी मुश्किल से, गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच अपनी जान हथेली पर लेकर सब कुछ छोड़कर भाग रहे थे। सेना मदद में जुटी थी। उनकी मदद से ही लोग सकुशल वापस आ पा रहे थे। हमारी जो संपत्ति वहां पर रह गयी थी, उसके बारे में पिताजी ने जानने की बहुत कोशिश की परंतु कुछ भी पता नहीं चल सका।

जब बाकी रिश्तेदार किसी तरह हरिद्वार पहुंचे तो उन्होंने बताया कि रास्ते में हर जगह मुसलमानों ने अराजकता मचा रखी थी। इसे देखकर महसूस हो रहा था कि पता नहीं जिंदा भी रह पायेंगे या नहीं! ट्रेनों को जगह जगह रोककर हिन्दुओं को मारा-काटा जा रहा था। काफी लोगों को मुसलमानों ने मौत के घाट उतार दिया था।

वहां पर हम लोगों की बहुत जमीन और बहुत बड़ा मकान था। चारबाग में अच्छी खासी मंडी थी। पिताजी बताते थे कि हमारी मंडी में काफी दूर दूर से गुड़ लेने लोग आते थे। बहुत अच्छा व्यवसाय था। लेकिन सब कुछ बर्बाद कर दिया मजहबी उन्मादियों ने। आज अपना घर, खेत, मंडी, व्यवसाय और अपने लोगों को याद करता हूं तो पीड़ा होती है। लेकिन अब भी मन करता है कि उस जगह को एक बार देखूं जरूर, जहां मेरा बचपन बीता।

Topics: हिन्दू परिवार सुरक्षित नजर नहींट्रेनों को जगह जगह रोककर हिन्दुओं को मारा-काटाप्राथमिक शिक्षा टोपी के मदरसे में हुईपाकिस्तान में धीरे-धीरे हालात  खराब होने लगेचारबाग में गुड़ की मंडीविभाजन की विभीषिका
ShareTweetSendShareSend
Previous News

मॉरीशस में भी उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों की गूंज

Next News

J&K: पिछले 5 सालों में सबसे कम घुसपैठ की कोशिश, सुरक्षा बलों ने आतंकी मंसूबों को किया ध्वस्त

संबंधित समाचार

विभाजन की विभीषिका : हिंदुओं को मारकर कुंओं में फेंका गया

विभाजन की विभीषिका : हिंदुओं को मारकर कुंओं में फेंका गया

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई पाञ्चजन्य की फिल्म, दर्शकों ने महसूस किया “विभाजन की विभीषिका” का दर्द

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई पाञ्चजन्य की फिल्म, दर्शकों ने महसूस किया “विभाजन की विभीषिका” का दर्द

लोगों को तलवार के दम पर बनाया मुसलमान

लोगों को तलवार के दम पर बनाया मुसलमान

विभाजन की विभीषिका : ‘सोना लेकर बख्शी जान’

विभाजन की विभीषिका : ‘सोना लेकर बख्शी जान’

विभाजन : ‘डिब्बे में बिखरी पड़ी थीं लाशें’

विभाजन : ‘डिब्बे में बिखरी पड़ी थीं लाशें’

विभाजन की विभीषिका : ‘दूध के लिए तड़पती रही बहन’

विभाजन की विभीषिका : ‘दूध के लिए तड़पती रही बहन’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जी-20 बैठक : नॉन प्राइज पॉलिसी पर जी समूह के देशों ने की चर्चा

जी-20 बैठक : नॉन प्राइज पॉलिसी पर जी समूह के देशों ने की चर्चा

दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर भागे लोग

दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर भागे लोग

चीन से कर्ज को लेकर सतर्क है बांग्लादेश : शेख हसीना

चीन से कर्ज को लेकर सतर्क है बांग्लादेश : शेख हसीना

चीन को दरकिनार कर शेख हसीना की पेशकश, कहा- चटगांव-सिलहट बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है भारत

चीन को दरकिनार कर शेख हसीना की पेशकश, कहा- चटगांव-सिलहट बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है भारत

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को दिया करार जबाव, ब्रिटिश सांसद ने भी कड़ा जबाव देने को कहा

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को दिया करार जबाव, ब्रिटिश सांसद ने भी कड़ा जबाव देने को कहा

अतीक के कार्यालय से पिस्टल और रुपयों के बंडल बरामद

अतीक के कार्यालय से पिस्टल और रुपयों के बंडल बरामद

प्रदूषण से मिलेगी निजात, पराली से बनेगी बिजली

प्रदूषण से मिलेगी निजात, पराली से बनेगी बिजली

हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- कैसे भागा अमृतपाल, क्या कर रही थी पुलिस?

हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- कैसे भागा अमृतपाल, क्या कर रही थी पुलिस?

जानिए कौन है अमृतपाल सिंह, जिसने सुलगाई खालिस्तान और अलगाववाद की आग?

भगौड़े अमृतपाल के खिलाफ एलओसी व गैर जमानती वारंट जारी

फांसी के बजाय दर्द रहित मृत्यु दंड का विकल्प तलाशने पर सुप्रीम कोर्ट का जोर

फांसी के बजाय दर्द रहित मृत्यु दंड का विकल्प तलाशने पर सुप्रीम कोर्ट का जोर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies