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ताजमहल के बंद कमरों की जांच के लिए हाईकोर्ट में दाखिल हुई याचिका, जानिए क्या है 22 कमरों का रहस्‍य ?

Shivam Dixit by Shivam Dixit
May 8, 2022, 07:57 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ताजमहल के 22 बंद कमरों की जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है जिससे पता लगाया जा सके कि वहीं हिंदू देवताओं की मूर्तियों तो नहीं हैं।

तथ्य खोज समिति गठित करने की मांग

याचिका में ताजमहल को तेजो महालय बताते हुए सरकार से तथ्य खोज समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि ताजमहल परिसर का सर्वेक्षण जरूरी है, जिससे शिव मंदिर होने और ताजमहल होने की वास्तविकता का पता लगाया जा सके। समिति इन कमरों की जांच करे, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके कि वहां हिंदू मूर्तियां या धर्मग्रंथों से संबंधित सबूत हैं या नहीं।

डॉ रजनीश सिंह ने दायर की याचिका

ये याचिका डॉ रजनीश सिंह ने दायर की है। उनका मानना है कि इस मुद्दे पर स्पष्टता की जरूरत है, जिससे ताजमहल के इतिहास से संबंधित विवादों और बहसों का अंत हो सके। एडवोकेट रुद्र विक्रम सिंह के जरिए दायर की गई याचिका में कहा गया है कि कई हिंदू समूह ये दावा काफी समय से कर रहे हैं कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है, जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था और बाद में ये ताजमहल बन गया। वहीं इतिहास में कहा जाता है कि ये मुगल बादशाह शाहजहां की अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए प्रेम की निशानी है।

याचिकाकर्ता के वकील ने उठाए सवाल?

रजनीश सिंह के वकील रूद्र विक्रम सिंह का तर्क है कि 1600 ईसवी में आए तमाम यात्रियों ने अपने यात्रा वर्णन में मानसिंह के महल का जिक्र किया है, जबकि कहा जाता है कि ताजमहल 1653 में बना था। वहीं 1651 का औरंगजेब का एक पत्र सामने आया, जिसमें वह लिखता है कि अम्मी का मकबरा मरम्मत कराने की जरूरत है। ऐसे तमाम तथ्यों के आधार पर अब पता लगाए जाने की जरूरत है कि ताजमहल के बंद इन 22 कमरों में क्या है। इसी को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई है। मांग की गई है इस मामले में सरकार एएसआई व इतिहासकारों की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाकर रिपोर्ट दाखिल करें।

क्‍या है 22 कमरों का रहस्‍य ?

जानकारों के मुताबिक, भवन की चार मंजिला इमारत संगमरमर की बनी हुई है। मध्‍य में दो मंजिले हैं। इनमें 12 से 15 विशाल कक्ष हैं। इन चार मंजिलों के नीचे लाल पत्‍थरों से बनी दो और मंजिलें हैं जो की पिछले हिस्से के यमुना  तट तक चली जाती हैं। यमुना तट के भाग में संगमरमर की नींच के ठीक नीचे लाल पत्‍थरों वाले 22 कमरे हैं। इनके झरोखों को चुनवा दिया गया है। ASI की ओर से इसे तालों में जड़ दिया गया है। अंदेशा जताया जाता है की इन 22 कमरों में हिंदू देवी-देवता से जुड़े सुबूत मौजूद हैं। इसी मसले के हल के लिए यह याचि‍का दायर की गई है। याचि‍काकर्ता रजनीश सिंह ने कहा की उन्‍होंने एक आरटीआई लगाकर 22 कमरों के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में उन्‍हें बताया गया था की इन 22 कमरों को सुरक्षा के लिहाज से बंद करके रखा गया है। इसी के बाद उन्‍होंने इस याचिका को दायर किया है ताकि ताजमहल की वास्तविकता को आसानी से समझा जा सके।

Topics: उत्तर प्रदेश समाचारUttar Pradesh Newsताजमहल विवादताजमहल के २२ कमरेताजमहल का रहस्यताजमहल पर याचिकाtaj mahal controversy22 rooms of taj mahalmystery of taj mahalpetition on taj mahal
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