गोरखनाथ मंदिर के मुख्य गेट पर तैनात दो सुरक्षाकर्मियों पर रविवार देर रात को हुए हमले के मामले की एटीएस ने जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी घटना को आतंकी कनेक्शन अथवा फिर कोई बड़ी साजिश मान कर तहकीकात कर रही है। हालांकि इसको लेकर एटीएस की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है, लेकिन पकड़े गए आरोपी के लैपटॉप में कई संदिग्ध गतिविधियां और बम बनाने जैसी जानकारी मिलने की बात सामने आ रही है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने प्रकरण की जांच एटीएस को सौंपे जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर की घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई है। साथ ही बताया कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मामले की गंभीरता को देखते हुए गहनता से जांच कर रही हैं। अभी तक की पूछताछ में मुर्तजा साफ जवाब नहीं दे रहा है। उसके परिवार की ओर से अभी तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं दिया गया है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि अभियुक्त की मानसिक दशा ठीक नहीं है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसियां भी अभियुक्त मुर्तजा के आतंकी कनेक्शन की जांच कर सकती हैं। अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा है कि आतंकी कनेक्शन से इनकार नहीं किया जा सकता है।
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाही गोपाल गौड़ और अनिल पासवान पर धारदार हथियार से हमला किया गया था। उनके पैर में गंभीर चोटें आईं हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुरक्षाकर्मियों की मानें तो आरोपी शख्स गोरखनाथ मंदिर परिसर में घुसना चाहता था, मना करने पर उसने हमला कर दिया। सिपाही ने उसे धर दबोचा। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी बताया। उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। उसके पास मिले लैपटॉप से कुछ संदिग्ध जानकारियां मिली हैं, जो आतंकी गातिविधियों से जोड़कर देखी जा रही हैं। आरोपी मुर्तजा आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक है।
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