National Doctor's Day : भारत में 1 जुलाई को ही क्यों मनाया जाता है चिकित्सक दिवस, जानिये क्या है वजह
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम स्वास्थ्य

National Doctor’s Day : भारत में 1 जुलाई को ही क्यों मनाया जाता है चिकित्सक दिवस, जानिये क्या है वजह

कनाडा के सुप्रसिद्ध डॉक्टर विलियम ऑस्लर ने कहा था कि एक अच्छा डॉक्टर बीमारी का इलाज करता है जबकि महान् डॉक्टर उस मरीज का इलाज करता है, जिसे बीमारी है

by श्वेता गोयल
Jul 1, 2024, 09:41 am IST
in स्वास्थ्य
भारत में 1 जुलाई को मनाया जाता है राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस

भारत में 1 जुलाई को मनाया जाता है राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत में प्रतिवर्ष एक जुलाई को डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए ‘राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस’ मनाया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा यह दिवस सबसे पहले वर्ष 1991 में मनाया था। भारत में जहां प्रतिवर्ष 1 जुलाई को चिकित्सक दिवस मनाया जाता है, वहीं कई दूसरे देशों में भी डॉक्टरों को सम्मान देने के लिए अलग-अलग तारीखों पर यह दिवस मनाया जाता है। अमेरिकी राज्य जॉर्जिया में पहली बार मार्च 1933 में डॉक्टर्स डे मनाया गया था। यह दिन चिकित्सकों को कार्ड भेजकर तथा मृत डॉक्टरों की कब्रों पर फूल चढ़ाकर मनाया जाता था। अमेरिका में यह दिवस 30 मार्च को, ईरान में 23 अगस्त को तथा क्यूबा में 3 दिसम्बर को मनाया जाता है। भारत में हर साल एक जुलाई को ही यह दिवस मनाए जाने का विशेष कारण है। दरअसल देश के जाने-माने चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री रहे डा. बिधान चंद्र राय की जयंती और पुण्यतिथि एक जुलाई को ही है और उन्हें श्रद्धांजलि एवं सम्मान देने के लिए ही राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के लिए यही दिन निर्धारित किया गया। उनका जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार के पटना जिले में हुआ था तथा निधन 1 जुलाई 1962 को हुआ। डा. बिधान चंद्र ने अपने जीवनकाल में चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने वर्ष 1911 में अपने चिकित्सकीय कैरियर की शुरुआत की और एक बेहतरीन डॅाक्टर होने के साथ ही वे भारत की आजादी के आन्दोलन में महात्मा गांधी के साथ भी रहे।

उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित सेंट बार्थोलोम्यू अस्पताल से डॉक्टरी की पढ़ाई की कोशिश की लेकिन तब उनके भारतीय होने के कारण उन्हें वहां दाखिला नहीं मिला। बिधानचंद्र भी अपनी धुन के पक्के और दृढ़निश्चयी थे, उन्होंने हार नहीं मानी और दाखिले के लिए करीब डेढ़ माह तक लगातार अस्पताल के डीन के पास आवेदन करते रहे। अंततः उनके दृढ़ निश्चय से प्रभावित होकर डीन ने 30वीं बार में उनका आवेदन स्वीकार कर लिया और अपनी लगन तथा कड़ी मेहनत से उन्होंने मात्र सवा दो साल में ही डिग्री हासिल कर एक साथ फिजिशयन तथा सर्जन की रॉयल कॉलेज की सदस्यता हासिल की। वहां से डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वदेश लौटकर उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी कार्यों को अंजाम दिया। उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए उन्हें ‘बंगाल का आर्किटेक्ट’ भी कहा जाता है। वर्ष 1961 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजे गए। डा. बिधान चंद्र की याद में ही तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा 1991 में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की घोषणा की गई थी, तभी से हर साल एक जुलाई को ही यह दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन का आयोजन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा किया जाता है।

हमारे समाज में तो डॅाक्टरों को भगवान के समान यूं ही नहीं माना गया है। कोरोना महामारी से देश को उबारने में तो हमारे डॉक्टरों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था। ऐसे कठिन समय के दौरान डॉक्टर तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता जिस प्रकार दिन-रात कोविड मरीजों की देखभाल में जुटे रहे थे, उसके लिए पूरा समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा। दरअसल न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के दौरान तो डॉक्टर फ्रंटलाइन योद्धा के रूप में सामने आए थे। महामारी के उस भयानक दौर में देवदूत बनकर लाखों लोगों का जीवन बचाने में डॉक्टरों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कोरोना काल में बहुत से डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को नया जीवन प्रदान किया था। उस दौरान मरीजों की जान बचाते-बचाते प्राणघातक कोरोना वायरस के कारण सैंकड़ों डॉक्टरों की मौत भी हुई थी लेकिन फिर भी डॉक्टर पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से उबारने में जुटे नजर आए थे। डॉक्टरों की ही बदौलत महामारी के उस भयावह दौर में करोड़ों लोगों का जीवन बचाया जा सका था।

सामान्य दिनों में भी डॅाक्टर लोगों को विभिन्न प्रकार की घातक बीमारियों से निजात दिलाने में पूरी ताकत लगा देते हैं। ऐसे में चिकित्सक दिवस हमें स्मरण कराता है कि डॅाक्टरों की हमारे जीवन में कितनी अहम भूमिका रहती है। कई बार कुछ गंभीर मरीजों के मामलों में लाख कोशिशों के बावजूद डॉक्टर सफल नहीं हो पाते और ऐसे कुछ अवसरों पर बिना उनकी किसी गलती के उन्हें ऐसे मरीज के परिजनों का गुस्सा भी झेलना पड़ता है। हालांकि ऐसे अधिकांश मामलों में मरीज की हालत ही इतनी गंभीर होती है कि डॉक्टर चाहकर भी मरीज के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाते। स्विटजरलैण्ड के प्रख्यात मनोवैज्ञानिक तथा मनोचिकित्सक कार्ल गुस्ताव जंग ने एक बार कहा था कि दवाईयां बीमारियों का इलाज करती हैं लेकिन मरीजों को केवल डॉक्टर ही ठीक कर सकते हैं। उनका यह उद्धरण मौजूदा समय में तो सर्वाधिक प्रासंगिक नजर आता है। किसी भी मरीज की बीमारी की गंभीरता को देखते हुए उसके इलाज के लिए उपयुक्त दवाओं का चयन डॉक्टर ही करता है। कनाडा के सुप्रसिद्ध डॉक्टर विलियम ऑस्लर ने कहा था कि एक अच्छा डॉक्टर बीमारी का इलाज करता है जबकि महान् डॉक्टर उस मरीज का इलाज करता है, जिसे बीमारी है।

(लेखिका शिक्षिका हैं)

Topics: क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स डेडॉ बीसी रायडॉक्टर्स डेDoctor's Dayपाञ्चजन्य विशेषराष्ट्रीय चिकित्सक दिवस
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: स्कूलों में हिजाब बैन करने की जगह स्कर्ट्स पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामिक तुष्टिकरण ?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

फर्जी आधार कार्ड बनवाने के आरोप में गिरफ्तार अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला धामी सरकार का बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies