अमेरिका के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को पिछले कई दिनों में पंगू बनाकर बैठे फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी ‘छात्रों’ पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के तंबू उखाड़ फेंके हैं और बहुतों को हिरासत में भी लिया है।
दरअसल अरबपति जॉर्ज सोरोस के पैसे पर चल रहे इस्राएल-हमास संघर्ष की आड़ में यहूदी विरोधी आंदोलन ने अमेरिका के अनेक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रजीवन को जड़ बनाया हुआ है। इसमें पेशेवर आंदोलनजीवी भी शामिल हैं जिनका मकसद छात्रों को भ्रामक तथ्यों में उलझाकर फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा करना है।
इसे लेकर किए जा रहे प्रदर्शनों ने ऐसा माहौल बिगाड़ा कि पुलिस को कोलंबिया और न्यूयार्क विश्वविद्यालयों में आखिरकार कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार किया गया, उनके जबरन लगाए तंबुओं को हटा दिया गया और हल्का बल प्रयोग किया गया। एक अंदाजे के अनुसार, गत 18 अप्रैल से अमेरिका के लगभग 40 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इस प्रकार के प्रदर्शनों की झड़ी लगा दी गई थी। कम से कम 50 जगहों से पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। कुल गिरफ्तार किए गए ‘छात्रों’ की संख्या लगभग 2300 बताई गई है।
फिलिस्तीन के लिए समर्थन जता रहे इन प्रदर्शनकारियों को न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में लगे तंबू हटा लेने की पहले चेतावनी दी गई थी। कुछ प्रदर्शनकारी तो तंबू छोड़कर निकल गए लेकिन अधिकांश को पुलिस द्वारा खाली कराना पड़ा। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने इस बारे में बताया कि जिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का आदेश मानने से मना किया उन्हें हिरासत में लिया गया है।
अमेरिका के कॉलेजों के अलावा फिलिस्तीन समर्थकों ने व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स एसोसिएशन के कार्यालय के बाहर भी विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।
पुलिस इसी कार्रवाई के तहत कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रशासन कार्यालय भवन के अंदर जमा प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए कहीं कहीं गोली भी चलानी पड़ी। कोलंबिया विश्वविद्यालय परिसर में हैमिल्टन हॉल के अंदर प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्त उत्पात मचाया गया था। लेकिन वहां गोली चलाने से कोई घालय नहीं हुआ।
फिलिस्तीन के लिए समर्थन जता रहे इन प्रदर्शनकारियों को न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में लगे तंबू हटा लेने की पहले चेतावनी दी गई थी। कुछ प्रदर्शनकारी तो तंबू छोड़कर निकल गए लेकिन अधिकांश को पुलिस द्वारा खाली कराना पड़ा। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने इस बारे में बताया कि जिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का आदेश मानने से मना किया उन्हें हिरासत में लिया गया है।
टिप्पणियाँ