केरल में वामपंथी सीपीएम की स्टूडेंट विंग स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने एक बार फिर प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का विरोध किया है। पहले कार को टक्कर मारी फिर काले झंडे दिखाए और अब साल के आखिरी दिन उनका 30 फीट लंबा पुतला फूंका। एसफआई ने पय्यम्बलम समुद्र तट पर राज्यपाल का पुतला फूंका।
वामपंथियों का आरोप है कि राज्यपाल केरल में विश्वविद्यालयों का भगवाकरण कर रहे हैं। इसके जरिए वो एसएफआई नेता के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन को भड़काना चाहता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एसएफआई कार्यकर्ताओं ने पहले काले झंडे लेकर राज्यपाल का विरोध किया।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्यपाल का काफिला तिरुवंतपुरम एय़रपोर्ट की तरफ जा रहा था तो एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद राज्यपाल ने सीधे मुख्यमंत्री पी विजयन पर उन्हें शारीरिक चोट पहुंचाने की साजिश करने का आऱोप लगाया था। इसके कुछ दिनों के बाद ही एक बार फिर से जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का काफिला राजभवन से निकलकर पलायम-जनरल हॉस्पिटल रोड था, तभी उन्हें काले झंडे दिखाए थे। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में भी लिया था। इसके बाद राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एसएफआई को कहा था कि विरोध करना उनका अधिकार है। वो करें, लेकिन ध्यान रहे सीमा से बाहर नहीं हो।
इसे भी पढ़ें: आतंकवाद के लिए फंडिंग जुटाई, पत्थरबाजी, कश्मीर को तोड़ने की कोशिश: केंद्र सरकार ने तहरीक ए हुर्रियत को आतंकी घोषित किया
यहां यह बता दें कि वामपंथियों को सनातन धर्म और भगवा से शुरू से ही नफरत रही है। वामपंथी भगवा रंग को अपनी विचारधारा के खिलाफ मानते हैं। वैसे तो ये कई बार हो चुका है, लेकिन इसकी बानगी हाल ही में उस वक्त देखने को मिली, जब राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का न्योता मिलने के बाद सीताराम येचुरी और वृंदा करात ने इसमें आने से साफ इंकार कर दिया।
टिप्पणियाँ