देश की राजधानी दिल्ली में भाजपा की संसदीय दल की बैठक के एक दिन भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यवेक्षकों के नामों का ऐलान कर दिया है। राजस्थान के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे को पर्यवेक्षक बनाया गया है। मध्य प्रदेश के लिए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण, आशा लाकड़ा और छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत गौतम को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि 3 दिसंबर को हुई वोटों गिनती के दौरान मध्य प्रदेश में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर से सत्ता में वापसी की। प्रदेश में बीजेपी को कुल 163 सीटों पर जीत हासिल हुई। जबकि विपक्षी कांग्रेस मात्र 66 सीटों पर सिमट कर रह गई। चुनावी विशेषज्ञों का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रसिद्धि और प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं के कारण बीजेपी को प्रदेश में बड़ी जीत मिली।
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वहीं राजस्थान ने एक सरकार को दो बार रिपीट न करने की अपनी परंपरा को कायम रखा। हालांकि, किसी को भी ऐसी आशा नहीं थी कि बीजेपी इतने प्रचंड बहुमत के साथ राजस्थान में वापसी करेगी। यहां पार्टी को कुल 115 सीटों पर जीत हासिल हुई। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस को 69 सीटें शामिल हुई। बाकी अन्य के खाते में गईं।
जबकि, छत्तीसगढ़ ने सभी को चौंकाया। ऐसा इसलिए क्योंकि सारे एक्जिट पोल्स ये दावा कर रहे थे कि वहां कांग्रेस रिपीट होगी, लेकिन छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की। यहां बीजेपी को कुल 54 सीटों पर जीत हासिल हुई, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट कर रह गई। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के दौरान प्रदेश के वनवासियों पर अत्याचार, ईसाई कन्वर्जन सबसे बड़ा मुद्दा रहा। भूपेश बघेल सरकार ईसाई कन्वर्जन से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रही। इसके अलावा भाजपा की महतारी योजना औऱ केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं ने पार्टी को वापस सत्ता दिलाई।
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