पाञ्चजन्य और आर्गनाइजर की 75वीं वर्षगांठ पर दिल्ली के अशोक होटल के सभागार में आयोजित भव्य समारोह में मीडिया क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रिंट, टीवी और डिजिटल पत्रकारों को सम्मानित किया गया
रोहित सरदाना
देश के तेज-तर्रार और विलक्षण तर्क शक्ति वाले टीवी प्रस्तोता रोहित आजतक चैनल में ‘दंगल’ और ‘दस्तक’ जैसे चर्चित कार्यक्रमों की मेजबानी करते थे। इससे पूर्व जी न्यूज में ‘ताल ठोक के’ कार्यक्रम की मेजबानी करते थे। ट्विटर पर इनके 44 लाख फॉलोअर्स थे। कोरोना के कारण 30 अप्रैल, 2021 में हृदय गति रुकने से इनका निधन हो गया। पाञ्चजन्य ने मरणोपरांत इन्हें अटल बिहारी वाजपेयी पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया।
पलकी शर्मा
पुरस्कार विजेता पत्रकार पलकी शर्मा अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल वियॉन की प्रबंध संपादक हैं। इन्होंने श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ, नोबेल पुरस्कार विजेता और कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैन्युएल सैंटोस सहित कई लोगों के साक्षात्कार ले चुकी हैं। इन्हें अंग्रजी में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए आर्गनाइजर द्वारा के.आर. मलकानी स्मृति पुरस्कार दिया गया।
अभिषेक दुबे (खेल)
इनकी गिनती देश के प्रमुख खेल पत्रकारों में होती है। इन्होंंने 25 साल तक अंतरराष्ट्रीय खेल की रिपोर्टिंग की। अभी डीडी स्पोर्ट्स चैनल के प्रबंधक हैं। बहुत उम्र में ही खेल पत्रकारिता में आए तथा एनडीटीवी और आईबीएन7 (नेटवर्क 18) जैसे प्रमुख चैनलों में काम किया। अभिषेक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं में नियमित स्तंभ भी लिखते हैं। इन्होंने तीन किताबें भी लिखी हैं।
प्रवीण सिन्हा (खेल)
25 से अधिक साल से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खेल पत्रकारिता करने वाले प्रवीण सिन्हा ने देसी खेलों को बढ़ावा दिया। इन्होंने डीडी स्पोर्ट्स के लिए 2018 में जकार्ता एशियाई खेलों के दौरान 15 दिनों तक कमेंट्री की। 1996 में विल्स वर्ल्ड कप, 2011 में वर्ल्ड कप क्रिकेट मैचों की कवरेज भी कर चुके हैं।
आनंद रंगनाथन (सोशल मीडिया)
वैज्ञानिक, सोशल मीडिया इन्फ्लुतएंसर होने के साथ आनंद ‘स्वराज’ के सलाहकार संपादक और स्तंभकार भी हैं। सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से रसायन शास्त्र में बीएससी (आनर्स) करने के बाद आनंद नेहरू सेन्टेनरी स्कॉलरशिप के जरिये लंदन गए और कैम्ब्रिज विश्विद्यालय से नेचुरल साइंस में बीए, एमए और पीएचडी की। फिर स्वंदेश लौट आए। दिल्ली इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी में 16 साल तक अपनी प्रयोगशाला चलाई। 2015 में जेएनयू के स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर बने। इन्होंने तीन उपन्यास भी लिखे हैं।
अशोक श्रीवास्तजव (सोशल मीडिया)
लगभग 30 वर्ष से पत्रकारिता में सक्रिय अशोक श्रीवास्तव डीडी न्यूज के वरिष्ठ सलाहकार संपादक और प्रस्तोता हैं। यह हर रात 9 से 10 बजे तक डीडी न्यूज के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम ‘दो टूक’ की मेजबानी करते हैं। नवभारत टाइम्स और पाञ्चजन्य से करियर की शुरुआत की, फिर टेलीविजन की दुनिया में आए। 1993 से कश्मीर, अयोध्या और पश्चिम बंगाल के जटिल मुद्दों की रिपोर्टिंग करने वाले अशोक को कई बार डीडी न्यूज कासर्वश्रेष्ठ प्रस्तोता और सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टर का पुरस्कार भी मिल चुका है।
अश्विनी कुमार मिश्र (कला-संस्कृति, डिजिटल)
अश्विनी 2009 से डीडी न्यूज में प्रस्तोता हैं। अमेरिका के ह्यूस्टन में हाउडी मोदी, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, केदारनाथ से लेकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण से जुड़े विषयों पर रिपोर्टिंग कर पहचान बनाई। इन्होंने डीडी न्यूज में कई वृत्तचित्र भी बनाए। इनमें राजपथ से लोकपथ, राजमाता विजयाराजे सिंधिया, श्रीकेदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण और श्रीकाशी विश्व नाथ धाम शामिल हैं। इन्होंने कई अवसरों पर लाइव कमेंट्री भी की है।
बालेंदु दाधीच (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रिंट)
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्माननित बालेंदु दाधीच वरिष्ठ तकनीकी पेशेवर, लेखक, स्तंभकार, पूर्व संपादक और वक्ता हैं। विज्ञान और तकनीक से जुड़े विषयों पर मुख्यधारा मीडिया में हिंदी और अंग्रेजी में लिखते हैं। आत्माराम पुरस्कार से सम्मानित बालेंदु ने विज्ञान और तकनीक पर 1500 से अधिक लेख के अलावा 6 किताबें भी लिखी हैं। अभी वे माइक्रोसॉफ्ट में निदेशक ‘भारतीय भाषाएं और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं।
बशीर मंजर (विशेष ज्यूरी पुरस्कार, प्रिंट)
बशीर श्रीनगर से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक ‘कश्मीर इमेजेज’ के प्रकाशक और संपादक हैं। 1996 में कश्मीर जब सबसे हिंसक दौर में था, तब इन्होंने इसका साप्ताहिक प्रकाशन शुरू किया था। उस समय कश्मीर का पूरा मीडिया हिंसक राजनीति के आगे लगभग घुटने टेक चुका था, तब इन्होंने तर्कसंगत और अहिंसक तरीके से लोकतंत्र का झंडा बुलंद किया। मीडिया में अलगाववादी नैरेटिव के बीच इन्होंने कश्मीरी जनता की अनसुनी आवाजों, आर्थिक, पर्यावरण, शैक्षिक, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दे उठाकर अपनी पहचान बनाई।
डॉ. शिप्रा माथुर (पर्यावरण, प्रिंट)
लगभग 25 वर्षों से मीडिया और मीडिया शिक्षण कार्यों से जुड़ी डॉ. शिप्रा माथुर www.penliteracy.com वेबसाइट की संस्थापक हैं। वाशिंगटन डीसी स्थित ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की सलाकार संपादक और आईआईएस विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग में सलाहकार हैं। तीन राज्यों में चुनाव अभियान चलाने के लिए निर्वाचन आयोग से राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार तो इन्हें मिला ही है, राजस्थान सरकार भी जन सेवा पत्रकारिता के लिए श्रीफल पुरस्कार और बाल सुरक्षा पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है।
गौतम नारायण (क्षेत्रीय भाषा, टीवी)
विजुअल मीडिया पत्रकार गौतम जनम टीवी के लिए कई एक्सक्लूसिव खबरें कर चुके हैं। इनमें पीएफआई का इस्लामिक आतंकवाद से गठजोड़, कम्युनिस्ट हिंसा आदि प्रमुख हैं। इन्हीं के प्रयासों से मलयाली जनता पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थियों, बंगाल में टीएमसी और इस्लामिक हिंसा के शिकार हिंदुओं, कश्मीरी हिंदुओं के संघर्ष और त्रिपुरा में भाजपा का उत्थान आदि को देखा और समझा।
कर्मा पलजोर (विशेष ज्यूरी पुरस्कार, डिजिटल)
इन्होंने द टाइम्स आफ इंडिया से करियर की शुरुआत की और 22 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। इन्हें इंडियन टेलीविजन डॉट कॉम से ‘रिपोर्टर आफ द ईयर’ का पुस्कार भी मिल चुका है। 2018 में इन्होंने अत्वी इन्फोेटेंमेंट नाम से कंपनी शुरू की जो मीडिया के लिए सामग्री तैयार करती है। इनकी एं२३टङ्म्नङ्म.ूङ्मे नाम से न्यूज वेबसाइट भी है, जिस पर पूर्वोत्तर की वही खबरें प्रकाशित होती हैं, जो मीडिया में उपेक्षित रह जाती हैं।
मोनिका हालान (बिजनेस एवं फाइनेंस, प्रिंट)
मोनिका पर्सनल फाइनेंस पर लिखती हैं और धन चक्र फाइनेंशियल एजुकेशन की संस्थापक हैं। वक्ता और लेखिका भी हैं। इनकी पहली पुस्तक ‘सेवेन स्टेप्स टु फाइनेंशियल फ्रीडम’ 2005 में प्रकाशित हुई थी। 2018 में इनकी पुस्तक ‘लेट्स टॉक मनी’ को हार्पर कॉलिंस ने प्रकाशित किया था। इसका हिंदी अनुवाद ‘बात पैसे की’ अगस्त 2020 में प्रकाशित हुआ।
नेमिष हेमंत (हिंदी, प्रिंट)
नेमिष 2014 से दैनिक जागरण, नई दिल्ली में उप-मुख्य रिपोर्टर के पद पर कार्यरत हैं। वे दैनिक हिंदुस्तान, नवोदय टाइम्स और आज समाज सहित कई मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। छात्र जीवन से ही सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहने वाले नेमिष को राष्ट्रपति चुनाव सहित हर चुनावों के कवरेज का अनुभव है। इन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अल्पसंख्यकों के मुद्दे, सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों की विशेष रिपोर्टिंग भी की है।
निशांत राघव (हिंदी, प्रिंट)
निशांत ने दैनिक जागरण में बतौर संवाददाता इन्होंने निठारी कांड, गैंगस्टर के आपसी विवाद, अमदाबाद व जयपुर बम धमाकों में आतंकियों के फर्जी दस्तावेज, 26/11 के आतंकी डेविड कोलमैन हेडली और राणा, पूर्वोत्तर के दंगों में हिंदू समाज की पीड़ा सहित कई एक्सक्लूसिव खबरें कीं। 2008 से 2015 तक हिंदुस्तान में बतौर ब्यूरो प्रमुख सेवाएं दीं। 2016 से निशांत नवोदय टाइम्स में प्रमुख संवाददाता हैं।
निशि भाट (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रिंट)
निशि स्वास्थ्य पत्रकार हैं और यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक फाउंडेशन आफ हेल्थ के साथ बाल शिक्षा, स्वास्थ्य, आहार और पोषण पर एक्सक्लूसिव खबरें देने के अलावा, कोविड टीकाकरण अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्होंने अपने लेखों से लोगों में टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया। अमर उजाला, दैनिक हिंदुस्तान में काम कर चुकी निशि अभी सेहत365 पोर्टल से जुड़ी हुई हैं। उन्हें आईएमए और डीएमए ने भी सम्मानित किया है।
निवेदिता वैशम्पायन (क्षेत्रीय भाषा, प्रिंट)
पत्रकार और स्तंभकार निवेदिता ने दो साल वनबंधु पत्रिका का संपादन किया। दृष्टिक्षेप, मंथन, मराठी जगत में इनके स्तंभ छपते हैं। वह तरुण भारत, लोकसत्ता, लोकमत, गांवकरी, उद्याचा मराठवाड़ा सहित कई समाचार-पत्रों के लिए भी लिखती हैं। इन्होंने 7 महत्वपूर्ण बाल पुस्तकों का अनुवाद और संपादन किया है।
रविश तिवारी (अंग्रेजी, प्रिंट)
रविश इंडियन एक्सप्रेस के राजनीतिक संपादक और राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख थे। 19 फरवरी, 2022 को 40 की उम्र में इनका कैंसर से निधन हो गया। इन्होंने राजनीति और समाज में बदलाव की व्याख्या करने के लिए दृढ़ता से पत्रकारिता के साथ छात्रवृत्ति का मिश्रण किया।
शेफाली वैद्य (कला-संस्कृति, डिजिटल)
शेफाली एक पुरस्कार विजेता लेखिका, बुद्धिजीवी, स्तंभकार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और राजनीतिक टिप्पणीकार हैं। हिंदू कला, स्थापत्य, विरासत सैर में इनकी रुचि है। इन्होंने तीन किताबें लिखी हैं, जिनमें दो प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने मंदिरों के स्थापत्य पर भी एक कॉफी टेबल बुक लिखी है।
स्वाति गोयल शर्मा (अंग्रेजी, डिजिटल)
टाइम्स आफ इंडिया व हिंदुस्तान टाइम्स से करियर शुरू करने के बाद स्वाति स्वराज्य पत्रिका में गई। इन्होंने ऐसे मुद्दे उठाए, जिनकी राष्ट्रीय मीडिया ने अनदेखी की और गलत रिपोर्टिंग की।
अंबुज भारद्वाज (फैक्ट चेक)
अंबुज भारद्वाज FalanaDikhana.com वेबसाइट चलाते हैं, जो तथ्यों की पड़ताल करती है। इसका उद्देश्य एससी/एसटी कानून के दुरुपयोग को जनता के सामने लाना है। इन्होंने हाथरस बलात्कार मामले की पड़ताल कर सच को उजागर किया, जिसे अदालत ने भी माना।
डीडी की दिव्या भारद्वाज को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए आडियो-विजुअल श्रेणी में पुरस्कार
दिया गया।
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