अटार्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि यूक्रेन से 25 हजार भारतीय छात्रों को निकाला गया है। इस दौरान भारत ने 20 अन्य देशों के नागरिकों को भी यूक्रेन से बाहर निकाला। केंद्र सरकार की इस सूचना के बाद चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाओं का निस्तारण कर दिया। याचिका कुछ छात्रों और वकीलों ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि यूक्रेन में स्थिति सामान्य होने की अभी कोई संभावना नहीं है। हजारों छात्रों का भविष्य अधर में है। यूक्रेन से लौटे छात्रों को प्रवेश नियमों में छूट देकर सरकारी और निजी कॉलेजों में जगह दी जाए।
याचिका में कहा गया था कि यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई पूरी करने के लिए वहां के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी से समन्वय कर उन्हें भारत में अपनी पढ़ाई पूरी करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए।
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