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गत दिनों तटीय कर्नाटक में मंगलौर के नजदीक उल्लाल में जिहादी तत्वों ने हिन्दू समाज के मछुआरों पर कई बार हमला किया। इस हमले में हिन्दुओं के कई घरों को आग भी लगा दी गई। उल्लेखनीय है कि उल्लाल एक मुस्लिम-बहुल क्षेत्र है और यहां बराबर हिन्दुओं पर हमले होते रहते हैं।
हिन्दुओं का हालचाल जानने के लिए पिछले दिनों पेजावर मठ के स्वामी विश्वेशतीर्थ जी महाराज, श्री विद्याप्रसन्न स्वामी जी,रामानन्द स्वामी जी, गुरुदेवानन्द स्वामी जी, राजशेखरानन्द स्वामी जी आदि सन्त उल्लाल पहुंचे। इन सभी सन्तों ने पीड़तों से भेंट की और उन्हें सहयोग देने का आश्वासन दिया। सन्तों ने हिन्दुओं पर बढ़ते हमले की भी घोर निन्दा की। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय सम्पर्क प्रमुख डॉ.कल्लदका प्रभाकर भट्ट सहित विश्व हिन्दू परिषद्,बजरंग दल और हिन्दू जागरण वेदिका के अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। संतों ने कहा, उल्लाल में महजबी हिंसा पर अविलंब रोक लगनी चाहिए। उल्लाल में हिन्दुओं पर हुए हमलों के आरोप में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। एक है मोहम्मद कबीर उर्फ छब्बी और दूसरा है अब्दुल मन्नान उर्फ मुनाफ। ये दोनों उल्लाल के घोषित अपराधी हैं। कहा जा रहा है कि इन्हीं दोनों की अगुवाई में हिन्दुओं पर हमले हुए और उनके घर जलाए गए। उल्लेखनीय है कि उल्लाल गांव में हिन्दू मछुआरों की ज्यादा संख्या नहीं है। जिहादी तत्व उन पर बराबर हमले करते हैं। सरकार भी इन मछुआरों की उपेक्षा करती है। इस कारण उल्लाल गांव के हिन्दुओं में काफी भय है। वे लोग सहायता की मांग कर रहे हैं।
– प्रतिनिधि
'पीओके वापस लाओ, कश्मीरी पण्डितों को बसाओ'
23 फरवरी को नई दिल्ली में पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर भारतीय संसद द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने की बीसवीं वर्षगांठ पर जम्मू-कश्मीर संकल्प दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने पाकिस्तान द्वारा जबरदस्ती कब्जाए गए पीओके को भारत में पुन: मिलाने और विस्थापितों के पुनर्वास की मांग की। उन्होंने कहा कि कुछ अपवादों को छोड़कर संसदीय इतिहास का यह एकमात्र प्रस्ताव था जिस पर सम्पूर्ण संसद ने ध्वनि मत से एक होकर कहा था कि भारतीय राज्य जम्मू- कश्मीर के पाकिस्तान द्वारा आक्रमण कर कब्जाए भू-भाग को वह खाली करे, किन्तु आज बीस वर्ष बीत जाने पर भी सरकार इस विषय पर मौन क्यों है? जम्मू- कश्मीर पीपुल्स फोरम और अणुव्रत अनुशास्था आचार्य महाश्रवण प्रवास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आचार्य तुलसी जन्मशती समारोह कार्यक्रमों की श्रृंखला में आयोजित इस गोष्ठी को प्रसिद्घ जैन मुनि श्री राकेश कुमार ने भी संबोधित किया।
फोरम के प्रान्त संयोजक श्री महेन्द्र मेहता ने सभी को संकल्प दिलाया कि जब तक भारत को अखण्ड बना कर विस्थापितों का पुनर्वास नहीं होगा,तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।
गोष्ठी को समिति के अध्यक्ष श्री के एल जैन, पाक अधिकृत कश्मीर से पधारे मीरपुर बलिदान समिति के अध्यक्ष डॉ. स्वदेश रत्न, जैन मुनि श्री सुखलाल जी व जैन समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री सुखराज सेतिया सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया। – प्रतिनिधि
जयपुर में 'सेवा सदन' का शिलान्यास
गत 17 फरवरी को जयपुर के सहकार मार्ग पर बनने वाले ह्यसेवा सदनह्ण के शिलान्यास हेतु एक समारोह आयोजित हुआ। सदन का शिलान्यास त्रिवेणी धाम के महन्त सन्त नारायणदास जी महाराज,योगी रमणनाथ जी महाराज,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख श्री गुणवन्त सिंह कोठारी,श्री रामेश्वर खण्डेलवाल और श्री दामोदर मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार और शिला पूजन कर किया। इस अवसर पर श्री गुणवन्त कोठारी ने कहा कि सेवा के पीछे हमारा उद्देश्य कमजोर और वंचित वर्ग के लोगों को सबल बनाकर सम्मानपूर्वक जीने लायक बनाना होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अन्य मतावलम्बी सेवा के बहाने मतान्तरण का कार्य कर रहे हैं,जो उचित नहीं है। महन्त सन्त नारायणदास जी महाराज ने कहा कि जब हम इस दुनिया में आए थे तब हमारे पास कुछ भी नहीं था और जब जाएंगे उस समय भी हमारे पास कुछ भी नहीं रहेगा। अच्छे कार्य के लिए दिया गया दान ब्याज सहित सुफल देता है। इस अवसर पर कई संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।
– प्रतिनिधि
बेगूसराय में राष्ट्रसाधना महोत्सव
22 फरवरी को बिहार में बेगूसराय जिले के बीहट स्थित विश्वनाथ मन्दिर प्रांगण में राष्ट्रसाधना महोत्सव आयोजित हुआ। धर्मजागरण मंच के बीहट नगर मण्डल द्वारा आयोजित इस महोत्सव को सुप्रसिद्ध सन्त श्री लाहिड़ी गुरु जी का आशीर्वाद मिला।
महोत्सव से पूर्व श्री लाहिड़ी गुरु जी और भाजपा नेता श्री रामलखन सिंह के नेतृत्व में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। इसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। महोत्सव को सम्बोधित करते हुए श्री लाहिड़ी गुरु जी ने कहा कि लोगों में प्रखर राष्ट्रभाव को जागृत करना अति आवश्यक है। जो हिन्दू अपने हिन्दुत्व की रक्षा न कर सके उसके जीवन का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने ज्ञान,विज्ञान और संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि इसके बिना हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि हमें जात-पात, ऊंच-नीच, प्रान्त, भाषा और सम्प्रदाय के भेद-भावों से ऊपर उठकर मानव कल्याण के लिए कार्य करना होगा,तभी यह देश मजबूत होगा और फिर से अपने पुराने गौरव को प्राप्त कर सकेगा। महोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर धर्म जागरण मंच के क्षेत्रीय प्रभारी श्री सूबेदार,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक श्री सन्तोष, हिन्दू हेल्पलाइन के प्रान्त संयोजक श्री रमेश सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे।
– प्रतिनिधि
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