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तिरुअनंतपुरम स्थित शंखुमुखम सागर तट पर 9 फरवरी को भाजपा की महासम्मेलन रैली में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केरलवासी यूडीएफ सरकार के कुशासन को देख चुके हैं और उससे त्रस्त हैं। केरल को अब तीसरे मोर्चे की आवश्यकता है जिसका सही विकल्प भाजपा है।
मोदी ने केरल में दो जगहों पर बड़ी सभाओं को संबोधित किया। इस तरह उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के तहत केरल में चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी। इस दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हुआ था। मोदी ने सवाल उठाया कि यूडीएफ-एलडीएफ के संबंधों के पीछे क्या रहस्य है ? उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजनीतिक हत्याओं के मामले में दोनों गठबंधन राजनीतिक दाव- पेंच लड़ा रहे हैं। केरलवासी मार्क्सवादी नेता टी. पी. चन्द्रशेखरन के मामले में देख चुके हैं, कौन नहीं चाहता कि केरल में विकास हो, लेकिन केन्द्र सरकार के पास राज्य की समस्याआंे पर ध्यान देने का समय तक नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र में भाजपा की सरकार आती है तो जो विकास के कार्य केरल में पिछले 60 वर्षों में नहीं हुए, वे 60 माह में हो जाएंगे। इस विशाल रैली में पूरे राज्य से करीब पांच लाख कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। पार्टी कार्यकर्ता करीब 3 हजार बैनर और एक लाख पार्टी के झंडे लेकर पहंुचे हुए थे। इसके अलावा मोदी केरल के सबसे बड़े अनुसूचित समुदाय केरल पुलयार महासभा द्वारा आयोजित शताब्दी कायल समारम में भी सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि वह आज भी अस्पृश्यता से पीडि़त हैं। कांग्रेस ने हमेशा ह्यफूट डालो और शासन करो ह्ण की राजनीति की है। आने वाले दस वर्ष वंचितों और पिछड़े वर्ग के हैं। आज के दौर में अंबेडकर का नारा शिक्षा, एकता और संघर्ष प्रासंगिक है। कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए समाज को कई हिस्सों में बांटकर जहरीले बीज बोए हैं। आने वाले चुनावों में वंचित और पिछड़ा वर्ग निर्णायक साबित होगा। उन्होंने लोगों को अंधविश्वास से लड़ने और अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने की नसीहत दी। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि केरल में उद्योग जगत का विकास होने की बजाए, हत्याआंे का व्यवसाय चल पड़ा है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार सत्ता में आने पर अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक के नाम पर लोगों को नहीं बांटा जाएगा, केवल न्याय और मानवता के आधार पर शासन होगा। श्री मोदी के केरल दौरे को लेकर प्रदेश भाजपा काफी आश्वस्त दिखाई पड़ रही है। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। माना जा रहा है कि इतिहास में पहली बार केरल में भाजपा लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पार्टी का मानना है 20वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा को केरल में मिलने वाले मतदान प्रतिशत में निश्चित ही वृद्धि होगी।
भाजपा को मिला चर्च का साथ
आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को केरल में चर्च की विभिन्न धाराओं के प्रमुख बिशपों, पादरियों का समर्थन भी हासिल हुआ। यह बहुत बड़ी और भाजपा के लिए सुखद संयोग की बात ही कही जाएगी। सेकुलर पार्टियों द्वारा श्री मोदी के प्रति दुष्प्रचार करने के बाद भी केरल के ईसाई चर्चों का झुकाव अब नरेन्द्र मोदी और भाजपा की तरफ साफ तौर पर देखा जा सकता है।
हाल ही में केरल में हुई रैली के बाद नरेंद्र मोदी के साथ कई चर्चों के पादरियों ने मुलाकात की। केरल में शक्तिशाली मलनक्कारा ऑर्थोडोक्स चर्च के पादरी मार एथनासियस ने उनसे मुलाकात के बाद कहा कि यदि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने मोदी द्वारा गुजरात में किए गए विकास कार्यों की सराहना की। पिछले वर्ष दिसंबर में भी विभिन्न चर्चों के पादरियों ने मोदी द्वारा किए गए विकास कार्यों की सराहना की थी। एक पादरी ने कोट्टायम जिले में क्रिसमस के अवसर पर एक कार्यक्रम में कहा था कि मोदी के शासनकाल में गुजरात विकसित होता चला गया। गुजरात में उद्योग जगत फल-फूल रहा है जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम होगी। साथ ही किसी व्यवसायी को कोई दिक्कत भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि केरल में कुल 65 लाख ईसाइयों में से 25 लाख ईसाई ऑर्थोडोक्स चर्च से जुड़े हैं। कैथोलिकों में बदलाव आ रहा हैं। केरल में हो रहे घोटालों को लेकर भी लोग परिवर्तन चाहते हैं। मोदी से आर्थोडोक्स सीरियन चर्च के अलावा, रोमा कैथोलिक, चालडीन सीरियन और लैटिन कैथोलिक चर्च प्रमुखों ने भी मुलाकात की। उन्होंने चर्च के सामने आ रही समस्याओं को लेकर उनसे विस्तार में बातचीत की।
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