जालंधर में दो दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी
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गो–ग्राम सेवा समिति द्वारा गत 16-17 मार्च को जालंधर (पंजाब) में पंचगव्य चिकित्सा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई। गोष्ठी को सफल बनाने में पंजाब सरकार के आयुर्वेद विभाग व गुरु रविदास विश्वविद्यालय का भी विशेष सहयोग रहा।
गोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए गो अनुसंधान केन्द्र, देवलापार (महाराष्ट्र) के संचालक श्री सुनील मानसिंगका ने कहा कि आयुर्वेदिक व पंचगव्य के बिना भारत में पूर्ण स्वास्थ्य दर को प्राप्त नहीं किया जा सकता। हमें एलोपैथी पर निर्भरता कम करके अपनी स्वदेशी चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन देना होगा। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है भारतीय नस्ल की गाय के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने और दोबारा घर-घर गोपालन शुरू करने की।
श्री मानसिंगका ने कहा कि दुनिया के 50 देशों में जर्सी, होलस्टीन, फर्जीयन गायों की बजाय भारतीय नस्ल की गायों का पालन शुरू हो चुका है। न्यूजीलैंड की संसद ने बकायदा प्रस्ताव पास कर भारतीय नस्ल की गाय को प्रोत्साहन देने का संकल्प लिया है। आस्ट्रेलिया व ब्राजील में भारतीय गीर व साहीवाल नस्ल की गायों की संख्या 50-50 लाख के करीब पहुंच चुकी है परंतु दुर्भाग्य है कि पंजाब में साहीवाल नस्ल की गायों की संख्या मात्र 3000 के आसपास ही रह गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लिए साहीवाल नस्ल की गाय सर्वश्रेष्ठ गाय है। पंजाब की कृषि, बंजर होती जमीन दूषित हो रहे वातावरण, फैल रहे कैंसर जैसे भयानक रोगों का एक ही उपचार है कि साहीवाल नस्ल को प्रोत्साहित किया जाए।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री श्री मदन मोहन मित्तल ने कहा कि भारत की पहचान गो संस्कृति है और गाय के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने भारत की परंपरागत जीवन पद्धति को महान बताते हुए लोगों को इसे दोबारा अपनाने की अपील की। इस अवसर पर गो-ग्राम सेवा समिति के प्रांतीय संगठन मंत्री श्री राजाराम ने भी संबोधित किया। दो दिवसीय संगोष्ठी में स्वामी कृष्णानंद भूरी वाले, गुरु रविदास विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. ओमप्रकाश उपाध्याय, गो-ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष सरदार दविंद्र सिंह टैक्सला, खेती विरासत मिशन के श्री विनोद ज्याणी, डा. एसपी डोगरा, डा. परमवीर वालिया आदि ने भी विचार व्यक्त किए। राकेश सैन
मजदूर नेताओं की रिहाई के लिए प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मजदूर संगठनों के नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए गत 20 मार्च को भारतीय मजदूर संघ ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। मजदूर नेताओं को 22 फरवरी, 2013 को देशभर में हुई मजदूर संगठनों की हड़ताल के दौरान नोएडा (उ.प्र.) पुलिस ने हिरासत में लिया था।
नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन में संसद सदस्य श्री तपन सेन ने कहा कि नोएडा पुलिस ने विभिन्न मजदूर संघों के नेताओं को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा हुआ है। इनकी रिहाई के लिए मजदूर संगठनों के पदाधिकारियों ने कई बार सरकार से बात की लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला, तब जाकर यह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि किसी भी गलत बात का विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है इससे हमें कोई रोक नहीं सकता। हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार मजदूर नेताओं को जल्द से जल्द रिहा करे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता उपस्थित थे। विरोध प्रदर्शन दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में भी ½ÖþB* |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
स्वधर्म में लौटे 61 परिवारों के 282 लोग
विभिन्न कारणों से ईसाइयत में मतांतरित हो गए हिन्दू समाज के 61 परिवारों के 282 लोग दोबारा स्वधर्म में वापस आ गए। देश में दो स्थानों पर हुए परावर्तन के कार्यक्रमों में हिन्दू समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर स्वधर्म में वापस लौटे लोगों का उत्साह बढ़ाया।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 8 गांवों से 36 परिवारों के 180 लोग स्वधर्म में लौटे। रा.स्व.संघ के धर्म जागरण समन्वय विभाग द्वारा आयोजित परावर्तन के कार्यक्रम में स्वधर्म में लौटे परिवारों के लिए यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें इन परिवारों ने आहुतियां डालीं। कार्यक्रम का समापन भारतमाता की आरती से हुआ। आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में 25 परिवारों के 102 लोगों ने स्वधर्म में वापसी की। यह कार्यक्रम विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित किया गया था। सभी 25 परिवारों ने सामूहिक रूप से भगवान सत्यनारायण का पूजन किया। |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
अभाविप ने किया फीस वृद्धि का विरोध देश के प्रसिद्ध फैशन संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फेशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) में फीस वृद्धि का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध किया है। परिषद ने बड़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग की है। निफ्ट की देशभर में 15 स्थानों पर शााखाएं हैं।
अभाविप के केन्द्रीय कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में परिषद के महामंत्री श्री उमेश दत्त ने कहा है कि संस्थान द्वारा किया गया फीस वृद्धि का निर्णय छात्रों के विरुद्ध है। सभी पाठ्यक्रमों में 40 प्रतिशत की फीस वृद्धि किसी भी तरह से ठीक नहीं है। इससे छात्रों पर फीस का अधिक भार {Écä÷MÉÉ* |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
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