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पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में उस समय हंगामा हो गया जब विपक्ष के नेता सुनील कुमार जाखड़ तरनतारन में पुलिस प्रताड़ना का शिकार हुई युवती को बिना अनुमति के सदन में ले आए। इस लड़की के साथ विगत दिनों तरनतारन की पुलिस ने सरेबाजार मारपीट की थी। इस घटना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय भी पुलिस की आलोचना कर चुकी है। पंजाब सरकार मारपीट के आरोपी पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर चुकी है और पूरी घटना की न्यायिक जांच चल रही है, परन्तु कांग्रेस पार्टी ने इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए पीड़ित युवती को विधानसभा के अंदर ले जाकर सदन की मर्यादा को भंग किया।
सदन में विपक्ष के नेता सुनील कुमार जाखड़ ने बताया कि उन्होंने इस युवती के लिए प्रवेश पत्र मांगा था परन्तु विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। पुलिस को जब उक्त युवती के प्रवेश के बारे में पता चला तो विधायक निवास पर छापेमारी की, इस पर कांग्रेसी विधायक पुलिस वालों से भिड़ गए। कांग्रेसी विधायकों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि विधानसभा में पुलिस बुलाकर सरकार ने सदन की मर्यादा को भंग किया है। इसको लेकर विपक्ष ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया और विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर कब्जा जमा लिया।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए इसे सदन का अपमान बताया है। स्वास्थ्य मंत्री मदन मोहन मित्तल ने इस संबंध में निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही है। दूसरी तरफ विपक्ष के नेता सुनील कुमार जाखड़ ने कहा है कि वे सदन में किसी आतंकी को लेकर नहीं आए थे, जिस पर इतनी हायतौबा मची हुई है। उन्होंने कहा कि सदन का अपमान स्वयं सरकार ने विधानसभा में पुलिस बुलाकर किया है। इसके लिए गृहमंत्री व विधानसभा के अध्यक्ष त्यागपत्र दें।
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