सुनी धमक, दिखी चमक
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भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद बैठक
भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक के जरिए कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार के कुशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। आगामी प्रदेश और आम चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को पार करने का स्पष्ट खाका खींचा है। बैठक में मोदी ने कुशासन और भ्रष्टाचार पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया तो शिवराज ने सामने रखी सुराज की उजली तस्वीर।
नई दिल्ली में 1-3 मार्च 2013 को सम्पन्न हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद बैठक में पार्टीगत अन्य तमाम मुद्दों पर चर्चा-मंथन के अलावा एक बात जरूर उभरकर आई कि आने वाले चुनावों में पार्टी एक होकर मैदान में उतरने को तैयार है। अपने-अपने भाषणों में सभी वरिष्ठ नेताओं ने संगठन की एकजुटता, मजबूती और विस्तृत संपर्क के बूते चुनावी वैतरणी में सफलता से पार उतरने की प्रतिबद्धता जताई। अध्यक्ष राजनाथ सिंह हों, या वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज हों या अरुण जेटली, सभी ने कार्यकर्त्ताओं से सभी भेदाभेद भुलाकर आने वाले विधानसभा और 2014 के आम चुनावों में सफलता पाने के बीज मंत्र दिए।
आतंकवाद पर मुलायम कांग्रेस
अपने अध्यक्षीय भाषण में राजनाथ ने आतंकवाद पर कांग्रेस की कमजोर नीतियों पर चोट करते हुए कहा कि कांग्रेस देश को आतंकवाद से छुटकारा नहीं दिला सकती, क्योंकि उसके पास न तो वैसी सोच है और न ही कोई नीति। उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ही आतंकवाद से निजात दिला सकती है। राजनाथ ने अपने भाषण में कांग्रेस द्वारा आतंकवाद को हिन्दुत्व से जोड़ने पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस की तुष्टीकरण राजनीति आतंकवाद की लड़ाई को कमजोर बना रही है। इसी तरह बंगलादेशी घुसपैठियों की समस्या पर उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है। भ्रष्टाचार पर चोट करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार द्वारा, भ्रष्टाचार की तथा भ्रष्टाचार के लिए है।
विकास की राह
संसद में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कार्यकर्त्ताओं का आह्वान किया कि आने वाले चुनावों को देखते हुए बूथ स्तर तक पहुंच बनाएं, प्रबंधन में सक्रियता दिखाएं। उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनावों से पहले हमें छह प्रदेशों के विधानसभा चुनाव जीतने हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विजय की हैट्रिक बनानी है। नेता प्रतिपक्ष ने साफ शब्दों में ऐलान किया कि राजस्थान और दिल्ली में कांग्रेस को सत्ता से हटाना है।
कहना न होगा कि बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खासे आकर्षण का केन्द्र रहे। दोनों ने ही अपने भाषणों में अपने अपने प्रदेशों में विकास के नए-नए प्रतिमानों और उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की। नरेन्द्र मोदी विकास की लहर पर सवार होकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं, इसके लिए पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें खासतौर पर सम्मानित भी किया। कार्यकर्त्ताओं ने तालियों के साथ मोदी का अभिनंदन किया। मोदी ने गुजरात में जैसा विकास किया है और जिस गति से किया है उसे भारत के तमाम प्रदेशों सहित विदेशों ने भी स्वीकारा है। व्हार्टन ने भले कुछ सेकुलर प्रोफेसरों के हल्ला मचाने पर मोदी का भाषण रद्द कर दिया हो, लेकिन ब्रिटेन सहित यूरोपीय संघ के कितने ही देशों ने मोदी से मिलकर विकास के गुजरात माडल की तारीफें की हैं। अखबारों में इस बाबत ढेर ढेर छप चुका है। यही वजह है कि जब मोदी कांग्रेस को देश को खोखला करने वाली दीमक की संज्ञा देते हैं और उसके कुशासन की कलई खोलते हुए इसकी काट भाजपा को बताते हैं तो देश की त्रस्त जनता को आश्चर्य नहीं होता।
सुशासन का आइना
दिल्ली में चुनावी बयार बहने लगी है और इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी ने दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार को गुजरात का आइना दिखाया। बिजली को ही लें तो कभी गुजरात को बिजली आपूर्ति पर पच्चीस सौ करोड़ का घाटा होता था, आज सात करोड़ का फायदा हो रहा है। दिलचस्प बात यह कि वहां बिजली के दाम बिना बढ़ाए ही मुनाफा मिला है। जबकि दिल्ली में बिजली के बेतहाशा बढ़ते दामों के बावजूद शीला सरकार घाटे की चीख- पुकार मचाती है। दिल्ली की जनता त्रस्त है और सरकार सो रही है। गुजरात में बिना बिल बढ़ाए 24 घंटे बिजली दी जा रही है। बिजली पर मध्य प्रदेश में भी काफी काम हुआ है। ऐसा दावा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि आने वाले मई महीने से मध्य प्रदेश के सभी गांव बिजली से जगमगा जाएंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने समापन भाषण में कार्यकर्त्ताओं में जोश फूंकते हुए कहा कि देश के सभी नागरिकों की भलाई की चिंता करते हुए देश में लोकतंत्र, विकास और राष्ट्रीय एकीकरण में बुनियादी बदलाव लाना है। आडवाणी ने देश में रहे सभी प्रधानमंत्रियों में श्री अटल बिहारी वाजपेयी को सबसे सफल प्रधानमंत्री बताया।
कांग्रेस में बदहवासी
गांव-गांव और घर-घर तक संपर्क के रास्ते पार्टी देश में भ्रष्टाचार, महंगाई, तुष्टीकरण और सुरक्षा के प्रति कांग्रेस की अगुआई वाली मनमोहन सरकार की घोर लापरवाही जैसे मुद्दों पर जन जागरण करेगी। राजग और भाजपा शासित प्रदेशों में आम आदमी के विकास के लिए किए जा रहे कामों का उल्लेख करते हुए लोगों में नई चेतना फूंकेगी। पार्टी की इस बैठक से दिल्ली में धमक का आलम यह है कि कांग्रेस के गलियारों में सहमी-सहमी खामोशी पसरी है। कांग्रेसी 'चिंतक गुटों' में दिल्ली की सत्ता में फिर लौटने की 'खुशफहमी' पर उपजी शंका गहराती जा रही है। बयानों में खीझ और बौराई बदहवासी झलकने लगी है। कहना न होगा,
2014 का मोर्चा कांग्रेसियों को कंपाने लगा है।
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