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हेलीकॉप्टर दलाली:संसदीय समिति जांच या ढाल
जो काम एक पुलिस रपट से शुरू होना था और जिस काम में सीबीआई कोई तीर नहीं मार पायी उस काम को 'निपटाने' का जिम्मा सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपा है। यह बात और है कि भाजपा ने समिति के गठन पर सवाल उठाते हुए इसे मामला लटकाने और जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश बताया है। वैसे भी घोटाले से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं, जो इशारा करते हैं कि समिति का गठन सरकार के लिए सिर्फ बचाव का हथियार मात्र है। यह बात समय-समय पर गठित संयुक्त संसदीय समितियांे के किसी ठोस निष्कर्ष पर न पहुंचने से भी साबित हो जाती है।
फरवरी के मध्य में सामने आए 3600 करोड़ रु. के अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलीकॉटर खरीद घोटाले की जांच के लिए सरकार ने संसद में हंगामे के बाद गत 27 फरवरी को संयुक्त संसदीय समिति (जे.पी.सी.) गठित कर दी। 30 सदस्यीय समिति में 20 सदस्य लोकसभा से, 10 राज्यसभा से होंगे। संसद की यह समिति केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी.बी.आई.) की जांच की निगरानी करेगी। लेकिन प्रश्न उठता है कि जब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी.बी.आई.) मामले की जांच कर ही रहा है तो इस तरह संयुक्त संसदीय समिति गठित करने का क्या लाभ? क्या समिति का गठन विपक्षी दलों के विरोध से बचने का रास्तभर नहीं है? प्रश्न यह भी उठता है कि जब सरकार जांच के लिए इतनी ही गंभीर थी तो अब तक कोई एफ.आई.आर. क्यों दर्ज नहीं हुई।
अब तक देश में कुल 5 संयुक्त संसदीय समितियों का गठन हुआ है, इनमें से किसी का भी परिणाम ऐसा नहीं है, जिससे यह आशा बंधे कि यह समिति किसी ठोस परिणाम पर पहुंचेगी। पहली समिति 1987 में बोफर्स घोटाले की जांच के लिए बनाई गई, जिसकी रपट करीब 1 साल बाद अगस्त 1988 आई। इस रपट को विपक्ष ने खारिज कर दिया था। दूसरी समिति हर्षद मेहता घोटाले की जांच के लिए 1992 में बनी, इसकी रपट न तो पूरी तरह स्वीकार हुई और न ही इसकी किसी बात पर अमल हुआ। तीसरी समिति यू.टी.आई. घोटाले की जांच के लिए 2001 में बनी, इसकी रपट करीब डेढ साल बाद आई। रपट में शेयर बाजार में कुछ परिवर्तन की बात की गई थी, लेकिन इस पर भी अमल नहीं हुआ। चौथी समिति स्वास्थ्य पर कीटनाशक के दुष्प्रभाव की जांच के लिए अगस्त 2003 में बनाई गई थी। समिति का गठन कोल्ड ड्रिंक्स में कीटनाशकों की बात सामने के बाद हुए हंगामे के बाद हुई था। इसकी रपट फरवरी 2004 में आई। समिति ने इसके संबंध में कुछ सुझाव दिए थे, लेकिन उन पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। पांचवीं समिति प्रसिद्ध 2जी घोटाले की जांच के लिए गठित की गई। अभी तक इसकी कोई रपट भी नहीं आ सकी है। अब तक गठित सभी संयुक्त संसदीय समितियों के कुछ भी परिणाम सामने न आने से लगता है कि यह समितियां सरकार के बचाव का हथियार होने के अलावा कुछ नहीं है। प्रश्न उठता है कि आखिर कब तक इस तरह सरकार देश की आंखों में धूल झोंकती रहेगी? कब तक?दप्रतिनिधि
जोधपुर में अनूठा 'त्रिवेणी पथ संचलन'
समाज सेवा को सदैव तत्पर रहता है संघ
–के.सी. कण्णन
सह सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
मेड़ता (जोधपुर) में गत 28 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनूठा त्रिवेणी पथ संचलन निकला। संचलन तीन अलग-अलग स्थानों से निर्धारित समय पर प्रारंभ होकर विभिन्न स्थानों से होता हुआ शहर के न्यू भवानी चौराहे पर पहुंचा। संचलन का समापन पब्लिक पार्क में हुआ। यहां स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में बसंतोत्सव कार्यक्रम हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री के.सी. कण्णन ने कहा की समाज सेवा के लिए संघ हमेशा तत्पर रहता है। समाज सेवा स्वयंसेवकों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण भारत में संघ का कार्य पहुंच चुका है। लद्धाख में बादल फटने की घटना का उल्लेख करते हुए श्री कण्णन ने कहा कि बादल फटने के बाद जब पानी तीव्र गति से बहने लगा तो उस समय स्वयंसेवकों ने 27 लोगों की जान बचाई। सभी घर तहस-नहस होने के कारण रहने की समस्या हुई। इस पर सेवा भारती ने 65 मकान बनवाकर दिये। उत्तर भारत से कई ट्रक खाद्य सामग्री एवं कपड़े पीड़ितों तक पहुंचाए गए।
श्री कण्णन ने कहा कि जम्मू के लेह से लेकर सागर किनारे स्थित विवेकानंद किया और पश्चिम में जैसलमेर से लेकर पूर्व में मणिपुर के मोहिरांग तक संघ के स्वयंसेवक सक्रिय हैं। जिला, तहसील तथा मंडल स्तर तक शाखा का काम पहुंच चुका है। सागर पार भी संघ का काम शुरू हो गया है। अमरीका, मलेशिया इंग्लैंड सहित 30 देशों में शाखा लगती है।
श्री कण्णन ने कहा कि स्वामी विवेकान्द के सपनों को पूर्ण करने के लिए ही संघ का जन्म हुआ है। पूरी दुनिया में परिवर्तन का समय है। अब भारत दुनिया का नेतृत्व करने की ओर अग्रसर है और आने वाले समय में यह सपना भी पूरा होगा। स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के भारत के विश्वशक्ति बनने के उद्धरणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में उथल-पुथल मची हुई है। भारतीय युवाओं को चाहिए कि वे अपनी नेतृत्व क्षमताओं को पहचानें और आगे आएं। योग, संस्कृत और संस्कृति का अध्ययन कर युवा अपनी नेतृत्व क्षमता को प्रखर बनाएं। युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने लिए जीने की प्रवृत्ति का त्याग कर समाज के लिए जीने का प्रण लें।
कार्यक्रम को रामस्नेही सम्प्रदाय के श्री रामनिवास शास्त्री ने भी संबोधित किया। मंच पर रा.स्व.संघ के विभाग संघचालक श्री नरोतम भी आसीन थे। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के जोधपुर प्रान्त प्रचारक श्री मुरलीधर विशेष रूप से उपस्थित थे। दप्रतिनिधि
पाठकों ने अनुभव
साझा किए
मध्य प्रदेश के जीरापुर में गत 24 फरवरी को पाञ्चजन्य पाठक सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इसमें नगर के करीब 200 पाठकों ने भाग लिया। यहां पाठकों ने अपने अनुभव साझा किए एवं विभिन्न सुझाव दिए। सम्मेलन के प्रथम सत्र में पाञ्चजन्य के पाठक श्री हेमंत ने बताया कि पत्र में सुदूर क्षेत्र के ऐसे महत्वपूर्ण समाचारों को भी स्थान दिया जाता है, जिन्हें दूसरे समाचार पत्र स्थान नहीं देते। एक अन्य पाठक श्री बी.एम. गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य स्तंभ के अंतर्गत प्रकाशित लेखों का अध्ययन कर लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं। कार्यक्रम में सर्वश्री हरिहर शर्मा, नटवर पंवार, महेश नाथ, जितेन्द्र आदि पाठकों ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. एम.एल. गुप्ता ने की। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के विभाग प्रचार प्रमुख श्री दिलवर यादव तथा जिला संघचालक श्री गिरिराज गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित थे। सम्मेलन का संचालन श्री विशाल गुप्ता ने किया। दप्रतिनिधि
छपरा में 'रज्जू भैया स्मृति व्याख्यानमाला'
आतंकवाद का सम्पूर्ण नाश जरूरी
–इन्द्रेश कुमार, सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ
'प्रदूषण वैश्विक समस्या है, लेकिन आतंकवाद उससे भी बड़ी समस्या है। आतंकवाद वह प्रदूषण और गंदगी है जिसका निराकरण जरूरी है। आतंकवाद का समूल नाश विश्व शांति के लिए भी आवश्यक है।' उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार ने गत दिनों छपरा (बिहार) में रज्जू भैया स्मृति व्याख्यानमाला में 'आतंकवाद: समस्या एवं समाधान' विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि संघ का कार्य ईश्वरीय कार्य है। आतंकवाद की रट लगाने वाले आतंकवाद को पहचानें और वोट की राजनीति को छोड़कर इसकी जड़ों का समूल नाश करें। व्याख्यानमाला को पूर्व सैनिक सेवा परिषद् के अ.भा. सह संगठन मंत्री श्री नरेन्द्र कुमार, संघ के प्रान्त संपर्क प्रमुख श्री रवीन्द्रनाथ पाठक, समाजसेवी श्री इम्तियाज हसन एवं विभाग संघचालक श्री चतुर्भुज नाथ गुप्त ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात शिक्षाविद् श्री कृष्ण कुमार द्विवेदी ने की। स्वागत उद्बोधन श्री वैद्यनाथ मिश्र ने दिया, मंच संचालन किया श्री अवध किशोर मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री शम्भू कमलाकर मिश्र ने किया। दप्रतिनिधि
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