|
अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में कोई मस्जिद स्वीकार्य नहीं
–अशोक सिंहल, संरक्षक, विश्व हिन्दू परिषद
विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने कहा कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में किसी भी प्रकार की मस्जिद स्वीकार्य नहीं है और अधिग्रहीत 70 एकड़ भूमि पर रामलला का भव्य मंदिर ही बनेगा। वे गत 15 अक्तूबर को नई दिल्ली में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री सिंहल ने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों से यह सुनने में आ रहा है कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में अधिग्रहीत 70 एकड़ भूमि से सटी हुई जमीन को अधिग्रहीत कराना चाहते हैं। इस विषय में मुलायम सिंह यादव एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मिल-जुल कर कार्य कर रहे हैं। इसके लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बसु तथाकथित आम सहमति बनाने के प्रयास में लगभग दो वर्षों से लगाए गए हैं।
श्री सिंहल ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि के सम्बन्ध में देश के सभी सन्तों का मत है कि अधिग्रहीत 70 एकड़ भूमि पर रामलला का ही विराट मन्दिर बनेगा एवं अयोध्या की शास्त्रीय व सांस्कृतिक सीमा के अन्तर्गत किसी नई मस्जिद का निर्माण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति बसु के द्वारा किए जा रहे प्रयासों से ऐसा लगता है कि मुलायम सिंह यादव 70 एकड़ भूमि से सटी हुई जमीन, जहां वर्तमान में आरा मशीन स्थित है, पर मस्जिद एवं 'इस्लामिक कल्चरल सेन्टर' बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामिक ताकतें ऐसा करने के लिए उनको बाध्य कर रही हैं।
श्री सिंहल ने कहा कि इसलिए यह चर्चा चली है कि अधिग्रहण का कार्य उत्तर प्रदेश की सपा सरकार करेगी एवं सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेसनीत संप्रग सरकार उसके लिए आर्थिक पक्ष को मजबूत करेगी। श्री सिंहल ने स्पष्ट कहा कि श्रीरामजन्मभूमि के संदर्भ में यदि कोई गैर जिम्मेदारी भरा निर्णय लिया जाता है तो उसके भयंकर दुष्परिणाम हो सकते हैं। यदि वहां कोई मस्जिद बनी तो अयोध्या सहित पूरे देश में आक्रोश का प्रस्फुटीकरण होगा। इस्लामिक ताकतों का दबाव पूरे उत्तर प्रदेश में हिन्दू समाज के लिए असहनीय होता जा रहा है। प्रदेश में मन्दिरों से मूर्तियों को हटाए जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में अयोध्या में मां देवकाली की प्रतिमा को तोड़ना और हटाना इसका जीता-जागता उदाहरण है। विशेष रूप से नवरात्रों से पहले इन मूर्तियों का तोड़ा जाना समाज को उत्तेजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं रोकने में पूर्णतया अक्षम साबित हुई है। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ