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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि संघ समाज निर्माण के कार्य में लगा है। समाज ठीक होगा तो राजनीति भी ठीक हो जाएगी। सिर्फ राजनीति से देश का भाग्य नहीं बदलने वाला है। समाज चरित्रपूर्ण व मूल्यों पर खड़ा होगा तो देश का भाग्य बदलेगा। सामान्य जन की सेवा करना संघ का उद्देश्य है। संघ के कार्यकर्ता देश की सेवा में जुटे हैं। वर्तमान समय में संघ के कार्यकर्ता देश की एकता-अखंडता व आम जन की सेवा में जुटे हैं। देश को मजबूत करने के लिए सामान्य जन को गुणसंपन्न करना होगा। श्री भागवत गत 4 अक्तूबर को रांची (झारखंड) के सी.एम.पी.डी.आई. सभागार में 'वर्तमान भारतीय परिदृश्य व हमारी भूमिका' विषयक व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। व्याख्यान का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क विभाग द्वारा किया गया।
श्री भागवत ने भ्रष्टाचार पर गहरी चिंता जाहिर करते हुये कहा कि इस लड़ाई में सबको साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कालाबाजारियों को सरकारी संरक्षण मिलने से आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के कारण देश में घुसपैठ का सिलसिला लगातार जारी है।
श्री भागवत ने कहा कि बाहर से संघ को न देखें। अंदर आयें। न आने का शुल्क है, न जाने का। जब मन में आए तब आएं, अच्छा लगे तो रहें नहीं तो चले जायें, पर बाहर से संघ के बारे में धारणा न बनायें। कम से कम दो साल संघ को अंदर आकर देखें फिर आकलन करें। उन्होंने कहा कि भारत में कोई अल्पसंख्यक नहीं हैं। वोट के लिए सब राजनीति होती है।
अयोध्या के श्रीराम मंदिर के संबंध में बोलते हुए श्री भागवत ने कहा कि संघ हिन्दू शक्ति की बात करता है। हम भावना नहीं भड़काते, बल्कि भड़की भावना को शांत करते हैं। अयोध्या के श्रीराम मंदिर को लेकर हमारी प्रतिबद्धता है। संसद को इसके लिए कानून बनाना चाहिए। तथाकथित पंथनिरपेक्षतावादी लोगों ने ही राम मंदिर को साम्प्रदायिक रंग दिया है। वोट की राजनीति के लिए राम मंदिर का मामला उछालने वालों को सावधान हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राम राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक हैं।
श्री भागवत ने कहा कि राजनीति से देश बचने वाला नहीं है। राजनीति तोड़क तत्वों का अड्डा बन गई है। उन्होंने कहा कि संघ किसी को अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक नहीं मानता। जो जीवन में परिवर्तन लाता है, वहीं संघ का कार्यकर्ता है। श्री भागवत ने कहा कि सीमा पार से आने वाले हिंदू हमारे देश के अतिथि हैं। उन्हें पूरी सहायता व संवेदना की जरूरत है। घुसपैठ के संबंध में उन्होंने कहा कि इसे रोकना सरकार का काम है। सर्वोच्च न्यायालय ने चार बार आदेश दिया है कि घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर किया जाये। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के कारण घुसपैठ की समस्या बढ़ी है।
कार्यक्रम के मंच पर श्री भागवत के साथ रा.स्व.संघ के क्षेत्र संघचालक श्री सिद्धनाथ सिंह भी मौजूद थे। स्वागत उद्बोधन रा.स्व.संघ के झारखंड प्रांत संघचालक श्री जगन्नाथ शाही ने दिया। मंच संचालन श्री राकेश लाल ने किया। कार्यक्रम में रा.स्व.संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री स्वांत रंजन, प्रांत प्रचारक श्री मिथिलेश नारायण, विभाग संघचालक श्री ज्ञान प्रकाश जालान, अशोक भगत, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष श्री सी.पी. सिंह, राज्य की पर्यटन मंत्री श्रीमती विमला प्रधान, शिक्षा मंत्री श्री बैजनाथ राम, कृषि मंत्री श्री सत्यानंद झा बाटुल, सांसद श्री पी.एन. सिंह आदि सहित करीब एक हजार लोग उपस्थित थे। सभागार भर जाने के कारण लोग सभागार के बाहर से ही श्री भागवत के विचार सुनते रहे। मंगल पाण्डेय
श्री भागवत ने तनोट राय माता के दर्शन किए
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने गत 3 अक्तूबर को जैसलमेर (राजस्थान) स्थित तनोट राय माता की पूजा-अर्चना कर राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा की कामना की।
श्री भागवत ने लोंगेवाला सीमा पर भारत के जवानों द्वारा पकड़े गए टैंकों का भी अवलोकन किया। सीमा सुरक्षा बलों के अधिकारियों से वार्तालाप करते हुए सरसंघचालक ने अधिकारियों एवं जवानों के त्याग की प्रशंसा की। अधिकारियों ने भी सीमाजन कल्याण समिति के कार्यकर्ताआंे द्वारा किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि समिति के कार्यकर्ता अपने कार्यक्रमों से समय-समय पर जवानों का उत्साहवर्धन करते रहते हैं। सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने सीमाजन कल्याण समिति द्वारा हर वर्ष जवानों को रक्षाबंधन के अवसर पर रक्षा सूत्र बांधने के कार्यक्रम की प्रशंसा की।
इस दौरान श्री भागवत के साथ क्षेत्र प्रचारक श्री दुर्गादास, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्री नन्दलाल, प्रान्त प्रचारक श्री मुरलीधर तथा सीमाजन कल्याण समिति के संगठन मंत्री श्री नीम्ब सिंह भी उपस्थित थे।प्रतिनिधि
'जम्मू–कश्मीर समस्या एवं समाधान' पर इलाहाबाद में संगोष्ठी
धारा 370 की आड़ में हुई धोखाधड़ी
–अरुण कुमार, अ.भा.सह सम्पर्क प्रमुख, रा.स्व.संघ
'जम्मू–कश्मीर को लेकर देश के अधिकांश लोगों को सही जानकारी नहीं है। यह राज्य कभी अलगाववादी नहीं रहा है। वहां अनावश्यक रूप से देश विरोधी ताकतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर का 85 प्रतिशत भू-भाग जम्मू एवं लद्दाख क्षेत्र है। जिसमें आज तक भारत के खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं हुआ। इस राज्य को लेकर पूरे देश में समग्र चिंतन कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है'। उक्त विचार इलाहाबाद में गत दिनों सम्पन्न हुई संगोष्ठी को संबोधित करते हुए रा.स्व.संघ के अ.भा. सह सम्पर्क प्रमुख श्री अरुण कुमार ने व्यक्त किए। संगोष्ठी का विषय 'जम्मू- कश्मीर समस्या एवं समाधान' था।
श्री अरुण कुमार ने कहा कि इस राज्य में धारा 370 की आड़ में सिर्फ धोखाधड़ी हुयी है। भारत का संविधान व लोकतांत्रिक प्रक्रिया आज तक जम्मू-कश्मीर के अन्दर लागू नहीं हुयी। पंचायती राज, शिक्षा का अधिकार समेत कई योजनाएं वहां लागू नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समूचे राज्य को सिर्फ 50 परिवार चला रहे हैं। यह सब अब बन्द होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि इस राज्य के प्रति देशवासी समग्र चिंतन करें और उसके समाधान के लिए आगे बढ़ें।
केन्द्र सरकार पर ढुलमुल व तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए श्री अरुण कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के वास्तविक पीड़ितों से सरकार को कोई लेना देना नहीं है। जिनको सहयोग व सुरक्षा चाहिए, उनकी ओर सरकार की नजर नहीं जाती। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में गत 65 वर्षो में लगातार हिन्दुओं का विस्थापन हुआ, लेकिन सरकार ने आज तक उनके बारे में विचार नहीं किया। जम्मू-कश्मीर के अन्दर वास्तविक पीड़ित कौन हैं उसको जानने व समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान व चीन अधिकृत जम्मू-कश्मीर को वापस लाने की रणनीति बनानी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति (से.नि.) शम्भूनाथ श्रीवास्तव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद व राष्ट्रवाद की लड़ाई है। 65 वर्षों के इतिहास में अलगाववाद हमेशा हारा है, जबकि राष्ट्रवाद हमेशा जीता है। इसका कारण है जम्मू-कश्मीर की बहुतायत आबादी देश के साथ है। उन्होंने कहा कि देश के अन्दर हौव्वा बनाया जा रहा है कि जनमत संग्रह होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन श्री अशोक मेहता ने किया। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के विभाग प्रचारक श्री मनोज कुमार सहित बड़ी संख्या में इलाहाबाद के प्रबुद्ध गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार
श्रद्धाञ्जलि
बी.पी. सिंहल पंचतत्व में विलीन
विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल के छोटे भाई व राज्यसभा के पूर्व सदस्य श्री बी.पी. सिंहल का शरीर गत 6 अक्तूबर को पंचतत्व में विलीन हो गया। 80 वर्षीय श्री बी.पी. सिंहल की पार्थिव देह को दिल्ली के निगम बोध घाट पर देश के अनेक गण्यमान्य लोगों की उपस्थिति में उनके भतीजे श्री अरविंद सिंहल ने मुखाग्नि दी। श्री सिंहल का गत 5 अक्तूबर की शाम दिल्ली में निधन हो गया था।
श्री बी.पी. सिंहल की अंतिम यात्रा में शामिल होने वालों में विहिप के वयोवृद्ध नेता आचार्य गिरिराज किशोर, संरक्षक श्री अशोक सिंहल, संगठन महामंत्री श्री दिनेश चन्द्र, उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिंहल, प्रवक्ता श्री प्रकाश शर्मा, दिल्ली प्रांत अध्यक्ष श्री स्वदेश पाल गुप्ता, भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. मुरली मनोहर जोशी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज, भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री श्री रामलाल, राष्ट्रीय सिख संगत के संरक्षक सरदार चिरंजीव सिंह सहित अनेक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी थे।
15 मार्च, 1932 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मे श्री सिंहल उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक व नागरिक सुरक्षा के अखिल भारतीय महानिदेशक, होम गार्ड के कमांडेंट जनरल, केन्द्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव व फिल्म सेंसर बोर्ड के चेयरमैन रहे। वर्तमान में वे सांस्कृतिक गौरव संस्थान के राष्ट्रीय प्रधान थे। अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें अनेक पदक व सम्मान भी मिले। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे, किन्तु सामाजिक कार्य उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। अंतिम संस्कार से पूर्व उनका पार्थिव शरीर रामकृष्ण पुरम स्थित विहिप मुख्यालय में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया, जहां अनेक गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रतिनिधि
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