एक कार्टूनिस्ट की अनूठी पहल
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आलोक भार्गव कार्टूनिस्टों की दुनिया में जाना-पहचाना व स्थापित नाम है। पाचजन्य में वे इवोटरइ के नाम से चुटीले, व्यंग्यात्मक रेखाचित्र भेजते हैं तो दिल्ली से ही प्रकाशित एक पारिवारिक पत्रिका में इश्रीमतीजीइ नामक व्यंग्यात्मक चित्र स्तंभ वर्षों से पाठकों की पहली पसंद है। व्सके अलावा भी अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनके बनाए इकार्टूनइ व रेखांकन प्रकाशित होते रहते हैं। अब श्री आलोक भार्गव ने अपनी कलात्मक प्रतिभा से अपने उस संस्थान को भी लाभान्वित करने का प्रयास किया है जहां वे एक कर्मचारी हैं। या यूं कहें कि उनके संस्थान ने उनकी प्रतिभा का सदुपयोग किया है। उल्लेखनीय है कि श्री भार्गव यूनियन बैंक आफ व्ंडिया के कर्मचारी हैं और वर्तमान में व्सकी अमदाबाद शाखा में कार्यरत हैं। बैंक ने हाल ही में अपनी 5 सूत्रीय कार्य-विस्तार योजना की घोषणा की है, जिसका शुभारम्भ केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने मुम्बवर्् में आयोजित एक समारोह में किया। व्स योजना के अन्तर्गत बैंक के वित्तीय समावेशन विभाग ने 11 विशेष समावेशन शाखाएं खोलने के अलावा मोबाव्ल बैकिंग, यूनियन आदर्श ग्राम में सौर ऊर्जा की योजनाएं, बायोमीट्रिक कार्डों से अन्तरण आदि की सुविधा देने की घोषणा की है।
बैंक की ये योजनाएं उसके ग्राहकों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों तक कैसे पहुंचे, व्सके लिए बैंक ने लघु चित्रकथाओं का सशक्त माध्यम चुना है। श्री आलोक भार्गव द्वारा परिकल्पित व रेखांकित तीन छोटी-छोटी चित्र कथाओं का लोकार्पण भी वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने उक्त कार्यक्रम के दौरान किया। यूनियन बैंक आफ व्ंडिया के मुम्बवर्् स्थित केन्द्रीय कार्यालय के वित्तीय समावेशन विभाग द्वारा राजभाषा कार्यान्वयन विभाग के सहयोग से प्रकाशित ये तीनों चित्र कथाएं देखने व पढ़ने में बेहद सरल व बोद्यगम्य हैं। इखुशहालीइ, इसुरक्षित भविष्यइ तथा इस्वयं सहायता समूह… आत्मनिर्भरता की ओरइ शीर्षक से प्रकाशित व्न चित्र कथाओं के माध्यम से बैंक की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के साथ ही उन्हें जागरूक बनाने का प्रयास किया गया है। उदाहरणस्वरूप इखुशहालीइ में बताया गया है कि गांव या निकटवर्ती कस्बे के महाजन से आसानी से और दिखने में कम ब्याज दर पर मिल जाने वाला कर्ज वास्तव में कितना भारी पड़ता है। व्सके बदले यदि किसान आवश्यकता पड़ने पर बैंक से कर्ज लें तो वे अधिक सुरक्षित व खुशहाल होंगे। बैंकों में नियुक्त किए गए ग्राम ज्ञान केन्द्र के अधिकारी तो किसानों को उन्नत बीज, दवाओं व उच्च तकनीकी की भी जानकारी देते हैं। व्सी प्रकार कुटीर उद्योगों, स्वयं सहायता समूहों, शिक्षा ऋण आदि के बारे में भी रोचक तरीके से जानकारी दी गवर्् है। उद्देश्य तो यही है कि बैंक का कार्य विस्तार हो, साथ ही लोगों को जानकारी भी मिले कि वित्तीय लेन-देन के लिए राष्ट्रीय बैंक ही अधिक सुरक्षित हैं। 12-12 पृष्ठों की व्न तीन चित्र कथाओं की प्रारंभ में 2.5 लाख प्रतियां हिन्दी भाषा में प्रकाशित हुवर्् हैं, जो कि नि:शुल्क वितरित की जाएंगी। भविष्य में अंग्रेजी सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी व्सके प्रकाशन की योजना है।
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