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गुजरात में बाढ़ पीड़ितों की सेवा में जुटे संत और स्वयंसेवक

दशकों बाद लगभग आधा गुजरात बाढ़ की चपेट में है। कई शहरों में 10-11 फुट पानी भर गया है। इसके बावजूद संघ के स्वयंसेवक और कई धार्मिक संगठनों के संत बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में जुटे हैं

by अरुण कुमार सिंह
Aug 29, 2024, 04:10 pm IST
in भारत, गुजरात
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इस समय गुजरात के कई जिले भयानक बाढ़ की चपेट में हैं। लगातार करीब 10 दिन से भारी वर्षा हो रही है। इस कारण वडोदरा, द्वारका, मोरबी, राजकोट, आणंद, खेड़ा, अमदाबाद जैसे जिलों में सर्वाधिक तबाही हुई है। वडोदरा, राजकोट, द्वारका में तो 10-11 फीट पानी खड़ा हो गया है। नीचे के सारे मकान जलमग्न हो गए हैं। इस कारण लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। अब तक लगभग 30 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाढ़ की विभीषिका की जानकारी दी है। प्रधानमंत्री ने उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है। इससे आप बाढ़ की विभीषिका का अंदाजा लगा सकते हैं।
इस बीच राज्य प्रशासन के साथ ही सेना के जवान भी बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हैं। कई जगह लोगों को हेलिकॉप्टर से निकाला जा रहा है। इस आपदा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक और आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता अपने परिवारों के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने के बजाय, बाढ़ में फंसे नागरिकों, माताओं, बच्चों आदि को बाहर निकालने में लगे हैं। ये स्वयंसेवक दूर-दराज की झोपड़ियों में रहने वाले निवासियों के लिए भोजन पहुंचा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,सौराष्ट्र के वरिष्ठ कार्यकर्ता पंकज रावल ने बताया कि स्वयंसेवकों ने जामनगर में 80 से अधिक लोगों को बचाया है। उन्होंने यह भी बताया कि लालपुर, कलावड, पदधरी आदि इलाकों में कई ऐसी कई गर्भवती महिलाएं थीं, जिन्हें अस्पताल पहुंचाना आवश्यक था। स्वयंसेवकों ने इन महिलाओं को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। जामनगर में लगभग 2,000 भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं। इसके अलावा राजकोट में एक रसोईघर शुरू किया गया है, जिसमें हर दिन लगभग 1,000 लोगों को खाना खिलाया जा रहा है। टंकारा और जामनगर में लगभग 150 स्वयंसेवकों ने भोजन वितरित किया।
वडोदरा में डॉ. हेडगेवार सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के साथ ही उनके लिए भोजन की भी व्यवस्था की है। समिति से जुड़े दीप अग्रवाल ने बताया, ‘‘वडोदरा में ऐसी बाढ़ शायद ही पहले कभी आई होगी। इस कारण हर व्यक्ति परेशान है। डॉ. हेडगेवार सेवा समिति के कार्यकर्ता अपने डूबे घरों की चिंता छोड़कर अन्य लोगों की मदद कर रहे हैं। उन तक पानी और भोजन पहुंचा रहे हैं।’’
सामाजिक संगठनों के अलावा धार्मिक संगठन भी बाढ़ पीड़ितों की सेवा में लगे हैं। वडोदरा में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (बी.ए.पी.एस.) के संत और अनुयायी बाढ़ पीड़ितों की सेवा में लगे हैं। संत भोजन तैयार करने से लेकर उसके वितरण तक में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इन संतों की देखरेख में अनुयायियों ने वडोदरा के सामा, कलाली, वडसर, चपाल, चांसद, वाघोडिया आदि क्षेत्रों में भोजन के पैकेट वितरित किए। बी.ए.पी.एस. के मीडिया प्रभारी स्वामी ज्ञानानंद ने बताया, ‘‘अब तक बी.ए.पी.एस. के संतों और अनुयायियों ने लगभग 25,000 लोगों के बीच भोजन के पैकेट बांटे, वहीं करीब 10,000 लोगों के लिए खिचड़ी की व्यवस्था की।’’
स्वामिनारायण संस्था, वडतालधाम के संत भी बाढ़ पीड़ितों की सेवा में लगे हैं। इस संस्था से जुड़े ‘गोकुलधाम’ के संचालक संत शुकदेव प्रसाद दास जी ने बताया, ‘‘जरूरतमंद परिवारों को 4,400 भोजन थाली के साथ 3,200 लोगों को सूखा भोजन और 140 लोगों को अनाज की किट दी गई।’’

 

 

 

Topics: Gujaratगुजरात बाढ़स्वयंसेवकfloodसंत
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