फर्जी प्रमाण पत्र, खतरनाक मंसूबे
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

फर्जी प्रमाण पत्र, खतरनाक मंसूबे

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से बड़ी संख्या में मुसलमानों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने की साजिश का खुलासा हुआ है। केरल और कर्नाटक तक के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र यहां से बनाए गए

by
Aug 5, 2024, 01:41 pm IST
in विश्लेषण, उत्तर प्रदेश, लव जिहाद
पुलिस गिरफ्त में फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वाला जनसेवा केन्द्र संचालक जीशान और उसका पिता रियाज। एक फर्जी प्रमाण-पत्र (दाएं)

पुलिस गिरफ्त में फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वाला जनसेवा केन्द्र संचालक जीशान और उसका पिता रियाज। एक फर्जी प्रमाण-पत्र (दाएं)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

लव जिहाद, जमीन जिहाद और अब ‘जन्म जिहाद’। जी हां, सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के रायबरेली से ‘जन्म जिहाद’ का खतरनाक षड्यंत्र सामने आया है। राहुल गांधी यहीं से सांसद हैं। सोची-समझी साजिश के तहत रायबरेली जिले से हजारों मुसलमानों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने का खुलासा हुआ है। यहां कर्नाटक और केरल तक के बच्चों के जन्म लेने के फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए। इस खतरनाक साजिश का पता चलते ही एनआईए, यूपी एटीएस पुलिस और तमाम खुफिया एजेंसियां ‘जन्म जिहाद’ में शामिल राष्ट्र विरोधी तत्वों की धरपकड़ में लग गई हैं। अभी तक की जांच में सामने आया है कि विभिन्न पंचायतों से 30 हजार से अधिक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए हैं। इस मामले में जनसेवा केन्द्र संचालक जीशान खान, सुहैल व रियाज खान के साथ ही ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव को गिरफ्तार किया गया है जिसकी आईडी से यह सारा फर्जीवाड़ा किया गया।

आबादी कम, प्रमाणपत्र ज्यादा

जांच एजेंसियों की छानबीन में पता लगा है कि गांवों की आबादी से दोगुने या इससे भी ज्यादा जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं। जैसे कि रायबरेली के नूरुद्दीनपुर गांव की जनसंख्या लिखा-पढ़ी में सात हजार के करीब है। ग्राम प्रधान का कहना है कि उनके गांव के पते से 12 हजार जन्म प्रमाण पत्र बना दिए गए और किसी को भनक तक नहीं लगी। ग्राम पंचायत का परिवार रजिस्टर प्रधान के पास रहता है। सच सामने आने के डर से जन्म प्रमाणपत्रों को परिवार रजिस्टर में दर्ज ही नहीं कराया गया।

डिजिटल सेवा पोर्टल चलाने वाला जीशान क्षेत्र के ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव के साथ मिलकर राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र रचता रहा। पलाही गांव के प्रधान दीपक के अनुसार, उनके यहां 4,500 की आबादी है, लेकिन गांव के पते से 819 जन्म प्रमाण पत्र बनाने की बात सामने आई है। गांव में एक ही मुसलमान परिवार रहता है लेकिन कितने ही मुसलमानों के जन्म प्रमाण पत्र इसी गांव के पते से बना दिए गए। जिले के और भी गांवों में ऐसा ही फर्जीवाड़ हुआ है।

मोहरा बना पंचायत कर्मचारी

पुलिस के अनुसार, रायबरेली के कई गांवों में सरकारी कार्य देखने वाला ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव पहले डिजिटल सेवा पोर्टल चलाने वाले जीशान के घर में किराए पर रहता था। जीशान ने विजय को अपने साथ मिला लिया और उसकी आईडी से हजारों की संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनाकर जारी कर दिए। पूछताछ में विजय ने पुलिस को बताया कि जीशान उसके सरकारी सीयूजी नम्बर का प्रयोग कर रहा था। रायबरेली के विभिन्न गांवों के पते से जो फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए, वे देश के अलग-अलग हिस्सों में पकड़े गए हैं।

गहरी है साजिश

छानबीन में रायबरेली से बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के जन्म प्रमाणपत्र बनाने की बात भी सामने आई है। इस पूरे षड्यंत्र में प्रतिबंधित उन्मादी संगठन पीएफआई की भूमिका होने की बात भी उभरी है। उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, झारखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र तक फैले इस राष्ट्र विरोधी नेटवर्क में रायबरेली का जीशान सिर्फ एक कड़ी बताया जा रहा है। इसके पीछे बड़ी साजिश होने की बात कही जा रही है। रायबरेली प्रशासन ने जिले की एक-एक ग्राम पंचायत से जारी होने वाले जन्म प्रमाणपत्रों की जांच शुरू करा दी है।

यह काम पंचायत राज व विकास विभाग को संयुक्त रूप से सौंपा गया है। रायबरेली की ग्राम पंचायत सिरसिरा, लहुरेपुर, नूरुद्दीनपुर, गोपालपुर उर्फ अनन्तपुर एवं गढ़ी इस्लामनगर में आनलाइन व आफलाइन जन्म रजिस्टर का मिलान करने पर पता चला है कि जिन व्यक्तियों के जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए, उनका जन्म उनके गांव में हुआ ही नहीं। सिर्फ इन्हीं पंचायतों से 19,184 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का सनसनीखेज सच सामने आ चुका है। एडीओ पंचायत ने इसे लेकर जीशान, उसके पिता रियाज, सुहैल और विकास अधिकारी विजय यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत 319 (2), 318 (4), 338,337, 336 (3) व 340 (2) के तहत एफआईआर दर्ज कराई है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि ‘चारों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। वीडीओ विजय यादव को निलंबित कर दिया गया है। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र प्रकरण में पुलिस ने पंचायत सचिव, सीएससी संचालक के कब्जे से कम्प्यूटर, छह मोबाइल फोन, आधार कार्ड व अन्य कागजात बरामद किए हैं। आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी और आईजी जोन अमरेन्द्र सेंगर ने रायबरेली पहुंचकर पकड़े गए लोगों से पूछताछ की है। जिस वेबसाइट से प्रमाणपत्र बनते थे, उसमें किस तरह से काम होता है, प्रमाण पत्र किसके कहने पर जारी होते थे, अफसरों ने इस बारे में गहराई से तथ्य जुटाए हैं।

रायबरेली पहुंची जांच टीम

कर्नाटक-केरल के बच्चों का जन्म भी यहीं हुआ

इस मामले की जांच में पता चला है कि रायबरेली के सलोन क्षेत्र के पांच गांवों में कर्नाटक-केरल, बिहार तक के बच्चों ने ‘जन्म’ लिया। यूपी एटीएस की नजर उन जन्म प्रमाण पत्रों पर भी है जो कर्नाटक, केरल, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से जारी हुए हैं। जांच में 18,000 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र गैर जनपद व प्रदेश से बाहर के पाए गए हैं। सलोन ब्लॉक में दो साल के अंदर 19,156 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए।

भाजपा विधायक की शिकायत पर खुला मामला

उत्तर प्रदेश में दर्जनों ग्रामों के पते से हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने की बात पहली बार तब सामने आई, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व मुंबई पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की थी। केरल के रहने वाले पीएफआई के एक सदस्य और कर्नाटक निवासी युवक का जन्म प्रमाण पत्र बनने के मामले की जांच करने दोनों राज्यों की पुलिस रायबरेली पहुंची थी, जिसके बाद सलोन के क्षेत्रीय भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी ने गंभीरता से जांच की मांग की। प्रशासन ने इसके बाद छानबीन कराई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। अशोक कुमार कोरी ने पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई।

उन्होंने कहा कि रायबरेली के गांवों से हजारों की संख्या में बाहरी लोगों के जन्म प्रमाणपत्र जारी होना राष्ट्रव्यापी षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा है। जब एक जिले से इतनी बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के लोगों के प्रमाणपत्र बने हैं तो पूरे देश में क्या हुआ होगा? यह भी हो सकता है कि जन्म प्रमाणपत्र जारी कराने का खेल वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए किया गया हो। कोरी ने कहा कि इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे देश में किए जाने की जरूरत है। फर्जी दस्तावेजों से किसान सम्मान निधि सहित दूसरी योजनाओं में भी फर्जीवाड़ा किया जा सकता है, इसलिए जांच एजेंसियों को व्यापक स्तर पर इसकी छानबीन करनी चाहिए, ताकि पूरे रैकेट पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके।

देश में जड़ें जमा रहे रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठिए

देश में इस्लामिक जिहाद और राजनीतिक ध्रुवीकरण की स्याह सचाई किसी से छिपी नहीं है। कहानी बंगाल, केरल की हो या फिर दिल्ली, पंजाब और जम्मू-कश्मीर की, समुदाय विशेष का सबसे बड़ा रहनुमा साबित करने की होड़ में कई राजनीतिक दल राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने से भी पीछे नहीं हटते। रोहिंग्या एवं बांग्लादेशियों की घुसपैठ का खौफनाक सच देश के दूसरे राज्यों में लगातार सामने आ रहा है। नेपाल, बांग्लादेश से सटे यूपी, बिहार, केरल और असम के सीमांत क्षेत्रों में अप्रत्याशित रूप से जनसांख्यिकीय परिवर्तन देखने को मिल रहा है। जहां कुछ साल पहले हिन्दू समाज की बहुलता थी, वहां अब मुस्लिम आबादी कई गुना बढ़ चुकी है। यूपी एसटीएफ ने कुछ महीने पहले आगरा, मथुरा, अलीगढ़, मेरठ सहित कई शहरों में छापेमारी कर सीमापार से घुसपैठ कर भारत में आए रोहिंग्या मुस्लिमों की बस्तियां बसने का खुलासा किया था। बड़ी संख्या में घुसपैठिए भी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। हालांकि ऐसी कार्रवाई उन राज्यों में कभी देखने को नहीं मिली है, जहां गैर भाजपा सरकारें हैं। साइबर-अपराध एवं आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि रायबरेली जिले से इतनी बड़ी संख्या में समुदाय विशेष से जुड़े बाहरी लोगों के जन्म प्रमाणपत्र जारी कराए जाने का मामला सीधे तौर पर भारत के खिलाफ सीमापार से हो रहे षड्यंत्रों का ही हिस्सा निकलेगा! केन्द्र एवं राज्य सरकार को रायबरेली मामले की व्यापक जांच में एनआईए, एटीएस, एसटीएफ के साथ सीबीआई को भी जुटाना चाहिए, ताकि देश विरोधी नेटवर्क से जुड़ा हरेक अपराधी बेनकाब होकर कानूनी शिकंजे में आए।

सीबीआई से जांच की मांग

रायबरेली प्रकरण एक बड़े कांड की शक्ल लेता जा रहा है। मुरादाबाद, महोबा, रामपुर, अमरोहा सहित ऐसे दर्जनों जिले हैं, जहां के मुसलमानों ने जन्म प्रमाण पत्र रायबरेली से जारी करा लिए हैं। कागजों में स्थायी पते पर सिर्फ जिला व राज्य दर्ज कर फर्जीवाड़ा किया गया है। आवेदनों में आधार कार्ड तक का प्रयोग नहीं किया गया। खेल इतना खतरनाक है कि जांच एजेंसियों को असली गुनहगारों तक पहुंचने में बहुत मेहनत करनी पड़ रही है। अधिकांश मुस्लिम समुदाय के लोगों के ही जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। केरल व दिल्ली में रहने वालों के नाम पर जारी जन्म प्रमाण पत्रों में पते न होने के कारण उन्हें खोजना काफी मुश्किल हो रहा है। इस मामले को लेकर रायबरेली के हिन्दू संगठन खासे गुस्से में हैं। रायबरेली से जुड़े सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र भेज कर सलोन कांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

राष्ट्रपति को दिया ज्ञापन

रायबरेली प्रशासन ने राज्य एवं केन्द्र सरकार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भेज दी है। विश्व हिंदू परिषद ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है। विहिप जिलाध्यक्ष विवेक सिंह ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र बनने के बाद तो भारत का नागरिक बनना बहुत आसान हो जाता है। ऐसे लोगों का बेनकाब होना और उन पर कठोरतम कार्रवाई होनी आवश्यक है, जिन्होंने रायबरेली के गांवों से प्रमाणपत्र बनवा लिए। इस षड्यंत्र के पीछे भारत विरोधी ताकतें होने और मामले के तार दुश्मन देशों से जुड़े होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। 

Topics: परिवार रजिस्टररोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठिएlove jihadBirth Jihadलव जिहादFamily Registerजमीन जिहादRohingya-Bangladeshi Infiltratorsland jihadजन्म प्रमाणपत्रBirth Certificateपाञ्चजन्य विशेषजन्म जिहाद
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies