सुन्नी नेता ने कहा “बना दें अलग मालाबार राज्य”, मुस्लिम लीग की भी थी ये अलगाववादी मानसिकता? जनसंघ ने जताया था अंदेशा
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सुन्नी नेता ने कहा “बना दें अलग मालाबार राज्य”, मुस्लिम लीग की भी थी ये अलगाववादी मानसिकता? जनसंघ ने जताया था अंदेशा

केरल विधानसभा में केरल का नाम केरलम करने के लिए प्रस्ताव पारित करके उसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। केरलम प्राचीन नाम है और केरल का इतिहास भगवान विष्णु के परशुराम अवतार से जुड़ा है।

by सोनाली मिश्रा
Jun 26, 2024, 03:04 pm IST
in विश्लेषण, केरल
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केरल में पिछले दिनों दो घटनाएं मुख्य हुई हैं, और दोनों ही केरल के नाम से जुड़ी हैं। केरल विधानसभा में केरल का नाम केरलम करने के लिए प्रस्ताव पारित करके उसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। केरलम प्राचीन नाम है और केरल का इतिहास भगवान विष्णु के परशुराम अवतार से जुड़ा है।

वहीं यदि मालाबार की बात की जाए, तो इसका उद्गम भी मलय शब्द से ही प्राप्त होता है, परंतु मालाबार शब्द विदेशी व्यापारियों का दिया हुआ जान पड़ता है। मालाबार मैनुअल में विलियम लोगन इस नाम को लेकर लिखते हैं कि इस्लाम के आगमन से पहले से भी भारत में अरब व्यापारी व्यापार के लिए आते रहे थे। वे इस भूमि को “मालिबर, मुलिबर, मानिबार” आदि कहते थे। यहाँ तक कि आरंभ के यूरोपीय व्यापारी जैसे मार्कोपोलो आदि ने भी इस भूमि मेलिबार कहा था। मालाबार से अर्थ पर्वतीय क्षेत्र से लगाया जाता है। विलियम लोगन कहते हैं कि मालाबार शब्द में द्रविड़ शब्द “माला अर्थात पर्वत” और अरबी शब्द बार (द्वीप) या फारसी शब्द बर है।

भूमि की अपनी एक पहचान होती है और केरल को भी “देवों की अपनी भूमि” कहा जाता है। फिर भी जिस प्रकार सुन्नी युवजन संघम के नेता ने एक पृथक मालाबार राज्य की मांग की है, वह चौंकाने वाली है। हालांकि मुस्तफा मुनडुपारा ने बहुत ही कूटनीतिक कौशल से अपनी इस मांग को रखा है कि एक अलग मालाबार राज्य बनाया जाए, परंतु ऐसा करने से भी वह अलगाववादी मानसिकता छुप नहीं सकती है, जो कहीं न कहीं उस शब्द में है, जो भारत के मूल का नहीं है। सुन्नी युवजन संघम जिस इस्लामिक संस्था समस्थ केरल जमीयत उल-उलमा की युवा शाखा है, वह राज्य में सबसे बड़ा कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है। इनके इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के साथ बेहद ही गर्माहट भरे संबंध हैं।

ऐसा भी नहीं है कि केरल में अलग मालाबार राज्य की मांग पहली बार उठी है। फरवरी 2021 में समस्थ ने एक अलग मालाबार राज्य की मांग की थी। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की मुस्लिम यूथ लीग ने भी इस तरह की मांग अगस्त 2013 में की थी।

इस बात को और भी अधिक ध्यान में रखा जाना चाहिए कि हर भूमि और नाम का एक चरित्र और पहचान होती है, जो उसके निवासियों के कारण बदलती रहती है और आगे जाकर वही एक बहुत बड़े परिवर्तन का कारक बनती है। यहां ये प्रश्न भी उठते हैं कि – क्या मालाबार राज्य एक अलगाववादी सोच के विषय में बता रहा? क्या यह भारत के दक्षिणी हिस्से की पूरी पहचान छीनने का पहला कदम तो नहीं ?

यहां यह भी जानना चाहिए कि यह मांग अभी क्यों उठी है? बच्चों की शिक्षा इस मांग का कारण बताई जा रही है। दरअसल, मालाबार क्षेत्र में कक्षा 11 की सीटों में कमी को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इन्हीं विरोध प्रदर्शनों में मुनदुपरा ने दावा किया कि दक्षिणी केरल और मालाबार के लोग जब एक समान कर देते हैं तो फिर भी उनके साथ अन्याय क्यों किया जा रहा है। सुन्नी युवजन संघम के नेता ने कहा था कि “”जब हम दक्षिणी केरल और मालाबार जैसा अन्याय देखते हैं, और ऐसे में किसी भी हिस्से से मांग आती है कि अलग मालाबार राज्य होना चाहिए, तो हम उन्हें दोष नहीं दे सकते। अगर मालाबार के लोग दक्षिणी केरल के लोगों जितना ही कर दे रहे हैं, तो हमें यहाँ भी वही सुविधाएँ मिलनी चाहिए। इसे अलगाववाद कहने का कोई मतलब नहीं है। अगर मालाबार राज्य हो जाएगा तो आखिर देश में क्या हो जाएगा।”

अब इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि समस्थ ने अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया अर्थात पीएफआई की दिशा पकड़ ली है। भारतीय जनता पार्टी हर प्रकार से केरल के विभाजन का विरोध करेगी। भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष के सुरेन्द्रन ने कहा कि इस प्रकार की मांगें सत्ताधारी एवं विपक्षी दोनों ही गठबंधनों द्वारा किए जा रहे मुस्लिम तुष्टीकरण का परिणाम हैं और अब केरल के लोग बहुत उत्सुकता से कॉंग्रेस और सीपीएम की तरफ देख रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि जब वर्ष 1969 में मलप्पुरम जिला बनाया गया था, तभी भारतीय जन संघ ने यह चेतावनी दी थी कि अब अगला चरण पृथक राज्य की मांग होगी। गौरतलब है कि मलप्पुरम जिले को भी सांप्रदायिक पहचान के आधार पर ही बनाया गया था और जनसंघ ने इसका जमकर विरोध किया था।

Topics: MulibarManibarपीएफआईGods own landpfiPopular Front of Indiaपॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडियामालिबरमुलिबरमानिबारदेवों की अपनी भूमिMalibar
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