क्या PAKISTAN लौटा पाएगा अवैध रूप से बसे 17 लाख अफगानियों को? UNHCR कर रही विरोध
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क्या PAKISTAN लौटा पाएगा अवैध रूप से बसे 17 लाख अफगानियों को? UNHCR कर रही विरोध

यूएनएचसीआर की चेतावनी है कि पाकिस्तान ऐसा कोई कदम न उठाए। पाकिस्तान गैर कानूनी रूप से अपने यहां बसे अफगानियों को निकालता है तो एक भीषण मानवीय मुसीबत खड़ी हो सकती है

by WEB DESK
Oct 31, 2023, 12:50 pm IST
in विश्व
ईरान ने अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को देश से निकाल दिया है।

ईरान ने अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को देश से निकाल दिया है।

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पाकिस्तान में आज राजनीतिक गलियारों में एक अलग ही गहमागहमी है, विशेष रूप से विदेश विभाग में एक सवाल बहुत वायरल हो रहा है और वह सवाल यह कि क्या कल से पाकिस्तान की सत्ता अफगानियों को देश से बाहर करने वाली है? उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सरकार ने अपने यहां रह रहे 17 लाख अफगानियों के लिए फरमान जारी किया हुआ था कि बिना कागजों के यहां रह रहे अफगानी 31 अक्तूबर यानी आज तक स्वेच्छा से देश से चले जाएं अन्यथा उन्हें सरकार बाहर कर देगी।

माना जा रहा है कि कल यानी एक नवंबर से सरकार अवैध रूप से रह रहे अफगानियों को देश से निकालने की कार्रवाई पर अमल करने वाली है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था को इससे दिक्कत है इसलिए उसने पाकिस्तान सचेत किया है कि ऐसा न करें तो बेहतर होगा। लेकिन पता चला है कि अनवारुल सरकार इसे मानने से मना कर चुकी है। पाकिस्तान की तरफ से साफ कह दिया गया है कि अफगान नागरिक अंतरराष्ट्रीय कायदों तथा सिद्धांतों के तहत ही निकाले जाएंगे।

इस मुद्दे पर पाकिस्तान की विदेश विभाग प्रवक्ता मुमताज जाहरा का कहना है कि सरकार ऐसे सभी शरणार्थियों को देश से बाहर करेगी जो बिना कागजों के रह रहे हैं, भले ही वे किसी भी मुल्क के नागरिक हों। जाहरा ने इसे पाकिस्तान की संप्रभुता का विषय बताया। यह भी सच है कि पाकिस्तान सरकार की तरफ से गैरकानूनी रूप से रह रहे शरणार्थियों को अपने से देश से बाहर जाने के लिए 31 अक्तूबर तक का वक्त दिया गया था। उस हिसाब से कल से ऐसे सभी शरणार्थियों को निकाले जाने की प्रक्रिया पर काम शुरू होना चाहिए।

अब सवाल है कि संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएनएचसीआर की उस चेतावनी का क्या होगा कि पाकिस्तान ऐसा कोई भी कदम न उठाए। संस्था का मानना है कि पाकिस्तान इतनी बड़ी तादाद में गैर कानूनी रूप से उस देश में बसे अफगानियों को निकालता है तो एक भीषण मानवीय मुसीबत खड़ी हो सकती है। यूएनएचसीआर ने पाकिस्तान से कहा है कि अवैध शरणार्थियों के प्रति ऐसा न किया जाए।

अफगानी शरणार्थी (File Photo)

पाकिस्तान से सटी अफगान सीमा पर कट्टरपंथियों का जमावड़ा होता जा रहा है। तहरीके तालिबान नामक जिहादी गुट ऐसे कट्टरपंथी तत्वों को खूब बढ़ावा देता देखा गया है। पाकिस्तान वैेसे भी कंगाल हो चला है, आबादी के एक बड़े हिस्से के पास रोटी तक खाने के पैसे नहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तान सरकार को शायद लगता है कि वह अवैध रूप से रह रहे शरणार्थियों पर अपने खाली होते संसाधन क्यों खर्च करे।

आखिर यूएनएचसीआर को इस कदम से किन बातों का खतरा दिखता है? संस्था का कहना है कि हो सकता है देश से निकाले जाने वाले शरणार्थियों का शोषण हो, हो सकता है वे गिरफ्तार कर लिए जाएं या शायद उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़े। वे क्या करेंगे, कैसे कमाएंगे, कहां जाएंगे? इससे बहुत बड़ा मानवाधिकार संकट उठ खड़ा होगा। संस्था के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान में फिलहाल कुल 37 लाख से अधिक अफगानी शरणार्थी बसे हुए हैं। 7 लाख शरणार्थी तो ऐसे हैं जो अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के बंदूक के बल पर कुर्सी हथियाने के बाद बिगड़े हालातों से परेशान होकर पाकिस्तान में आ गए थे।

यूएनएचसीआर की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा अवैध शरणार्थियों को वापस भेजने के एलान के बाद से करीब 60 हजार अफगानी पहले ही अफगानिस्तान लौट चुके हैं। इनमें से 78 प्रतिशत पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि जो शरणार्थी पाकिस्तान में वैध रूप से रह रहे हैं, उन्हें निर्वासित नहीं किया जाएगा।

विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत का पड़ोसी इस्लामी देश अपने यहां बढ़ते मजहबी उन्माद से ‘परेशान’ आ चुका है। इधर कुछ साल से इस्लामी उन्मादी अनेक घटनाओं में लिप्त पाए गए हैं। एक आंकड़ा बताता है कि पाकिस्तान में 24 फिदायीन हमले हुए थे जिनमें से 14 तो अफगानी लोगों द्वारा अंजाम दिए गए थे।

पाकिस्तान से सटी अफगान सीमा पर कट्टरपंथियों का जमावड़ा होता जा रहा है। तहरीके तालिबान नामक जिहादी गुट ऐसे कट्टरपंथी तत्वों को खूब बढ़ावा देता देखा गया है। पाकिस्तान वैेसे भी कंगाल हो चला है, आबादी के एक बड़े हिस्से के पास रोटी तक खाने के पैसे नहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तान सरकार को शायद लगता है कि वह अवैध रूप से रह रहे शरणार्थियों पर अपने खाली होते संसाधन क्यों खर्च करे।

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