धामी सरकार का मजार जिहाद के खिलाफ अभियान शुरू, वन विभाग ने ध्वस्त की अवैध मजारें, नहीं निकले कोई अवशेष

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दिनेश मानसेरा

रामनगर (कॉर्बेट सिटी)। वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई मजारों को ध्वस्त करने का काम शुरू हो गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों मजार जिहाद के खिलाफ मुहिम छेड़ने की बात कही थी, जिसके बाद से वन विभाग ने अपने यहां बनी अवैध मजारों को हटाने का काम शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री धामी ने पिछले दिनों वन भूमि पर चल रहे मजार जिहाद, जमीन जिहाद के खिलाफ कारवाई तेज करते हुए फॉरेस्ट कंजरवेटर डॉ पराग मधुकर धकाते को नोडल अधिकारी बनाया था। डॉ धकाते ने सभी डीएफओ को अपने फॉरेस्ट सर्कल में अवैध मजारें चिन्हित कर उन्हें हटाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। जानकारी के मुताबिक फॉरेस्ट अधिकारियों ने ये काम शुरू भी कर दिया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से लगे रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन में ऐसी चार अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया गया है। फॉरेस्ट अधिकारियों ने फोर्स ले जाकर इन मजारों पर कार्रवाई की।

खास बात यह है कि इन चारों मजारों में भी कोई मानव अवशेष नहीं मिले। पूर्व में भी वन विभाग ने सौ से ज्यादा मजारें ध्वस्त की थीं, उनमें भी कोई मानव अवशेष नहीं मिले, यानी साफतौर पर ये मजारें अवैध रूप से जंगलों में कब्जा करने, भोले-भाले लोगों को ठगने की नीयत से बनाई जाती रही हैं। इससे उत्तराखंड का देवभूमि स्वरूप बिगाड़ने की साजिश रची जा रही थी।

मजार जिहाद पर वन विभाग के अधिकारियों की बैठकें जारी हैं। ऐसी मजारें और भी चिन्हित की गई हैं जोकि नदी क्षेत्र में बसी अवैध बस्तियों के बीचो-बीच बनी देखी गई हैं। ये नदी क्षेत्र की भूमि भी वन विभाग के स्वामित्व में है, जिस पर अुवैध रूप से बस्तियां बनाकर कब्जा किया जा रहा है । वन विभाग इन बस्तियों को भी खाली करवाने या कब्जा मुक्त करने की योजना बना रहा है।

क्या कहते हैं सीएम धामी

हमने साफ कह दिया है कि देवभूमि उत्तराखंड में मजार जिहाद, जमीन जिहाद नहीं पनपने दिया जाएगा। सरकार अपनी जमीन इन अवैध कब्जों से खाली करवाएगी।

क्या कहते हैं नोडल अधिकारी पराग धकाते

सीएम के आदेश पर उनके दिशा निर्देश पर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान शुरू हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश है कि कोई भी नया धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता, इसके लिए डीएम की अनुमति जरूरी है। धार्मिक स्थल हटाए जा रहे हैं। जंगल की भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त किया जा रहा है।

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