हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर कल यानी 12 नवंबर को मतदान होने जा रहा है। प्रत्याशियों के समर्थन में राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार थम गया। सत्तारूढ़ बीजेपी ने पुनः सत्ता में आने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए चुनाव प्रचार का समापन किया। योगी आदित्यनाथ, स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री जय राम, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम धूमल, केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण, पुष्कर सिंह धामी सहित कई दिग्गजों ने आखिरी दिन तीन-तीन से ज्यादा सभाएं की। कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा, मलिकार्जुन खड़के, सचिन पायलट सहित कई नेता भी मैदान में उतरे।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने में आ रही है। राज्य में एक बार कांग्रेस एक बार बीजेपी की सरकार बनती रही है। बीजेपी एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए मोदी कार्ड का सहारा लेकर चल रही है।
टीवी न्यूज चैनल्स के सर्वे ये बता रहे हैं कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी स्पर्धा है और तीसरी शक्ति के रूप में आम आदमी पार्टी ने दोनों पार्टियों के हार जीत के गणित को प्रभावित करना है। हिमाचल में छोटी- छोटी विधान सभाएं हैं, यहां हार जीत का अंतर भी कुछ वोटों का ही होता है। उम्मीदवार की स्थानीय छवि भी यहां मतदाताओं को प्रभावित करती रही है।
जनता के बीच पीएम मोदी की छवि बीजेपी में पहले ही प्रभावित करने वाली रही है। केंद्र सरकार की करीब एक लाख करोड़ की योजनाएं हिमाचल में चल रही हैं जिनका जिक्र पीएम मोदी ने बार-बार इस लिए भी किया है कि जब डबल इंजन की सरकार नहीं होती है तो इसका सीधा असर बड़ी विकास योजनाओं पर भी होता रहा है।
उधर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी एक बार भी हिमाचल नहीं आए, उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ने चुनाव प्रचार से लेकर टिकट बंटवारे का मोर्चा संभाले रखा हुआ था। उनकी मेहनत कितना रंग दिखाएगी ये अगले कुछ दिनों में सामने आ जाएगा।
आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल गुजरात के बजाय हिमाचल में ज्यादा वक्त देते तो यहां पार्टी अपने नए रूप में उभर जाती। पंजाब के मुख्यमंत्री भागवत मान ने यहां सभाएं तो की, लेकिन उनमें शोर ज्यादा था और भीड़ कम थी। बहरहाल कल मतदान होना और 68 सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला शाम तक ईवीएम में बंद हो जाएगा।
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