प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में रेलवे नित नया अध्याय लिख रहा है। सितंबर 2020 से शुरू हुए मासिक माल लदान में वृद्धि को लगातार 20 माह तक बरकरार रखते हुए भारतीय रेल द्वारा नया रिकॉर्ड कायम किया गया है। पूरे देश के साथ पूर्व मध्य रेल द्वारा भी रिकार्ड कायम करते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रैल माह में 14.32 मिलियन टन माल का लदान किया गया है जो पिछली अवधि अप्रैल 2021 में किए गए माल लदान 13.57 मिलियन टन की तुलना में 5.53 प्रतिशत अधिक है।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि इसी तरह अप्रैल 2022 में 12.97 मिलियन टन कोयले का लदान किया गया जो पिछली अवधि अप्रैल 2021 में किए गए कोयला लदान 12.36 मिलियन टन से करीब पांच प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे ने वर्ष 2021-22 में माल ढुलाई में किए गए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखते हुए माह अप्रैल 2022 में 122.2 मिलियन टन का प्रारंभिक माल लदान किया। यह लदान अप्रैल 2021 में किए गए माल लदान 111.64 मिलियन टन की तुलना में 9.5 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल 2022 में भारतीय रेलवे के माध्यम से बुक किया गया एनटीकेएम भी अप्रैल 2021 में किए गए 62.6 बिलियन से 17.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 73.7 बिलियन रहा। अप्रैल 2022 में सबसे अधिक कोयले में 5.8 मिलियन टन का वृद्धि हुई, जबकि खाद्यान्न में 3.3 मीट्रिक टन एवं उर्वरकों के 1.3 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही लौह अयस्क सहित इस्पात संयंत्रों एवं तैयार इस्पात के लिए कच्चे माल को छोड़कर सभी वस्तुओं ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में वृद्धि दर्ज की है।
प्रतिदिन लोड किए जाने वाले वैगनों के मामले में भी 9.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए भारतीय रेल द्वारा अप्रैल 2022 में प्रतिदिन 66024 वैगन लोड किए हैं। देश में आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार और मूल्य वृद्धि के कारण आयातित कोयला आधारित उत्पादन में कमी के कारण घरेलू कोयले की मांग में पर्याप्त वृद्धि देखी गई, जिसे रेलवे द्वारा लगातार पूरा किया गया है। 21 सितंबर से 22 मार्च के बीच भारतीय रेलवे ने बिजली घरों को कोयले की ढुलाई में 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि अप्रैल में भी जारी रखते हुए भारतीय रेलवे द्वारा कोयले ढुलाई के क्षेत्र में भारी वृद्धि दर्ज की है। नेट टन किलोमीटर में भी 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। एफसीआई द्वारा अच्छी खरीद और गेहूं के निर्यात की तेजी के कारण अप्रैल में खाद्यान्न की लोडिंग में भी 95 प्रतिशत की वृद्धि तथा उर्वरकों के लदान में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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