बहराइच जनपद में मुस्लिम बाहुल्य गांव में पलायन का मामला सामने आ रहा है. गांव में रहने वाले दो सगे भाइयों का आरोप है कि ग्राम प्रधान मुसलमान है और वह जानबूझकर आने – जाने के मार्ग को बाधित करने के लिए वहां पर पानी की टंकी का निर्माण कराना चाहता है. पीड़ित परिवार ने अपने घर के आगे एक तख्ती पर लिखकर टांग दिया है कि यह घर बिकाऊ है.
उल्लेखनीय है कि बहराइच जनपद के फखरपुर थाना अंतर्गत सराय जगना गांव मुस्लिम बाहुल्य है.राम धीरज पाल और उनके भाई देशराज पाल इस गांव में एक अरसे से रहते चले आ रहे हैं. इन लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान फारूक खान उन लोगों का घर उजाड़ना चाहता है. ग्राम प्रधान ने उन लोगों के घर के सामने पानी की टंकी बनवाने का प्रस्ताव दिया है ताकि उन लोगों का आने-जाने का रास्ता बंद हो जाए और उनका गांव में रहना मुश्किल हो जाए. इसके बाद पाल बंधुओं ने पलायन की घोषणा कर दी और अपने घर के सामने बैठ गए. उधर तहसीलदार का कहना है कि पाल बंधुओं को आश्वस्त किया गया किया. पलायन की बात गलत है. राजस्व विभाग ने जमीन की पैमाइश कराई है. टंकी बनाते समय घर के सामने आने – जाने का रास्ता दिया जाएगा. अगर कहीं अन्य स्थान पर टंकी बनाने के लिए जगह मिल जाती है तो टंकी को स्थापित करने की जगह को बदल दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पलायन की समस्या उभर कर सामने आई थी. उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी. कैराना, पलायन का सबसे बड़ा केंद्र बना था. उसके बाद मेरठ, पलायन की खबरों के कारण सुर्ख़ियों में रहा था. मुसलमान वहां जब तक अल्पसंख्यक रहे तब तक तो सब ठीक – ठाक था. मगर जैसे- जैसे मुसलमानों की आबादी बढ़ती गई . मुसलमानों ने हिन्दुओं को परेशान करना शुरू कर दिया. छेड़खानी की घटनाओं से आतंकित किया जाने लगा. यह सिलसिला काफी अरसे से चला आ रहा था. बहन – बेटियों की इज्जत – आबरू बचाए रखने के वास्ते हिन्दुओं ने मेरठ के प्रहलाद नगर से पलायन शुरू कर दिया था. धीरे – धीरे परिणाम यह हुआ कि करीब 125 घरों से हिन्दू पलायन कर चुके थे.
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