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चालाक चीन की नई चाल, पैंगोंग त्सो झील के पास बनाई पक्की इमारतें, उपग्रह चित्रों ने दिखाया सच

by Alok Goswami
Dec 22, 2021, 01:27 pm IST
in विश्व, दिल्ली
उपग्रह चित्र में पैंगोंग त्सो झील के पास चीन की बनाई पक्की इमारतें दिख रही हैं

उपग्रह चित्र में पैंगोंग त्सो झील के पास चीन की बनाई पक्की इमारतें दिख रही हैं

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ये उपग्रह चित्र साफ दिखाते हैं कि कुछ महीने पूर्व पैंगोंग त्सो झील से चीन द्वारा भारत के साथ सैनिकों को पीछे हटाने की संधि करने के बाद ड्रैगन इसी क्षेत्र में इमारतें खड़ी करने में जुटा हुआ था

अभी दो दिन पहले बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बड़ी मासूमियत दिखाते हुए अपने भाषण में कहा था कि चीन भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने में पूरी गंभीरता से जुटा हुआ है। लेकिन वांग ने बड़ी सफाई से अपने देश की शातिर चाल को छुपा लिया। उन्होंने यह नहीं बताया कि लदृाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फिंगर 8 के पास उसने गुपचुप पक्की इमारतें और हैलीपैड ​बनाया है। यानी भारत के लद्दाख में चीन का उठाया सीमा विवाद अभी पूरी तरह सुलझा नहीं है, जबकि बीजिंग की नई शरारत का खुलासा हो गया है। उपग्रह से प्राप्त चित्रों ने साफ दिखाया है कि चीन की मंशा सही नहीं है। ये उपग्रह चित्र चीन की असलियत से पर्दा हटाते हैं। 

इन उपग्रह चित्रों से साफ है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास फिंगर-8 क्षेत्र में चीन ने कई पक्के निर्माण किए हैं। बताया गया है कि इसमें हेलिपैड भी हैं। अमेरिकी रक्षा अधिष्ठान पेंटागन की राष्ट्रीय रक्षा रिपोर्ट ने ये उपग्रह चित्र अपने अधिकृत ट्विटर खाते से साझा किए हैं।

 

भारत और चीन के बीच कूटनीतिक तथा सैन्य माध्यमों से हुई बातचीत में तय हुआ था कि चीन फिंगर 8 से तथा भारत फिंगर 4 क्षेत्र से आगे कदम नहीं बढ़ाएगा। लेकिन ताजा उपग्रह चित्रों ने चीन की शैतानी की कलई खोलकर रख दी है। बीजिंग की मंशा पर संदेह को बढ़ा दिया है।

 

बताया गया है कि ये चित्र अक्तूबर महीने के हैं। पेंटागन की रिपोर्ट में है कि ये उपग्रह चित्र साफ दिखाते हैं कि कुछ महीने पूर्व पैंगोंग त्सो झील से चीन द्वारा भारत के साथ सैनिकों को पीछे हटाने की संधि करने के बाद ड्रैगन इसी क्षेत्र में इमारतें खड़ी करने में जुटा हुआ था। 

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच कूटनीतिक तथा सैन्य माध्यमों से हुई बातचीत में तय हुआ था कि चीन फिंगर 8 से तथा भारत फिंगर 4 क्षेत्र से आगे कदम नहीं बढ़ाएगा। लेकिन ताजा उपग्रह चित्रों ने चीन की शैतानी की कलई खोलकर रख दी है। बीजिंग की मंशा पर संदेह को बढ़ा दिया है।

जून 2020 में पूर्वी लद्दाख के इसी क्षेत्र में चीन के हथियारबंद सैनिकों ने भारत में घुसने की कोशिश की थी। चीन के इस दुस्साहस का भारत के बहादुर सैनिकों ने कड़ा प्रतिकार करते हुए कथित तौर पर करीब सौ चीनी सैनिकों को हलाक कर दिया था जबकि भारत के करीब 20 सैनिक शहीद हुए थे। उसके बाद से लगातार उस क्षेत्र में सीमा विवाद को सुलझाने की भारत की ओर से गंभीर कोशिशें की गई हैं लेकिन चीन का अड़ियल रवैया किसी नतीजे पर पहुंचने ही नहीं दे रहा है। इसलिए भारत के रक्षा विशेषज्ञों ने बार—बार इस बात का उल्लेख किया है कि चीन की मंशा साफ नहीं दिखती, इसे लेकर हमें पूरी तरह सतर्क रहना होगा। 

Alok Goswami
Journalist at Bahrat Prakashan | Website

A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth  of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.

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