छत्तीसगढ़ कांग्रेस में खींचतान और विवाद खत्म नहीं हो रहा है। कभी कुर्सी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच जोर-आजमाइश तो कभी पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई में मारपीट यह बताने के लिए काफी है कि प्रदेश कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं है। ताजा विवाद एनएसयूआई और पार्टी संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के बीच हुआ। लेकिन अंदरूनी सुधार की जगह कांग्रेस सदस्यता अभियान चला रही है और 10 लाख नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, एनएसयूआई देशभर में ‘शिक्षा बचाओ, देश बचाओ’ अभियान चला रहा है।
दरअसल, एनएसयूआई के अभियान को लेकर अंबिकापुर के राजीव भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस होनी थी। इसके लिए एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय और संगठन के सोशल मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य भगत पहुंचे। लेकिन वहां पर जिला कांग्रेस की बैठक चल रही थी। यह देखकर आदित्य भगत भड़क गए। वहीं, जिला कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना था कि नीरज और आदित्य ने उन्हें अपने कार्यक्रम के बारे में नहीं बताया था। दोनों अचानक आए और कार्यक्रम की बात कही, लेकिन अचानक कार्यक्रम को बदला नहीं जा सकता था, क्योंकि यह पहले से तय था। अगर वे पहले अपने कार्यक्रम के बारे में सूचित करते तो उनके लिए भी समय निकाला जा सकता था। वहीं, एनएसयूआई नेताओं का कहना है कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस को कार्यक्रम की पूरी जानकारी दी थी। आदित्य का कहना था कि उन्होंने अपने कार्यक्रम की सूचना जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता को दी थी, जिसका प्रोटोकॉल भी जारी हुआ था। इसके बावजूद कार्यक्रम के लिए उन्हें भवन उपलब्ध नहीं कराया गया। विवाद बढ़ने पर जब गुप्ता को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा गया तो वे मुकर गए। भवन पार्टी के सभी संगठनों का है।
दोनों पक्षों के बीच वाद-विवाद चल रहा था। इसी बीच, जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन के गेट पर लगे एनएसयूआई के बैनर और पोस्टर फाड़ दिए, जिससे बात बिगड़ गई और दोनों गुट के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव कर दोनों गुटों को शांत कराया। बाद में एनएसयूआई ने राजीव भवन के बाहर ही अपना कार्यक्रम करना पड़ा।
इससे पहले 30 अक्तूबर को प्रदेश अध्यक्ष मरकाम के सामने ही रायपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो नेता आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान पार्टी के महामंत्री अमरजीत चावला और पूर्व सचिव सुशील सन्नी अग्रवाल के बीच हाथापाई भी हुई थी। इससे पूर्व रायपुर में पार्टी के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में ही एनएसयूआई के दो गुटों में मारपीट हुई थी। इससे भी कांग्रेस की किरकिरी हुई थी।
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