चौथा स्तम्भ / नारदछ : इस्लाम की बात पर कानों में तेल क्यों?
July 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चौथा स्तम्भ / नारदछ : इस्लाम की बात पर कानों में तेल क्यों?

by
Mar 26, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 26 Mar 2018 12:12:12

हिंदू धर्म के मामले में अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करने वाले इस्लाम पर क्यों नहीं बोलते

सामयिक मुद्दों पर मीडिया के रुख और रुखाई की परतें ख्ांगालता यह स्तंभ समर्पित है विश्व के पहले पत्रकार कहे जाने वाले देवर्षि नारद के नाम। मीडिया में वरिष्ठ पदों पर बैठे, भीतर तक की खबर रखने वाले पत्रकार इस स्तंभ के लिए अज्ञात रहकर योगदान करते हैं और इसके बदले उन्हें किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाता।

सोशल मीडिया के दौर में ‘फेक न्यूज’ बड़ी समस्या बन चुकी हैं, पर पहली बार दिख रहा है कि मुख्यधारा मीडिया झूठी खबरें फैलाने में सबसे आगे है। बीते 3-4 साल में केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारों के कामकाज को लेकर भ्रम फैलाने की नीयत से उड़ाई गई अधिकतर खबरें जाने-माने अखबारों व चैनलों की उपज रही हैं। बीते सप्ताह अमूमन सभी अखबारों, चैनलों व वेबसाइट ने बताया कि सरकार ने राजनीतिक दलों के विदेशी चंदे से जुड़े विदेशी सहायता नियमन कानून में संशोधन को लोकसभा में बिना चर्चा के पारित करवा दिया। इससे राजनीतिक दलों को विदेशी कंपनियों से चंदा लेने की छूट मिल गई है, जिसकी जांच भी नहीं हो सकेगी। ऐसा कोई भी कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को संदिग्ध बनाता है।’ यह खबर झूठ निकली। जो बिल पास कराया गया, वह चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए था। एक अच्छे कदम को भी मुख्यधारा मीडिया ने बुरी खबर बना दिया तथा सरकार द्वारा जारी स्पष्टीकरण को भी एक तरह से दबा दिया गया।
फर्जी खबरों की आंधी क्यों आई हुई है, यह इसी सप्ताह सामने आ गया। अमेरिकी मीडिया में खबर आई कि कैंब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी दुनियाभर के लोगों के फेसबुक व दूसरे निजी आंकड़े चोरी कर चुकी है ताकि वह वहां के चुनावों को प्रभावित कर सके। कंपनी की सेवा लेने वालों में कांग्रेस व उसके नेता राहुल गांधी का भी नाम है। यह फर्म लोगों की निजी जानकारी के आधार पर रणनीति तैयार करती है ताकि चुनावों में लोगों के मत को प्रभावित किया जा सके। पिछले साल जुलाई में कांग्रेस ने कंपनी से समझौता किया था। अब पता चला है कि यह अमेरिकी कंपनी कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए यह हथकंडा अपना रही है। यह मुख्यधारा मीडिया व सोशल मीडिया के जरिए झूठी खबरें फैलाती है ताकि लोगों में भ्रम पैदा किया जा सके। ऐसे में जरूरी है कि अखबारों, चैनलों और बीते 2-3 साल में खुली एक दर्जन से भी ज्यादा कांग्रेस प्रायोजित वेबसाइट्स की खबरों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
नीरव मोदी जैसे जालसाज का मामला सामने आता है तो मीडिया ऐसे जताता है मानो सारी गड़बड़ी हाल ही की है। वह भी तब जब प्रधानमंत्री संसद में मनमोहन सरकार के दौरान बैंकों में हुई लूट का ब्योरा दे चुके हैं। सरकार यह भी बता चुकी है कि अभी कई और बैंक घोटाले उजागर होंगे। कनिष्क ज्वैलर्स घोटाले में ज्यादातर अखबारों व चैनलों ने यह बात छिपाई कि सभी लोन 2007 के बाद दिए गए थे। मीडिया अनजाने में ऐसा कर रहा है, यह हजम करना करना मुश्किल है। उधर, कर्नाटक में चुनावी माहौल बन चुका है, पर बंगलूरू की सड़कों के गड्ढे व चौपट कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे गायब हैं। हिंदू धर्म को बांटने व कन्वर्जन संस्थाओं को खुलेआम सरकारी संरक्षण को मीडिया जिस सहजता से लेता है, वह हैरान करने वाला है। कर्नाटक उन राज्यों में से है जहां सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन इस मुद्दे पर भी मीडिया का ध्यान नहीं है। कावेरी नदी जल बंटवारे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मीडिया ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की जीत के तौर पर दिखाने की कोशिश की। राज्य में एक कांग्रेसी विधायक के बेटे ने एक व्यक्ति को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया तो इंडिया टुडे चैनल काफी देर तक उसे भाजपा का विधायक बताता रहा।
रामायण-महाभारत को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस पार्टी के महाधिवेशन में राहुल गांधी ने खुद को पांडव व भाजपा को कौरव घोषित कर दिया। भाजपा के किसी छोटे नेता ने भी ऐसी बात कही होती तो मीडिया उसे ‘विवादित’, ‘आपत्तिजनक’ बताता। जी टीवी के धारावाहिक ‘इश्क सुभान अल्लाह’ के खिलाफ मुसलमानों की मजहबी भावना आहत होने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है। पर हिंदू धर्म के मामलों में अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करने वाले फिल्मकार व मीडिया हमेशा की तरह मौन हैं। सवाल है कि फिल्म ‘पद्मावत’ के बहाने हिंदू धर्म को असहिष्णु साबित करने में जुटे लोग इस्लाम की बात आते ही कान में तेल क्यों डाल लेते हैं?

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत-पाकिस्तान युद्धविराम 10 मई : ट्रंप के दावे को भारत और कसूरी ने किया खारिज

हरिद्वार कांवड़ यात्रा 2025 : 4 करोड़ शिवभक्त और 8000 करोड़ कारोबार, समझिए Kanwar Yatra का पूरा अर्थचक्र

पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार बदमाश

इस्लामिया ग्राउंड में देर रात मुठभेड़ : ठगी करने वाले मोबिन और कलीम गिरफ्तार, राहगीरों को ब्रेनवॉश कर लुटते थे आरोपी

प्रधानमंत्री मोदी की यूके और मालदीव यात्रा : 23 से 26 जुलाई की इन यात्राओं से मिलेगी रणनीतिक मजबूती

‘ऑपरेशन सिंदूर’ समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार सरकार : सर्वदलीय बैठक 2025 में रिजिजू

मौलाना छांगुर का सहयोगी राजेश गिरफ्तार : CJM कोर्ट में रहकर करता था मदद, महाराष्ट्र प्रोजेक्ट में हिस्सेदार थी पत्नी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

भारत-पाकिस्तान युद्धविराम 10 मई : ट्रंप के दावे को भारत और कसूरी ने किया खारिज

हरिद्वार कांवड़ यात्रा 2025 : 4 करोड़ शिवभक्त और 8000 करोड़ कारोबार, समझिए Kanwar Yatra का पूरा अर्थचक्र

पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार बदमाश

इस्लामिया ग्राउंड में देर रात मुठभेड़ : ठगी करने वाले मोबिन और कलीम गिरफ्तार, राहगीरों को ब्रेनवॉश कर लुटते थे आरोपी

प्रधानमंत्री मोदी की यूके और मालदीव यात्रा : 23 से 26 जुलाई की इन यात्राओं से मिलेगी रणनीतिक मजबूती

‘ऑपरेशन सिंदूर’ समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार सरकार : सर्वदलीय बैठक 2025 में रिजिजू

मौलाना छांगुर का सहयोगी राजेश गिरफ्तार : CJM कोर्ट में रहकर करता था मदद, महाराष्ट्र प्रोजेक्ट में हिस्सेदार थी पत्नी

पंजाब : पाकिस्तानी घुसपैठिया गिरफ्तार, BSF ने फिरोजपुर में दबोचा

अब मलेरिया की खैर नहीं! : ICMR ने तैयार किया ‘EdFalciVax’ स्वदेशी टीका, जल्द शुरू होगा निर्माण

Britain Afghan Data breach

ब्रिटेन में अफगान डेटा लीक: पात्रों की जगह अपराधियों को मिल गई शरण, अब उठ रहे सवाल

Love Jihad Islamic conversion Sehore

आगरा में सगी बहनों के इस्लामिक कन्वर्जन: विदेशी फंडिंग का भी खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies