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उत्तर प्रदेश में 76,000 गांव ऐसे थे जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद 18,000 गांवों को बिजली पहुंचाने का काम किया जा चुका है। मंत्रालय का लक्ष्य 2019 तक राज्य के सभी गांवों एवं मजरों को रोशन करना है। सरकार बनने के 100 दिन बाद राज्य की विद्युत व्यवस्था को लेकर ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा से ऊर्जा मंत्रालय के कामों पर पाञ्चजन्य संवाददाता अश्वनी मिश्र की बातचीत के प्रमुख अंश:
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को 100 दिन पूरे हो गए। ऊर्जा मंत्रालय की इस अवधि में क्या उपलब्धियां रहीं?
देखिए, पूर्व की सरकार
में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के साथ विकासपरक सोच का अभाव था। वे सिर्फ सैफई तक सीमित थे, जबकि हमारी प्राथमिकता उत्तर प्रदेश के सभी जिले हैं। गांवों को 18 घंटे, तहसील को 20 घंटे एवं जिलों को 24 घंटे बिजली मिले, यह हमने सुनिश्चित किया है। यह सच है कि हमको बहुत ही बीमारू, जर्जर व्यवस्था मिली है। प्रदेश में तारों की स्थिति जर्जर है, गले हुए खंभे हैं। हम जब पर्याप्त बिजली की बात करते हैं तब यही जर्जर व्यवस्था इसमें बाधा बनती है। इसके बाद भी हमने जो रोस्टर तय किया है, उसका नीचे तक अनुपालन हो पा रहा है। हमने आते ही व्यवस्था में सरलीकरण किया है। जब आप बिजली का कनेक्शन लेने जाते थे तो उसमें कठिनाई आती थी। कनेक्शन लेने के दौरान एकमुश्त पैसा देना पड़ता था, जिसके कारण कई लोग कनेक्शन नहीं ले पाते थे। हमने इसमें परिवर्तन किया। उदाहरण के लिए, कोई शहरी उपभोक्ता 1 किलोवाट का कनेक्शन लेना चाहता है तो अब उसे 155 रुपये देने होंगे। बाकी के पैसे वह 16 किस्तों में दे सकता है। गांव में 80 रुपये देकर आप कनेक्शन ले सकते हैं। बाकी के 100 रुपये प्रति महीने के हिसाब से 16 किस्तों में बिना ब्याज के चुका सकते हैं। पूर्व की अखिलेश सरकार ने राजनीतिक द्वेषपूर्ण भावना से ग्रस्त होकर विद्युत के क्षेत्र में केन्द्र सरकार के साथ अनुबंध नहीं किया था। हमने वह अनुबंध बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस पर किया और जब आप मंत्रालय की 100 दिन की उपलब्धि की बात करते हैं तो विभाग द्वारा 18,000 गांवों-मजरों को ऊर्जीकृत करने का काम किया जा चुका है। 8 हजार ट्रासंफार्मर की क्षमता वृद्धि की है, ताकि लोगों को कम वोल्टेज से निजात मिले। 6,68,000 नए कनेक्शन दिए हैं। हमारा लक्ष्य 2019 है। इस अंतराल में हम प्रदेश के सभी गांव-मजरों में बिजली पहुंचाने का काम करेंगे। अभी 76,000 से अधिक ऐसे मजरे हैं जहां विद्युतीकरण नहीं हुआ है, वहां युद्धस्तर पर बिजली पहुंचाने का काम करना है। तीसरा, प्रदेश में लंबे समय से तारों, ट्रासंफार्मरों एवं खंभे बदलने की व्यवस्था नहीं रही। हमने इसमें परिवर्तन किया है और आदेश दिया है कि जल्द इस प्रकार की खामियों को दूर किया जाए।
प्रदेश में विद्युत व्यवस्था का बुनियादी ढांचा जर्जर है। कैसे निबटेंगे इस समस्या से?
वर्तमान में हमारे सामने यही बड़ी चुनौती है। जो नीचे का बुनियादी ढांचा है वह जर्जर हालत में है। हम बिजली अबाध रूप से दे रहे हैं लेकिन नीचे की जर्जर हालत की वजह से व्यवस्था लोड को सहन नहीं कर पाती। इससे ट्रांसफार्मर फुंकता है, केबिल जलता है। इसीलिए उपकेन्द्र बना रहे हैं। राज्य की जनता विश्वास रखे, हम इस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त कर देंगे। उ.प्र. सरकार जिस गति से काम कर रही है, उसके उदाहरण जनता देख रही है। पिछली सरकार जहां 4 हजार ट्रांसफार्मर अपग्रेड कर पाई थी, हमने सिर्फ 100 दिन के अंदर 8 हजार कर दिए। प्रदेश के लोग रात को आराम से सो सकें, इसके लिए ऊर्जा विभाग रात को जागता है।
जब आप कहते हैं कि पूरा प्रदेश बिजली से रोशन होगा तो ऐसा करने के लिए कई हजार मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए संसाधन कहां से जुटाएंगे?
वर्तमान में देखें तो राज्य में बिजली की मांग 18 हजार 60 मेगावाट के लगभग हो जाती है। अभी हमारे पास 18,700 मेगावाट बिजली उपलब्ध है। मंत्रालय ने 2022 तक की पूरी कार्ययोजना बनाई है जिसमें हमारे पास 15 सौ मेगावाट अलग से बिजली है। संसाधन जुटाने की बात करें तो हमारे खुद के बिजली घर हैं, दूसरा ‘पॉवर फॉर आल’ के तहत दीप पोर्टल, जो केन्द्र सरकार का है, उससे बिजली लेते हैं। साथ ही जहां से भी सस्ती बिजली मिलती है, हम उसे प्राथमिकता में रखकर लेते हैं। जहां पूर्व की सरकार बड़े घरानों से मंहगी बिजली खरीदती थी, हम केन्द्र सरकार से सस्ती बिजली खरीदते हैं। मंत्रालय का मूल उदद्ेश्य आम जनता तक बिजली पहुंचाना है, उसके लिए लगातार प्रयास करके संसाधन जुटा रहे हैं और बुनियादी ढांचा मजबूत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वैकल्पिक ऊर्जा पर बड़ा जोर है। उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा में कहां तक आगे बढ़ रही है?
आने वाले दो सालों में निश्चित रूप से ही हम इस दिशा में प्रगति करेंगे और लगभग 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का प्रयोग करेंगे। साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा के जितने भी स्रोत हैं चाहें कचरे से बिजली बनाने की बात हो या फिर अन्य, हम सभी पर काम कर रहे हैं।
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के ऋण माफ करने की बात की जो सरकार बनते पूरी भी की। क्या आपका मंत्रालय प्रदेश के किसानों के लिए कुछ खास योजना ले कर आया है?
बिल्कुल, हम किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। हम जल्द ही पायलट परियोजना के तहत चार जिले चिह्नित करने वाले हैं जहां 40 हजार किसानों को ‘एनर्जी एफीशिऐंट पंप’ (कम बिजली खपत करने वाले) देेंगे और उनके पुराने पंप बदलेंगे और उनके स्थान पर नए पंप लगाएंगे। साथ ही आने वाले पांच साल के अंदर 5 लाख ‘एनर्जी एफीसिऐंट पंप’ देने का काम करेंगे। दूसरा, जैसे अभी हम किसानों के लिए सरचार्ज माफी की योजना लेकर आए। यह योजना किसानों, व्यापारियों, शहरी एवं ग्रामीणों को लेकर थी। इस योजना का लाभ लगभग 20 लाख उपभोक्ताओं ने लिया है।
पिछली सरकार में विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर था। व्यवस्था पारदर्शी हो और भ्रष्टाचार का जड़मूल से खात्मा हो, इसके लिए आप क्या कर रहे हैं?
देखिए, भ्रष्टाचार किसी भी स्तर का हो, हम उस पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत काम कर रहे हैं। कुछ दिन पहले राज्य के लोगों ने देखा भी था कि आप किसी भी दल के हों, अगर भ्रष्टाचार करते हैं तो हम छोड़ने वाले नहीं हैं। हम पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। भाजपा सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की सोच पर चल रही है। हमारे लिए हमारा गरीब वीआईपी है। उसके घर को कैसे रोशन करें, इसके लिए अभियान चला रहे हैं। जैसे केन्द्र सरकार ने संकल्प लिया है कि हम गरीब के घर को धुंए से मुक्त करेंगे वैसे ही हम उत्तर प्रदेश के गरीब को अंधेरे से मुक्त करेंगे।
कार्य के दौरान क्या-क्या चुनौतियां आ रही हैं?
बिजली चोरी हमारे लिए बड़ी चुनौती है। हमें किसी भी हालत में इसे समाप्त करना है। उसके लिए हमारी ओर से 75 जिलों में थानों का प्रस्ताव है। यहां थाने बनेंगे। एक कठोर कानून भी हम इस दिशा में लेकर आने वाले हैं। जिस घर से बिजली चोरी पकड़ी जाएगी उस घर को हम तीन साल तक कनेक्शन नहीं देंगे। इसके साथ ही पांच से सात साल तक की सजा की भी रूपरेखा तय हो रही है। साथ ही राज्य में जर्जर तार एक बड़ी समस्या हैं। हम इस समस्या के लिए युद्ध स्तर पर लगे हैं और जल्द ही इसको सुधारेंगे।
भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य यह है कि हर गांव तक विद्युतीकरण हो और सस्ती बिजली आमजन तक पहुंचे। साथ ही इस विभाग से भ्रष्टाचार समाप्त हो, इसके लिए डिजिटलीकरण करने की कोशिश की है। हम एक ई निवारण एप ले आए हैं, जिसके माध्यम से आप अपना बिल देख सकते हैं,अपनी शिकायत की स्थिति पता कर सकते हैं, नया कनेक्शन ले सकते हैं और कटवा सकते हैं, अपने लोड की क्षमता में वृद्धि करा सकते हैं एवं अन्य जो भी इससे जुड़ी समस्याएं हैं, उनका निवारण कर सकते हैं। हमारी कोशिश है कि आने वाले समय में ‘मैन टू मैन कनैक्ट’ कम हो, आप तकनीकी का सहारा लेकर घर बैठे अपनी समस्याओं को सुलझा पाएं। इससे न केवल व्यवस्था पारदर्शी होगी बल्कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
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