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भ्रष्टाचार दूर करने का दावा कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी (आआपा) की पर्तें अब उतरने लगी हैं। मसलन, जनता की हमदर्द बनी आआपा अब दिल्ली की जनता से छल कर उनके आंसू निकाल रही है। हाल ही में आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा प्राप्त की गई जानकारी ने आआपा को कठघरे में खड़ा कर दिया है। आरटीआई दायर करने वाले अधिवक्ता विवेक गर्ग ने खुलासा किया है कि दिल्ली सरकार ने 2500 टन प्याज 16-18 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा था और उसी प्याज को 30 रुपए प्रति किलो की दर से बेचकर दिल्ली की जनता को लूटा गया है। इसे सरकार और व्यापारियों के बीच मिलीभगत कहा जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि सरकार ने केवल 600 टन प्याज ही बाजार में बेचने के लिए उतारा है। आरटीआई कार्यकर्ता का दावा है कि हाल ही में प्याज 24 रुपए किलो की दर से खरीदा गया, जबकि पहले मात्र 16 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज खरीदा गया था। आरटीआई में प्राप्त की गई जानकारी के बाद से आआपा की कथनी और करनी दिल्ली की जनता के सामने खुलकर आ चुकी है। जनता जान चुकी है कि आआपा के दावे अब खोखले साबित हो रहे हैं। चुनाव के समय सत्ता में आने पर जनता को मुफ्त वाईफाई उपलब्ध कराने, दिल्ली में शौचालय बनवाने, अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने और अन्य वादे करने वाले अरविंद केजरीवाल व उनके सहयोगियों ने दिल्ली की जनता को भ्रम में रखकर केवल उनके वोट का दुरुपयोग किया है। इस प्रकरण में नैफेड के निदेशक अशोक ठाकुर का कहना है कि खरीद और अन्य खर्च मिलाने पर भी 23 से 25 रुपए प्रति किलो की दर से दिल्ली सरकार के पास प्याज उपलब्ध था। वहीं दिल्ली सरकार का दावा है कि उसने प्याज 32.86 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा है। ऊपर से प्याज को कोल्ड स्टोरेज में रखने और उसके बाद आपूर्ति के लिए मालभाड़ा और वाहनों में प्याज रखकर खुली बिक्री करने पर भी 8-10 रुपए का खर्च आता है। फिर भी सरकार ने 30 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज बेचा और 10 रुपए की छूट दी।
विवेक गर्ग ने आआपा सरकार का सच जनता के सामने लाने के लिए गत 21 सितम्बर को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा प्रमुख मुकेश कुमार मीणा को पत्र लिखकर इस संबंध में मामला दर्ज करने की मांग की थी। साथ ही एक पत्र दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग को भी भेज दिया। उनका दावा है कि आआपा ने सस्ता प्याज खरीद कर उसे महंगी दर पर बेचकर दिल्ली की जनता को ठगा है। अब सच्चाई का खुलासा होने पर दिल्ली सरकार केन्द्र सरकार और मीडिया पर ठीकरा फोड़ रही है। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने पर्याप्त मात्रा में प्याज उपलब्ध होने पर भी व्यापारियों के मुनाफे को ध्यान में रखकर उसकी बिक्री नहीं की। यदि समय रहते ऐसा किया जाता तो प्याज की कीमतों में उछाल नहीं आता और जनता को चूना नहीं लगता।
इस मामले में दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए पांच अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है। समिति ने 23 सितम्बर से मामले की जांच शुरू कर दी है। उधर जांच शुरू होने के बाद बौखलाई सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा पर केन्द्र के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। हालांकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि वे जांच में अपनी ओर से पूरा सहयोग देंगे। हर जांच का सामना करने को तैयार हैं, वहीं दूसरी तरफ आआपा सरकार अपनी सफाई के लिए अखबारों में करोड़ों रुपए के विज्ञापन प्रकाशित कर जनता की मेहनत की कमाई को लुटा रही है। पाञ्चजन्य ब्यूरो
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