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पिछले दिनों नई दिल्ली के रामकृष्णपुरम स्थित विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय कार्यालय में सोलहवीं लोकसभा में संस्कृत में शपथ लेने वाले सांसदों का सम्मान किया गया। सम्मानित होने वाले सांसद हैं- श्री वीरेन्द्र कश्यप (शिमला), श्री भगत सिंह कोश्यारी (नैनीताल), डॉ़ हर्षवर्धन (दिल्ली), श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (जोधपुर), स्वामी श्री सुमेधानन्द सरस्वती (सीकर), श्री चन्द्रप्रकाश जोशी (चित्तौड़गढ़), श्री राजेश पाण्डेय (कुशीनगर), श्री अश्वनी कुमार चौबे (बक्सर), डॉ़ महेश शर्मा (गौतमबुद्घ नगर), श्री राजेन्द्र अग्रवाल (मेरठ), डॉ़ सत्यपाल सिंह (बागपत), डॉ़ रामशंकर कथरिया(आगरा), श्री कुंवर पुष्पेन्द्र सिंह चन्देल (हमीरपुर), डॉ़ महेन्द्र नाथ पाण्डेय (चन्दौली), श्री वीरेन्द्र सिंह मस्त (भदौही), श्री भरत सिंह (बलिया),श्री शरद त्रिपाठी (सन्त कबीरनगर),श्री राजेश पाण्डेय (कुशीनगर) और श्री जगदम्बिका पाल(डुमरियागंज)। कार्यक्रम के प्रारम्भ में बद्री भगत वेद विद्यालय के ब्रह्मचारियों द्वारा वैदिक मंगलोच्चारण किया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा,'संस्कृत भाषा अत्यधिक सरल भाषा है, थोड़ा-सा प्रयास करने पर सीखी जा सकती है। मैंने स्वयं कुछ दिनों के अभ्यास से संस्कृत में बोलना सीखा और संस्कृत में भाषण दिया। विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री श्री चम्पत राय ने कहा कि सामाजिक समरसता और भारतीयता के अस्तित्व की रक्षा के लिए हमें संस्कृत को अपनाना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिंहल ने कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा है। भारत संस्कृत परिषद् के महामंत्री श्री राधाकृष्ण मनोड़ी ने कहा कि संस्कृत मात्र किसी प्रान्त, क्षेत्र या देश विशेष की भाषा नहीं है, अपितु पूरे विश्व में इसके लिए समान आदर है। समारोह को परिषद् के संगठन मंत्री श्री सूर्य प्रकाश सेमवाल, श्री शिवनारायण डा. जीतराम भट्ट, डा. कृष्णचन्द्र पांडे, प्रो. देवीप्रसाद त्रिपाठी, प्रो. सी. उपेन्द्रराव, दिनेश कामथ और डा. बलदेवानन्द सागर आदि उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
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