वोटों के लखपति भाजपाई
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इन चुनावों में भाजपा के 8 प्रत्याशियों ने एक लाख से अधिक मत प्राप्त किए। प्रदेश में सबसे बड़ी जीत सांगानेर से घनश्याम तिवाड़ी ने दर्ज की। उन्होंने कांगे्रस के संजय बाफना को 65,350 मतों से पराजित किया। वोटों के लखपति भाजपाइयों में सबसे उपर श्रीमती वसुन्धरा राजे रहीं, जिन्होंने झालरा पाटन से 1,14,384 वोट प्राप्त किए। घनश्याम तिवाड़ी ने 1,12,465। सूरजगढ़ से संतोष अहलावत ने 1,08,840। विद्याधर नगर से नरपत सिंह राजवी ने 1,07,068। कोटा दक्षिण से ओम बिड़ला ने 1,03,369। डग से रामचन्द्र ने 1,03,113। बगरू से कैलाश वर्मा ने 1,00,947 तथा शिव से मानवेन्द्र सिंह ने 1,00,934 वोट प्राप्त किए।
वंशवाद को नकारा
गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल के पुत्र आलोक बेनीवाल लगातार दूसरी बार शाहपुरा से चुनाव हार गए। हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडि़या के पुत्र ओमप्रकाश पहाडि़या भी हार गए। इसी तरह सीकर सांसद महादेव खण्डेला के पुत्र गिर्राज खण्डेला, केन्द्रीय मंत्री लालचंद कटारिया के भाई की पत्नी रेखा कटारिया, पूर्व सांसद द्वारका बैरवा के पुत्र प्रशांत बैरवा, पूर्व सांसद अबरार अहमद के पुत्र दानिश अबरार भी चुनाव हार गए।
दागी एवं विवादित कांगे्रसी नेताओं की बात करें तो स्पष्ट है कि जनता ने इन्हें भी पटखनी दे दी। ओसियां, लूणी, दूदू, निंबाहेडा और आसीन्द विधानसभा क्षेत्रों से पांचों कांग्रेसी प्रत्याशी चुनाव हार गए। ओसियां से पूर्व मंत्री भंवरी प्रकरण में जेल में बंद महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा मैदान में थीं। लूणी से मलखान सिंह विश्नोई की मां अमरी देवी तथा दूदू से पूर्व राज्य मंत्री एंव यौन शोषण मामले में जेल में बंद बाबूलाल नागर के भाई हजारीलाल नागर ने चुनाव लड़ा था। निम्बाहेड़ा से उदयलाल आंजना तथा आसीन्द से पूर्व मंत्री रामलाल जाट कांग्रेस के प्रत्याशी थे। इन सभी प्रत्याशियों को जनता ने नकार दिया।
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