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डच कंपनी 'मार्स वन एस्ट्रोनॉट सेलेक्शन प्रोग्राम' ने कुछ समय पहले घोषणा की थी कि 'साल 2023 में मार्स यानी मंगल ग्रह पर इंसानों की एक स्थायी बस्ती बसाई जाएगी। वहां जो रहना चाहते हैं वे जल्दी से आवेदन करें। आवेदन करने वालों में से वे लोग चुने जाएंगे जो मंगल पर बसेंगे। उन्हें हम ट्रेनिंग देंगे और फिर एकतरफा टिकट देकर मंगल को रवाना कर देंगे।' लो जी, कंपनी की इस मुनादी पर कई लोग बाग बाग हो गए। देखते ही देखते आवेदनों के अंबार लग गए। 5 महीने बाद, आवेदन की आखिरी तारीख तक 200,000 आवेदन पहुंच चुके थे। और जानते हैं, दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आवेदन करने वाले कौन हैं? भारत वाले! 20,000 भारतीयों ने मंगल पर जा बसने की इच्छा जताई है। दुनिया भर से आवेदन करने वाले कुल 202,586 लोगों में से 10 फीसदी, यानी करीब 20,000 लोग भारतीय हैं। 140 देशों के लोगों ने मंगल पर बसने के लिए अर्जी लगाई है। सबसे ज्यादा अर्जियां अमरीका से (24 फीसदी) आई हैं, उसके बाद भारत, फिर चीन, ब्राजील, ब्रिटेन, कनाडा, रूस और मैक्सिको का नंबर है।
इन सब लोगों में से कंपनी दो साल में मंगलवासी होने लायक लोगों को छांटेगी। 2015 में चार चार लोगों के छह से दस दल बनाए जाएंगे और फिर मंगल जाने, वहां रहने वगैरह की सात साल की सुबह से शाम तक की ट्रेनिंग दी जाएगी। फिलहाल तो अर्जियों की काट-छांट में ही महीनों लगेंगे। पर एक बात तो तय है, लाल तारे का आकर्षण भी खूब है और मजे की बात यह कि, भारत वाले खूब मंगल प्रेमी हैं। 2023 तो दूर है, पर अभी हम यह तो कह ही सकते हैं-मंगल भवन अमंगलहारी़.. आलोक गोस्वामी
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