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मेरठ में गोहत्यारों का खतरनाक खेल, दिन में डेयरी रात में बूचड़खाना
गाय-भैंस के हत्यारों ने मेरठ में एक नया तरीका अपना लिया है कि दिन में डेयरी चलाओ, दूध बेचो, और रात में गाय-भैंस काटकर मांस से पैसा कमाओ उन्हें डेयरी की आड़ मिल जाने का लाभ यह है कि पशुओं को लाने में दिक्कत नहीं होती, मार्ग में अगर कोई पशु हत्या विरोधी या गोभक्तों की भीड़ रोकती भी है तो उसे डेयरी पर लाकर, डेयरी दिखाकर संतुष्ट किया जा सकता है, जब तक पशु ठीक-ठाक मात्रा में दूध देता है, तब तक उससे दूध लेते हैं और जब दूध की मात्रा घटनी शुरू हो जाती है तो उसे रात के अंधेरे मे काटकर उसका मांस बेचकर मुनाफा कमाते हैं। इस अवैध कारोबार का भंडाफोड़ मेरठ के सघन मुस्लिम क्षेत्र पिलोखड़ी रोड के श्यामनगर मोहल्ले में पुलिस छापेमारी के बाद हुआ। गत 18 नवम्बर की रात एक खबरिए की सूचना पर पुलिस ने सलीम नामक आदमी के मकान पर छापा मारा तो वहां तीन कटी गायें और 11 जिंदा गाय-बछड़े मिले। कटी हुईं गायों के थनों से दूध रिस रहा था। स्पष्ट है कि दुधारू गाय काटी जा रही थी। पुलिस ने सलीम को गिरफ्तार कर लिया पर उसका बेटा शादाब, वसीम,रहीम व नौकर शाहिद फरार हो गए। बाद में पुलिस को जानकारी मिली कि डेयरी की आड़ लेकर गोहत्या का घिनौना कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है। ऐसी कम से कम 20 डेयरी हैं, जो रात में बूचड़खाना बन जाती हैं। गोहत्या तथा ऐसे बूचड़खानों के विरोध में वषोंर् से आन्दोलन चला रहे बजरंग दल के पूर्व प्रान्त संयोजक तथा ह्यसचह्य संस्था के अध्यक्ष संदीप वहल के अनुसार पुलिस की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी संख्या में ये अवैध बूचड़खाने पनप ही नहीं सकते हैं। सलीम की गिरफ्तारी होते ही गोहत्यारों को बचाने की कोशिशें शुरू हो गयी हैं। जैन संत मैत्री प्रभ सागर महाराज, जिन्होंने 2011 में 16 दिन का अनशन कर देश का ध्यान जीव रक्षा की ओर आकृष्ट किया था, चार दिसम्बर से मेरठ में इसी उद्देश्य से पुन: अनशन पर बैठे हैं।
बुलंदशहर बन रहा गोहत्यारों का गढ़
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पुलिस ने कटने के लिए जा रही गायों को पकड़ने से जुड़ा एक अभियान चलाया। 27 नवम्बर की रात में चलाए गए इस अभियान में महज कुछ ही घंटों में पुलिस ने बड़ी-बड़ी गाडि़यों, ट्रकों ,और पिकअप डाला में भरकर ले जा रहे लगभग एक हजार से ज्यादा गोवंश बरामद किए और साथ ही इस दौरान पुलिस ने 20 गो तस्करों को भी गिरफ्तार किया। गो तस्करों के हौसले इतने बुलन्द थे कि उन्होंने पहले तो अपने वाहन को भगाया और पुलिस जब पास आ गई तो उन्होंने अपने को घिरता देख पुलिस पर जमकर गोलीबारी भी की।
पिछले कुछ समय से बुलंदशहर में गो तस्करी से जुड़े सैकड़ों मामले सामने आए, जिनमें सिर्फ नवम्बर माह में ही चार हजार से भी ज्यादा गोवंशों को पुलिस और हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं ने पकड़ा है और हजारों-हजार गोवंश से भरे कई ट्रक पुलिस को चकमा देकर भागने में भी सफल रहे हैं। अगर पूरे माह पर नजर डालें तो एक नवम्बर से 15 नवम्बर तक सात गाडि़यों सहित 188 गोवंशों को मुक्त कराया गया। वहीं 16 नवम्बर से 26 नवम्बर तक 650 गोवंशों को पुलिस और हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं के प्रयास से बचाया गया। इस तरह नवंबर माह में कुल 29 गाडि़यों से 1738 गोवंश और 45 गो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
कुछ समय से हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता शहर में हो रही गोहत्या और गोतस्करी से जुड़े समाचार और ज्ञापन देकर शासन और प्रशासन को लगातार अवगत करा रहे थे। जिसके फलस्वरूप अन्तत: स्थानीय लोगों के आक्रोश को बढ़ता देख प्रशासन को इस अभियान को चलाना पड़ा। 27 नवम्बर की रात पुलिस ने रामघाट में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 265 गोवंश बरामद किए वहीं नरौरा में तीन गाडि़यों से 120 गोवंश और गो तस्करों को भी पकड़ा। डिबाई से तीन ट्रकों में भूसे की तरह भरकर ले जाए जा रहे 310 गोवंश मुक्त कराए। अनूप शहर में भी तीन गाडि़यां पकड़ी गई जिनसे 45 गोवंश मुक्त कराए और चार गो तस्करों को पकड़ा गया। वहीं सिकन्दराबाद, कोतवाली देहात, थाना रामघाट में पुलिस ने गो तस्करों के चंगुल से 425 गोवंशों को मुक्त कराया।
दूध उत्पादन के झूठे आंकड़े
इस निर्यात को नियंत्रित करने वाली केन्द्र सरकार की संस्था ह्यएपीडाह्ण देश को दूध उत्पादन के आंकड़ों को लेकर भ्रमित कर रही है। उसके अनुसार सन् 1997-98 में 720 लाख टन दूध उत्पादन के मुकाबले 2011-12 में दूध उत्पादन 1,273 लाख टन हो गया।
वास्तविकता यह है कि दूध का उत्पादन निरन्तर गिर रहा है और इस कारण नकली दूध, जो यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर आदि के द्वारा बनाया जाता है का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। इस कारण लोगों के स्वास्थ्य के साथ प्राणघातक खिलवाड़ हो रहा है। सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल एक जनहित याचिका में इस तथ्य की जानकारी हुई है कि देश के कुल दूध में से 68.4 प्रतिशत नकली है। यह आंकड़ा ह्यभारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरणह्ण ने उपलब्ध कराया है। यानि कुल दूध का दो तिहाई से ज्यादा नकली है, मात्र एक तिहाई से कम असली है। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी सरकारों को नोटिस जारी कर की गयी कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है।
दूध के लिए तरस गए बच्चे
मेरठ सहित सम्पूर्ण पश्चिम उत्तर प्रदेश में गोहत्या की विकरालता ने दूध का उत्पादन बहुत गिरा दिया है। इसलिए दूध के दामों में आग लगी हुईं है। इस साल अप्रैल से नवम्बर के मध्य सात माह की अवधि में दूध 38 रुपए से बढ़कर 44-45 रुपए प्रतिलीटर हो गया है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी डेयरी ह्यपरागह्ण के महाप्रबंधक के अनुसार 62 हजार लीटर दूध प्रतिदिन पैक करने वाले इस संस्थान को अब प्रतिदिन लगभग 40 हजार लीटर दूध ही मिल पा रहा है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता निरन्तर घट रही है।
संप्रग-2 के कार्यकाल में मांस निर्यात सन् 2009-10 के 5,480 करोड़ से तीन गुणा से भी ज्यादा बढ़कर सन् 2012-2013 में 17,400 करोड़ रुपए का हो गया। दुनिया के 75 देश भारत से मांस आयात कर रहे हैं। कुल मांस निर्यात में उत्तर प्रदेश का हिस्सा सर्वाधिक 40 प्रतिशत तथा उसमें भी पश्चिम उत्तर प्रदेश का 30 प्रतिशत हिस्सा है। प्रदेश की कुल 93 मांस -निर्यातक इकाइयों में 75 पश्चिम में ही हैं। इसमें सबसे ज्यादा 26 मेरठ में और 18 मुरादाबाद में हैं। साथ ही खेती पर भी घटती पशु संख्या का असर होने लगा है। गोबर की खाद के लाले पड़ने लगे हैंै। सन् 2003 की पशु गणना में पश्चिम उ.़प्र. के अंदर 39 लाख पशु पाये गये थे। सन् 2007 में वे आधे से भी कम 19 लाख ही रह गये। उसके बाद सन् 2012 की गणना के आंक ड़े अभी तक जारी ही नहीं किए गए हैं।
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