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यदि हम जीवन जीने की शैली को कुछ बदल लें तथा अच्छे उपाय करें तो नजर की कमजोरी ठीक कर सकते हैं।
० प्रात: उठकर घास पर 10-15 मिनट नंगे पैर चलें।
० नहाने से पूर्व मुख में पानी भरकर और आंखें खोलकर साफ पानी से छीटें मारें या बाल्टी में साफ पानी भर कर चेहरे को थोड़ा पानी में डुबाकर पानी में आंखें 10-15 बार खोलें व बन्द करें।
० रोज प्रात: हल्के गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक डालकर टोटीदार लोटे से दोनों नथुनों से जलनेति क्रम से करें, फिर घी या सरसों का तेल लगा लें।
० रात्रि में 2-3 ग्राम त्रिफला चूर्ण 20-25 मि.ली साफ पानी में मिलाकर कांच के गिलास में ढक कर रख दें। प्रात: पानी निथारकर छानकर एक बर्तन में रख लें। उसमें आंख डुबोकर बार-बार खोलें व बन्द करें। (30-40 बार)
० रात्रि में सोने से पूर्व पैर के तलुओं पर गाय घी अथवा सरसों के तेल से मालिश करें। साथ-साथ पैर के अंगूठे में भी मालिश करें।
० आंखों के व्यायाम प्रात:-सायं करें। अपनी तर्जनी उंगली को खड़ी करके उसके अग्रभाग में नजर जमाकर उंगली पास-दूर करें फिर उंगली को चक्राकार घुमाएं। ऐसा कई बार करें।
० हरी शाक सब्जियां खाएं। कच्चा सलाद, पके फल और मेवे भिगाकर साफ करके उचित मात्रा में खाएं।
० रसदार मीठे फल, नारंगी, अनानास, अंगूर, आम, टमाटर, नींबू, नासपाती, वेलफल, बेर, अमरूद, पपीता, सेब, केला, खजूर आदि मौसम के फल खाएं।
० हरी धनिया, पुदीना, पालक, चौलाई, बन्द गोभी, हरी मटर, मेथी, बथुआ साग, गाजर, करेला, तोरी, हरी मिर्च आदि खाएं।
० पर्याप्त मात्रा में दूध पिएं, घी खाएं।
० घी सदैव सब्जी में डालकर खाएं। (उच्च रक्तचाप वाले न लें)
० रोज प्रात: खाली पेट दोनों हाथों की तर्जनी व मध्यमा उंगली के नीचे जड़ पर तथा पैर की इन्हीं दो उंगलियों के नीचे आधा से एक मिनट क्रम में तीन बार दबाव देकर एक्यूप्रेशर चिकित्सा करें। (किसी चिकित्सक से सीखकर करें)
० दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
० प्रात:-सायं भस्त्रिका, अनुलोम विलोम, कपालभांति और भ्रामरी प्राणायाम करें।
० रोज प्रात: योगासान करें या पूरे शरीर का व्यायाम करें।
० खाना हल्का सुपाच्य एवं शाकाहारी करें।
० आंखों को धूल, मिट्टी, धुंआ, प्रदूषण, गन्दा पानी, अधिक धूप, अधिक ठंड आदि से बचाएं।
० यात्रा करते समय, बस, रेलगाड़ी व अन्य वाहनों में चलते-चलते कुछ न पढ़ें।
० अधिक रात्रि जागरण न करें, अधिक अंग्रेजी दवाएं सेवन न करें।
घरेलू चिकित्सा द्वारा उपचार
० 200 ग्राम बादाम गिरि, 200 ग्राम सौंफ, 20 ग्राम दक्षिणी मिर्च (सफेद मिर्च) पीसकर 50 ग्राम घी में अच्छी तरह रगड़ लें तथा 400 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। 2-2 चम्मच दवा गाय दूध के साथ सुबह-शाम 3-4 माह सेवन करने से नजर में इजाफा होता है। साथ में ऊपर बताए अन्य उपाय भी करें।
० गोरखमुंडी का अर्क 25-30 मिली नित्य प्रात: कुछ दिन सेवन करने से नजर बढ़ती है।
० एक हल्दी की गांठ को नीबू में छेदकरके अन्दर रख दें। जब 8-10 दिन में नीबू सूख जाए तो फिर दूसरे नींबू में अन्दर रख दें। यह प्रक्रिया 3 बार करें। अर्थात् एक महीने बाद उस गांठ को गुलाब जल की कुछ बूंदें पत्थर में डालकर घिसकर अंजन की तरह आंख में लगाएं। कुछ दिन लगाने से आंख की रोशनी में फायदा होगा।
० 100-100 ग्राम अश्वगन्धा चूर्ण, आंवला चूर्ण तथा मुलैठी चूर्ण मिलाकर रख लें। 4-5 ग्राम दवा रोज प्रात: सायं दूध के साथ 2-3 माह लेने से आंखों की कमजोरी में लाभ होता है।
ल्ल डॉ. भारत सिंह
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