धमाकों से धमकाने का असर नहीं
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पटना की हुंकार रैली में असामाजिक तत्वों द्वारा कई जगह बम धमाके कर जनता को डराने की कोशिश की गई। धमाके मध्यम श्रेणी के थे। प्राप्त सूचना के अनुसार 6 लोगों की जान चली गई है, जबकि 83 लोगों की हालत गंभीर है। असमाजिक एवं विघटनकारी तत्वों ने इस रैली को असफल करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। अंतत: नीचता का परिचय देते हुए क्रमबद्घ धमाके किए गये परंतु दहशत फैलाकर रैली को असफल करने का प्रयास जनता ने विफल कर दिया। जनता ने धैर्य का परिचय देते हुए नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण सुना। रैली में अनुमानत: पांच लाख से अधिक संख्या में लोग थे जो कि अपने आप में एक इतिहास है। रैली को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा के लिए दल से बड़ा देश होता है। भाजपा के कार्यकर्ता सुशासन, अच्छी व्यवस्था एवं विकास के लिए हर समय कुर्बानी देने को तैयार रहते हैं। इतिहास इस बात का गवाह है।
उन्होंने पूर्व की घटनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में भाजपा एक बड़े दल के रूप में सन् 2000 के विधानसभा के चुनाव में सामने आई थी, परंतु आधी से कम सीटें जीतने वाली जद (यू) को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया। यह और बात है कि नीतीश कुमार बहुमत साबित नहीं कर सके और एक हफ्ते में सरकार गिर गई। सन् 2005 में भाजपा-जद (यू) की सरकार बनी। उन्होंने सभी राजनीतिक व आर्थिक विश्लेषण कर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे बताएं कि गठबंधन में किस दल के मंत्रियों ने ज्यादा बेहतर कार्य किया। सबका उत्तर यही होगा कि गठबंधन में भाजपा के मंत्रियों ने बेहतर काम किया जिससे बिहार में बदलाव आया।
बदलाव का संकेत भाजपा के मंत्रियों के कुशल कार्यशैली के कारण ही आया। सन् 2010 के चुनाव में भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं की अपेक्षा थी कि वे बिहार में प्रचार करने आएं। क्योंकि इससे उनकी समझ में वोटों का नुकसान होता। जद (यू) का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि गठबंधन दल का इरादा नहीं था कि वे प्रचार करने आएं।
नरेंद्र मोदी ने वंशवाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन वंशवाद है। इसलिए वे कांग्रेस के युवराज को शहजादा कहते हैं। उन्हांेने कहा कि लोकतंत्र के चार प्रमुख दुश्मन हैं-वंशवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता एवं मौकापरस्ती। दुर्भाग्य से बिहार की राजनीति में ये चारों तत्व मौजूद हैं। अपने भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने बिहार की सभी आंचलिक भाषाओं में बिहार की गौरव गाथा प्रस्तुत की। श्री मोदी ने हुंकार रैली से गरीबों को जोड़ते हुए कहा कि इस देश में गरीबी मुक्त भारत बनाने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करना होगा। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि जो जेपी को छोड़ सकता है वह बीजेपी को कैसे नहीं छोड़ सकता?
बिहार में मुस्लिमों के उत्थान की तमाम बातें की जाती हैं, परंतु बिहार सरकार द्वारा हज यात्रियों का कोटा भी नहीं भर पाता है। यहां सात हजार से अधिक हज यात्रियों का कोटा है, जबकि छह हजार तक हीं आवेदन आते हैं। विकास की अवधारणा यहां बेमानी है, क्योंकि बीस सूत्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन में बिहार 20वें पायदान पर है। उन्होंने बिहार के सभी लोगों से आह्वान किया कि आइए, सभी मिलकर गरीबी को परास्त करें और देश को सुशासन दें।
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