संस्कृति की थाप स्वामी जी की छाप
|
कोलंबो में स्वामी विवेकानंद सार्द्ध शती समारोह
श्रीलंका में स्वामी विवेकानंद सार्द्ध शती समारोह
कुल 140 सम्मेलनों का आयोजन हुआ।
लगभग 1 लाख हिन्दुओं ने सम्मेलनों में भाग लिया
करीब 5 लाख हिन्दू समारोह के जरिए सम्पर्क में आए।
प्रतिनिधि
स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गत दिनों श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में विशाल राष्ट्रीय हिन्दू सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इसमें श्रीलंका के 25 जिलों के 640 गांवों से करीब 10,000 हिन्दुओं ने भाग लिया। माना जा रहा है कि श्रीलंका में इतनी बड़ी संख्या में हिन्दू समाज किसी स्थान पर पहली बार एकत्रित हुआ है।
सम्मेलन का शुभारम्भ श्रीलंका के पशुधन एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अरुमुगन थोंडमन द्वारा ध्वजारोहण से हुआ। कार्यक्रम को स्वामी विवेकानंद सार्द्ध शती समारोह समिति, भारत के राष्ट्रीय सचिव श्री अनिरुद्ध देशपांडे, रा.स्व.संघ, भारत के दक्षिण क्षेत्र कार्यवाह श्री एस. राजेन्द्रन, विश्व हिन्दू परिषद्, तमिलनाडु (भारत) के श्री आर.बी.वी.एस. मनियन एवं रामकृष्ण मिशन, कोलंबो के अध्यक्ष स्वामी स्वरूपानंद ने संबोधित किया।
श्री अनिरुद्ध देशपांडे ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विश्व को जाग्रत करने का काम किया। वैश्विक बंधुत्व के विचार को उन्होंने जगह-जगह फैलाया। स्वामीजी का व्यक्तित्व हम सबके लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद सन् 1897 में विश्व धर्म सम्मेलन से कोलंबो लौटे थे। ऐसे में यहां हिन्दू सम्मेलन होने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीलंका की संसद के सदस्य एवं कोलंबो के प्रसिद्ध पुनंबलावनेश्वरर मन्दिर के न्यासी श्री डी. स्वामीनाथन ने की। इस अवसर पर चिन्मय मिशन के ब्रह्मचारी दर्शन चैतन्य, बौद्ध संत अमरापुरा निक्या, श्रीलंका की संसद के सदस्य, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एवं हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सम्मेलन से पूर्व शहर में शोभायात्रा का आयोजन भी हुआ। लोग स्वामी विवेकानंद के संदेश लिखे चित्र साथ लेकर चल रहे थे। शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। शोभा यात्रा का समापन आयोजन स्थल पर हुआ। यहां अनेक हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शनी भी लगाईं। जिन्हें देखकर सम्मेलन में आए लोग प्रफुल्लित हो उठे।
उल्लेखनीय है कि सन् 2013 स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती का वर्ष है। हिन्दू स्वयंसेवक संघ ने इसे सम्पूर्ण श्रीलंका में मनाने का निश्चय किया था। इसी के चलते हर स्तर पर समितियों का गठन किया गया। समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम 26 फरवरी, 2012 को किया गया। इस दौरान सम्पूर्ण श्रीलंका में छोटे-बड़े कुल 140 सम्मेलन सम्पन्न हुए। इन कार्यक्रमों के जरिए करीब 5 लाख लोग सम्पर्क में आए। करीब 1 लाख हिन्दुओं ने सम्मेलनों में भाग लिया। कोलंबो का विशाल राष्ट्रीय हिन्दू सम्मेलन श्रीलंका में स्वामी विवेकानंद सार्द्ध शती समारोह का समापन का कार्यक्रम था। प्रतिनिधि
वनवासी कल्याण आश्रम की मांग
खत्म हो बंधुआ मजदूरी
गत दिनों हावड़ा (प.बं.) के कृष्णा भवन में अ.भा. वनवासी कल्याण आश्रम की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कल्याण आश्रम के अध्यक्ष श्री जगदेवराम उरांव, उपाध्यक्ष श्री जलेश्वर ब्रह्म एवं श्री कृपा प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री गुणवंत सिंह कोठारी सहित देशभर के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। कार्यसमिति का मुख्य विषय बंधुआ मजदूरों की स्थिति पर चर्चा करना था। कार्यसमिति का मानना है कि इस कुप्रथा से सर्वाधिक पीड़ित अनुसूचित जातियों-जनजातियों के लोग एवं सुदूर वन्य क्षेत्र के बालक-बालिकाएं होते हैं। इस बंधुआ मजदूरी को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए बैठक में अनेक सुझाव भी आए।
बैठक में वर्तमान ज्वलंत मुद्दों के साथ ही असम के राभा-होजोंग क्षेत्र में हुई हिंसा पर गंभीर चिंता प्रकट की गई है। कार्यसमिति ने इस हिंसा के लिए एक प्रस्ताव पारित कर न्यायिक जांच की मांग की है। आश्रम के उपाक्ष्यक्ष श्री जलेश्वर ब्रह्म के नेतृत्व में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर एक विस्तृत जांच रपट भी तैयार की जा रही है। साथ ही पीड़ितों की सहायतार्थ अनेक कार्यक्रमों की रचना भी की गई है।
टिप्पणियाँ