|
पता चला है कि 4 दिन पहले ही वेंकटाद्रि सिनेमा घर के पास निगरानी कैमरों की तार काट दी गई थी। इससे साफ जाहिर है कि इलाके की पूरी छानबीन के बाद धमाकों को अंजाम दिया गया। इससे पहले भी सूत्रों के हवाले से खबर आ रही थी कि वारदात की जगह के पास वाले सीसीटीवी कैमरे खराब थे। साजिश के तहत सीसीटीवी कैमरों को धमाकों से पहले खराब किया गया था।
खुफिया एजेंसी के हाथ कुछ अहम सुराग भी लगे हैं। घटनास्थल से अमोनिया, यूरिया, पेट्रोल, आईइडी और स्पलिंटर मिले हैं। शक के दायरे में तीन लोग हैं। उनमें से एक का नाम तबरेज बताया जा रहा है जो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है, जबकि दूसरे का नाम वकार है, जो बिहार के समस्तीपुर का है और तीसरा है मंजर, जो झारखंड का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि तबरेज फर्जी नाम से एक होटल में ठहरा हुआ था। इंडियन मुजाहिदीन की स्थानीय गुप्त इकाई को धमाके की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सात जगहों पर धमाकों की साजिश थी, जिसमें सिकंदराबाद और वाइजैग भी शामिल थे।
टिप्पणियाँ