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महाराष्ट्र निवासी स्वर्गीय लक्ष्मण राव ईनामदार पेशे से वकील थे। वे बचपन से ही संघ के स्वयंसेवक रहे। पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक रहे श्री ईनामदार सहकारिता आन्दोलन के विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने सहकारिता आन्दोलन को सैद्धांंतिक और मूल्याधारित दर्शन दिया। सहकार भारती ने पहली बार 'स्वर्गीय लक्ष्मण राव ईनामदार' के नाम से सहकारिता पुरस्कार देने की घोषणा की। इस वर्ष यह पुरस्कार असम के गुवाहाटी में 'समय कोऑपरेटिव बैंक' के संस्थापक दीपक कुमार बरठाकुर को प्रदान किया गया। जिस राज्य में आतंकवादियों का आतंक हो वहां किसी वित्तीय संस्था को शुरू करना जोखिम भरा काम था, परन्तु दीपक कुमार ने इस चुनौती को स्वीकार किया। असम राज्य में सहकारिता आन्दोलन को एक नई दिशा दी। दूर-दराज क्षेत्रों में सहकारी बैंक की सुविधाएं पहुंचाई गईं। दीपक कुमार कहते हैं कि यह काम बैंक के समर्पित कार्यकर्ताओं एवं निवेशकों की वजह से ही हो पाया है। कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य रखना संघ से ही सीखा। उन्होंने कहा कि बैंक की जमाराशि लगभग 80 करोड़ रु. हो गई है, शीघ्र ही हम 100 करोड़ को पार कर लेंगे।
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