हिन्दू समाज यह अपमान सहन नहीं करेगा-अशोक सिंहल, संरक्षक, विश्व हिन्दू परिषद
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देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा रा.स्व.संघ और भाजपा के संबंध में दिये गये आपत्तिजनक बयान की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने कहा कि यह बड़ा आश्चर्य है कि जब देश के सभी हिन्दू सम्प्रदायों के जगद्गुरु आचार्य, महामंडलेश्वर और लाखों संत कुंभ के महापर्व पर एकत्र कोटि-कोटि हिन्दुओं के बीच प्रवचन में लगे हुये हैं, उस समय हिन्दू समाज को आतंकवादी तथा भगवा आतंक का स्वर उठाने में उनको तनिक भी लज्जा नहीं आई। यदि हमारे गृहमंत्री अपने इस कथन के प्रति पूरे हिन्दू समाज से माफी नहीं मांगते तो संतों को कोई उग्र कदम उठाना पड़ेगा। इस देश को एक ऐसा गृहमंत्री चाहिए जो पाकिस्तान की भाषा में बोलने वाला न हो। हजारों वर्षों से हिन्दू समाज तथा हिन्दू धर्म का अन्याय, हिंसा, छल-कपट में कभी विश्वास नहीं रहा है। हिन्दू समाज और भगवा वस्त्र पर हिंसा और आतंक का आरोप संत तथा हिन्दू समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता है। यह विचार श्री सिंहल ने गत 23 जनवरी को प्रैस वक्तव्य जारी कर व्यक्त किये।
श्री सिंहल ने वक्तव्य में आगे कहा कि यह बयान कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन सत्र में दिया गया है। हिन्दू समाज को दुनिया में नीचा दिखाने का काम सोनिया गांधी एक वेटिकन ईसाई होने के कारण करती ही आ रही हैं। संतों की श्रृंखला में वरिष्ठतम कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य को हत्या के आरोप में बंदी बनाना इन्हीं के इशारे पर हुआ। कांग्रेस एवं सोनिया गांधी के इस हिन्दू विरोधी एजेंडे के विरुद्ध पूरे हिन्दू समाज को खड़ा होकर तब तक प्रदर्शन करना चाहिए जब तक कि सुशील कुमार शिंदे का इस्तीफा प्राप्त नहीं हो जाता और कांग्रेस माफी नहीं मांगती।
श्री सिंहल ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् कुंभ के अवसर पर एक हिन्दू एजेंडा प्रस्तुत करने वाली है। 100 करोड़ हिन्दू इस देश की संस्कृति से बंधे हुये हैं और हम हमारी संस्कृति का अपमान होता नहीं देख सकते। कपड़े के मंदिर में भगवान रामलला हैं, यह हिन्दू समाज का अपमान है। अयोध्या और सम्पूर्ण भारत के संत कुंभ में इस पर निर्णय करेंगे कि पूरे 70 एकड़ में श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर का निर्माण हो तथा संसद में यह कानून बने। समय आ गया है जब कांग्रेस द्वारा किया गया जाने वाला हिन्दू समाज का अपमान भविष्य में हिन्दू समाज सहन करने को तैयार नहीं ½èþ* |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती पर दीन दयाल शोध संस्थान का विशेष आयोजन
स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती के उपलक्ष्य में विगत दिनो दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा चित्रकूट में मंदाकिनी नदी में पर्यटकों को चित्रकूट की महिमा का बखान करते हुए सेलानियों को नौका विहार कराने में लगीं सभी नावों के बीच साज-सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें 50 के करीब नाव चालकों ने अपनी-अपनी नौकाओं को दुल्हन की तरह सजाया जिसमें एक से बढ़कर एक सजी नावों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में 6-6 नावों की एक टोली बनाकर उनके बीच मंदाकिनी के भरत घाट से लेकर नदी पार नयागांव घाट तक दौड़ प्रतियोगिता भी कराई गयी जिसमें प्रत्येक टोली की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त नावों के बीच अन्त में निर्णायक दौड़ कराई गई जिसमें नाविकों ने अपनी पतवार का कमाल दिखाते हुए अपनी नाव को दौड़ में मेधावी स्थान दिलाया। प्रतियोगिता में प्रथम श्री राममिलन निषाद, द्वितीय श्री विनोद निषाद एवं तृतीय श्री तेजीलाल निषाद की नाव रहीं। अंत में विजयी रही नावों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।
नाविकों का प्रशिक्षण एवं नावों की शोभायात्रा के उद्घाटन अवसर पर नन्हे राजा हेमराज चौबे, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री नीलांशु चतुर्वेदी, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव डा. भरत पाठक आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस दौरान सभी अतिथियों ने मुक्त कंठ से कार्यक्रम की सराहना करते हुए मां मंदाकिनी स्वच्छ रहे, मछली न मारें, साबुन का उपयोग न करें, 'पॉलीथीन' का उपयोग न करें तथा मंदाकिनी को अविरल चलते रहने का आह्वान किया। इस अवसर पर सभी नौकाओं में स्वामी विवेकानंद की प्रदर्शनी लगाकर उनकी शोभायात्रा भी निकाली गई। सभी नाविकों को स्वामी विवेकानंद सार्द्धशती समारोह छपा 'टी-शर्ट' एवं स्मृति चिह्न भी प्रदान किया गया। n |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
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