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'आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का मूल आधार है। आयुर्वेद हमारी परम्परागत धरोहर है। यह कल था, आज है और हमेशा रहेगा। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से हम रोग को जड़ से समाप्त कर एक निरोगी काया का निर्माण कर सकते हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति आज पूरी दुनिया में भारतीय आयुर्वेद के परम्परागत ज्ञान के आधार पर ही विकसित हो रही है। अत: शासन एवं समाज की जिम्मेदारी है कि वह इसे आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे'। उक्त विचार गत दिनों भोपाल में सम्पन्न हुए चार दिवसीय 'पंचम विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2012' के उद्घाटन अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद एवं लोक लेखा समिति के अध्यक्ष डा. मुरली मनोहर जोशी ने व्यक्त किए। वे उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात वैज्ञानिक पद्मश्री डा. विजय भाटकर, राज्य सरकार में मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय एवं आयुष राज्य मंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया मंचासीन थे।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था के सुधार में आयुर्वेद को विशेष महत्व देने का प्रयास मध्य प्रदेश सरकार कर रही है। इसलिए प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त आयुष मंत्रालय की स्थापना भी की गई है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विज्ञान भारती के अध्यक्ष पद्मश्री डा. विजय भाटकर ने कहा कि आयुर्वेद महज सहयोगी नहीं वरन् मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धति है। समस्त चिकित्सा विज्ञानों का समावेश आयुर्वेद में है। यह ऐसी वैश्विक चिकित्सा पद्धति है जो शास्त्र आधारित है। कार्यक्रम में इटली से आए श्री एन्टोनियो मोराल्डी ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया से आए डा. माकर्ो हिन, अर्जेंटिना के जॉर्ज लुई बरहा, स्विट्जरलैंड के ओलिवो वॉर्नर भी उपस्थित थे।
एक्सपो में देश के विभिन्न प्रांतों से आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अठारह चिकित्सक तथा अन्य चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ शामिल हुए। इन्होंने कैंसर, मानस रोग, संधि रोग, श्वास रोग आदि के निदान संबंधी जानकारी प्रदान की।
यहां 'साइंटिफिक राइटिंग इन आयुर्वेद' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न विषय के विशेषज्ञों ने अपनी प्रस्तुति दी। बंगलूरु के श्री एलेक्स हेन्की ने 'क्लेरिटी इन साइंटिफिक राइटिंग' विषय पर प्रस्तुति दी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के श्री किशोर पटवर्धन, मुम्बई की सुश्री सुप्रिया बेलाराव, पुणे के श्री गिरीश टिल्लू आदि वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर प्रस्तुति दी। एक्सपो में भारत के अतिरिक्त अर्जेंटिना, कोलम्बिया, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, चीन, श्रीलंका, अमरीका एवं ब्रिटेन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिनिधि
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