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आतंकवाद खत्म करने के लिएपाकिस्तान पर दबाव जरूरीजम्मू-कश्मीर पुलिस के जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) श्री एस.सी. वैद से जम्मू में मुलाकात हुई। वे आशावान हैं और कहते हैं कि हम आतंकवादियों को जरूर परास्त करेंगे। लेकिन उसके लिए दो जरूरी बातें करनी होंगी। पहली, पाकिस्तान पर आतंकवादियों को मदद न देने का दबाव बनाया जाए और दूसरी, सीमा पार से घुसपैठ पर नियंत्रण किया जाए। उनका कहना है कि जम्मू क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, इंटेलीजेंस ब्यूरो, रा और प्रदेश सी.आई.डी. मिलकर काम कर रही है ताकि हम कोई भी मौका न चूकें। इस क्षेत्र में लश्करे तोइबा नरसंहारों के लिए सबसे बड़ी दोषी है। इसके अलावा हिजबुल मुजाहिद्दीन और हुजी भी सक्रिय हैं। श्री वैद का कहना है कि ग्राम सुरक्षा समितियां आतंकवादियों का प्रतिरोध करने में काफी सफल हुईं हैं और कई समितियों ने 24-24 घंटे तक आतंकवादियों का सामना कर उन्हें खदेड़ा है।ये समितियां बनाने में श्री वैद का बड़ा योगदान है। 1994 में वे उधमपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे। वहां माहोर पुलिस चौकी के अंतर्गत आतंकवादियों के हमले को गांव वालों ने बड़ी बहादुरी से अपनी 12 बोर की बंदूक से नाकाम किया था। दो आतंकवादी तो उन्होंने खेत में काम आने वाली दराती से ही मार डाले थे। उन्होंने कहा कि यदि हमें अच्छे हथियार दिए जाएं तो हम आतंकवादियों का डट कर मुकाबला करेंगे। श्री वैद ने तभी उन्हें हथियार बांटने का फैसला किया और तत्कालीन आई.जी. श्री सूरी से अनुरोध किया कि हथियार बांट दिए हैं, आप बाद में सरकारी आदेश निकलवाकर मुहर लगवा दीजिएगा। लेकिन श्री वैद का कहना है कि आतंकवादियों की आपूर्ति पंक्ति तोड़नी होगी और इसके लिए जरूरी है पाकिस्तान पर दबाव बनाना। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए बेगुनाह नागरिकों की सूची देते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष 30 मई तक 43 हिन्दू और 30 मुसलमान जम्मू क्षेत्र के सातों जिलों में मारे गए। डोडा में 24 हिन्दुओं की हत्या के कारण अभी तक मारे गए हिन्दुओं की संख्या अधिक हो गई है वरना 2005 में जम्मू क्षेत्र में 52 हिन्दू और 156 मुसलमान आतंकवादियों ने मारे थे।10
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