बाल जगत
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बाल जगत

by
Dec 12, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 Dec 2004 00:00:00

सुनो कहानीरत्न-जटित तकियालगभग 450 वर्ष पहले की बात है। दिल्ली में एक हिन्दू दर्जी था। उसकी निपुणता पूरे नगर में प्रसिद्ध थी। उसका नाम था, परमेष्ठी। वह भगवान श्री कृष्ण का परम भक्त था। दिल्ली के तत्कालीन मुगल बादशाह ने उसकी ख्याति सुनकर उससे दो तकिए बनवाने के लिए कीमती मखमल, सोने के तार और हीरे-मोती दिए। उन तकियों को बादशाह अपने सिंहासन पर रखने वाला था। परमेष्ठी तकिए तैयार करके बादशाह को देने चला, पर रास्ते में उसे श्रीकृष्ण का ध्यान आया और वह सब कुछ भूल गया। उसे लगा कि भगवान श्रीकृष्ण सामने ही खड़े हैं। उसे लगा कि इन सुन्दर तकियों में से एक तकिया क्यों न अपने प्रभु को समर्पित कर दे। उसी समय उड़ीसा में जगन्नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकल रही थी। परमेष्ठी दर्जी वर्षों पहले एक बार स्वयं जगन्नाथपुरी उन्हीं दिनों गया भी था, जिन दिनों वहां बड़े समारोह के साथ भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकलती है। परमेष्ठी वह दृश्य देखकर भाव-विभोर हो उठा था। उसने देखा कि जगन्नाथपुरी में जिस यात्रा के रथ के आगे मखमली वस्त्र बिछाए जा रहे थे, लेकिन एक जगह रथ के दबाव से पथ में बिछाया गया वस्त्र फट गया। यह देखकर परमेष्ठी ने अपना एक तकिया मन ही मन जगन्नाथ जी को अर्पित कर दिया। रथ आगे बढ़ते-बढ़ते दूर निकल गया। कोलाहल समाप्त होने पर परमेष्ठी को देह-दशा का भान हुआ। वह बादशाह के दरबार की ओर फिर से चल पड़ा। दरबार में जाकर परमेष्ठी ने जब बादशाह को सिर्फ एक ही तकिया दिया, तो वह आग बबूला हो उठा, पूछा- दूसरा तकिया कहां है? तो परमेष्ठी ने कहा “मैंने वह प्रभु जगन्नाथ जी को भेंट कर दिया”। बादशाह ने इसे उसकी चाल समझकर उसे हथकड़ी-बेड़ी से कसकर कारागार में कैद करा दिया। भजन ध्यान में मग्न रहा। रात में उसे नींद में पता ही न चला कि उसकी हथकड़ी, कब टूटकर अलग हो गई और कारागार के द्वार का ताला भी टूटकर धरती पर जा गिरा, लेकिन वह वहां से निकला नहीं। उधर रात में ही बादशाह को सपने में किसी भयंकर चेहरे वाले आदमी ने डंडे से इतना मारा -पीटा कि वह जागकर चिल्लाने लगा। उसने सुना कि कोई गुस्से में कह रहा था कि तूने उस सच्चे आदमी को कैद कर रखा है जिसने कोई तकिया नहीं चुराया। वह कारागार गया तो देखा कि द्वार खुला है। हथकड़ी-टूटी पड़ी है और परमेष्ठी आंखें बंद किए किसी ध्यान में खोया है। बादशाह ने परमेष्ठी से अपने किए की माफी मांगी और उसे साथ ले जाकर वस्त्राभूषणों से सजाया। हाथी पर बैठाकर बहुत-सा धन भेंटकर उसे घर भेजा।-मानस त्रिपाठीबूझो तो जानेंप्यारे बच्चों! हमें पता है कि तुम होशियार हो, लेकिन कितने? तुम्हारे भरत भैया यह जानना चाहते हैं। तो फिर देरी कैसी?झटपट इस पहेली का उत्तर तो दो। भरत भैया हर सप्ताह ऐसी ही एक रोचक पहेली पूछते रहेंगे। इस सप्ताह की पहेली है-केरल में अवतार लिया, शंकर था उनका नाम, भारत के चारों कोनों में स्थापित कीन्हें धाम।इन चारों की यात्रा से तुम जीवन सफल बनाना, पर जाने से पहले उनका नाम हमें बतानाउत्तर : (बद्रीनाथ, जगन्नाथ, द्वारिका रामेश्वरम्)23

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies