स्पेसएक्स ने रविवार को अपने सबसे बड़े रॉकेट स्टारशिप का सफल परीक्षण किया। यह अब तक का सबसे जोखिमभरा परीक्षण था। इसमें कंपनी ने पहली बार बूस्टर को वापस लॉन्च पैड पर उतारा। यह अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में एक बड़ा कदम है।
स्टारशिप दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। यह 121 मीटर लंबा है। इसमें 33 मीथेन इंजन लगे हैं। इस रॉकेट ने टेक्सास के दक्षिणी छोर से सुबह 7:25 बजे उड़ान भरी। यह जगह मैक्सिको की सीमा के पास है। स्टारशिप ने मैक्सिको की खाड़ी के ऊपर उड़ान भरी। उड़ान के लगभग ढाई मिनट बाद, सुपर हैवी बूस्टर स्टारशिप के ऊपरी हिस्से से अलग हो गया। बूस्टर सात मिनट बाद वापस आया।
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लॉन्च टॉवर पर बूस्टर को सुरक्षित लैंड कराया गया। भुजाओं (मेकाजिला ) ने 71 मीटर लंबे बूस्टर को पकड़ा। एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर लिखा, “टॉवर ने रॉकेट को पकड़ लिया है!”
कंपनी के कर्मचारी खुशी से चिल्ला उठे। स्पेसएक्स के डैन ह्यूट ने कहा, “आज के जमाने में भी, जो हमने देखा वह जादू है। मैं अभी कांप रहा हूं।”कैलिफोर्निया के हॉथोर्न में स्पेसएक्स के मुख्यालय से केट टाइस ने कहा, “दोस्तों, यह इंजीनियरिंग के इतिहास की किताबों में दर्ज होने वाला दिन है।”
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स्टारशिप का ऊपरी हिस्सा स्टेनलेस स्टील का बना था। बूस्टर से अलग होने के बाद यह पृथ्वी का चक्कर लगाता रहा। फिर इसे हिंद महासागर में नियंत्रित तरीके से उतारा गया। वहां यह सुरक्षित तरीके से डूब गया। इस दौरान यान की गति 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच गई थी और तापमान 1,430 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था। यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी लेकिन सबकुछ सही तरीके से हुआ।
पूरी उड़ान एक घंटे से कुछ ज्यादा चली। यह मिशन भारतीय समय के अनुसार शाम 5:54 बजे शुरू हुआ। इसे फ्लाइट 5 नाम दिया गया था। इससे पहले भी चार बार प्रयास किया गया था। जिसमें स्टारशिप या तो नष्ट हो गए या समुद्र में गिर गए। जून में हुआ परीक्षण अब तक का सबसे सफल परिक्षण रहा था। इस परीक्षण में कई नई चीजें की गईं। इस बार एलन मस्क ने जोखिम बढ़ाया। उन्होंने बूस्टर को वापस लॉन्च पैड पर लाने का फैसला किया। यह वही हिस्सा था जो रॉकेट को ऊपर उठाने में मदद करता है।
इंजीनियरिंग चुनौतियां
उड़ान निदेशक को यह फैसला करना था कि लैंडिंग की कोशिश की जाए या नहीं। यह फैसला तुरंत लेना था। इसके लिए बूस्टर और लॉन्च टॉवर दोनों को अच्छी हालत में होना जरूरी था। अगर ऐसा नहीं होता, तो बूस्टर पहले की तरह खाड़ी में गिर जाता। स्पेसएक्स पिछले नौ साल से अपने छोटे फाल्कन 9 रॉकेट के बूस्टर को वापस ला रहा है। लेकिन ये बूस्टर समुद्र में तैरते प्लेटफॉर्म पर या लॉन्च पैड से कई मील दूर कंक्रीट के स्लैब पर उतरते हैं। वे अपनी शुरुआती जगह पर वापस नहीं आते।
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अंतरिक्ष में मानव मिशनों के लिए होगा प्रयोग
बूस्टर को दोबारा इस्तेमाल करने से लॉन्च की गति बढ़ेगी। इससे स्पेसएक्स को लाखों डॉलर की बचत भी होगी।। नासा ने भी चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए स्पेसएक्स को दो स्टारशिप का आदेश दिया है। स्पेसएक्स भी भविष्य में स्टारशिप का उपयोग चंद्रमा और मंगल पर मानव मिशनों के लिए करने की योजना बना रहा है। कंपनी एक ऐसी प्रणाली विकसित करना चाहती है जो लोगों और सामानों को अंतरिक्ष में आसानी से ले जा सके। यह परीक्षण अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक बड़ा कदम है। स्पेसएक्स की यह सफलता पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात है।
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