नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता से संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित याचिका की स्थिति की जांच करे और उसकी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करे। यह निर्देश हाईकोर्ट की डबल बेंच, जिसमें जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला शामिल हैं, ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
मामला क्या है?
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश सरकार के सामने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था, जो भारतीय संविधान और नागरिकता अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने गृह मंत्रालय से मांग की थी कि वह राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करे और उनके द्वारा दायर किए गए अभ्यावेदन पर स्थिति रिपोर्ट पेश करे।
स्वामी ने 6 अगस्त 2019 को गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश सरकार को अपनी राष्ट्रीयता के बारे में गलत जानकारी दी थी, जिससे वह ब्रिटिश नागरिक माने गए। स्वामी ने इसके आधार पर, उन्होंने राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को रद्द करने की मांग की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित याचिका की जानकारी एकत्र करने के लिए कुछ समय दिया जाए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिका की स्थिति की जांच करे और उसकी प्रति प्राप्त करे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक ही मुद्दे पर दो अदालतें एक साथ सुनवाई न करें। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह न्याय के हित में होगा कि पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण न हो रहा हो।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का पक्ष
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या उसने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता से जुड़े अभ्यावेदन पर कोई निर्णय लिया है। यह जनहित याचिका कर्नाटक के भाजपा कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने इस मुद्दे पर गहन जांच की है और नई जानकारियां प्राप्त की हैं।
राजनीतिक विवाद
राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक विवादों में घिरा हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। अब दिल्ली हाईकोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई यह सुनिश्चित करने के लिए है कि राहुल गांधी की नागरिकता के मामले में कोई कानूनी चूक न हो। आगामी सुनवाई में यह स्पष्ट होगा कि इन आरोपों पर क्या कार्रवाई की जाएगी और केंद्र सरकार किस प्रकार इस मुद्दे को हल करेगी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायालय क्या निष्कर्ष निकालता है और आगे की कार्रवाई क्या होगी।
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